
आपको जानकर ये आश्चर्य होगा कि राजस्थान के बीकानेर में हरी सब्जियां से ज्यादा महंगी सूखी सब्जियां होती है. हरी सांगरी, फोफलिया, ग्वारफली और केर जैसी सब्जियां सूखी होने के बाद 10 गुना तक महंगी होती है. इनका स्वाद…और पढ़ें
- राजस्थान में सूखी सब्जियों की मांग बढ़ी.
- हरी सब्जियों को सुखाने पर कीमत 10 गुना बढ़ जाती है.
- सूखी सब्जियां सेहत के लिए फायदेमंद होती हैं.
बीकानेर. बीकानेर में सूखी सब्जियों का खजाना है. यहां हरी सब्जियां सूखने के बाद 10 गुना महंगी हो जाती है. गर्मी में इन सूखी सब्जियों का सीजन रहता है. लेकिन अब तो पूरे साल ही इन सूखी सब्जियों की डिमांड बनी रहती है. इन दिनों लोग सूखी सब्जियों को बनाकर खा रहे है. इन दिनों इस सूखी सब्जियों की काफी डिमांड बनी रहती है. मजे की बात है कि यहां एक सब्जी को लोग दो बार बनाकर खाते हैं.
1600 रुपये किलो तक बिकती है केर
मोदी ने बताया कि इन हरी सब्जियों को सूखाया जाता है. इसमें मजदूरी भी ज्यादा लगती है. हरी सांगरी 1000 रुपए किलो, फोफलिया 400 से 500 रुपए किलो, ग्वारफली 600 से 700 रुपए किलो, केर 400 से 1600 रुपए किलो, काकड़िया 400 रुपए किलो बेचा जा रहा है. वहीं जब ये सब्जियां हरी होती हैं, तब काकड़िया 30 से 40 रुपये किलो, फली 100 से 120 रुपये किलो, टिंडा फोफलिया 60 से 70 रुपये किलो, काचर 40 रुपये किलो में बिकता है.
यह काकड़ियां की सब्जी है. इसकी राजस्थान में सब्जी बनती है. बाजार में जो ताजा काकड़िया आता है, उसे काटकर सुखाया जाता है. इसको लोग वापस पानी में भिगोकर खाते हैं. इसे सर्दी में लोग बाजरे की रोटी के साथ खाते हैं. यह सूखी सब्जी बाजार में 400 रुपए किलो बेची जा रही है. इस सूखी सब्जी को खाने के बहुत फायदे हैं.
स्वास्थ्य के लिए है बेहद फायदेमंद
यह सूखी सब्जी बीकानेर व आसपास के इलाकों से आती है. इस सूखी सब्जी का अब सीजन खत्म होने वाला है. वे बताते है कि इन सूखी सब्जियों में कई तरह के पोषक तत्व पाए जाते हैं, यह स्वास्थ्य के लिए काफी फायदेमंद है.
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