
इस खास ड्रिंक को जमशेदपुर में लेकर आए हैं पंजाब के लुधियाना निवासी गुरचरण सिंह. लोकल 18 से बातचीत में उन्होंने बताया कि वे 2004 में अपने गांव से सिर्फ दो जोड़ी कपड़े लेकर जमशेदपुर आए थे. शुरुआत में खलासी और फिर ट्रक ड्राइवर की नौकरी की. कुछ सालों बाद अपनी मेहनत से उन्होंने खुद का ट्रक लिया. लेकिन एक हादसे में ट्रक जल जाने के बाद उन्हें फिर से संघर्ष करना पड़ा. आज वे दोबारा खड़े हुए हैं और जमशेदपुर के लोगों के लिए पंजाबियों का खास एनर्जी ड्रिंक “रगड़ा” लेकर आए हैं.
गुरचरण सिंह बताते हैं कि रगड़ा को बनाना आसान नहीं है. इसे तैयार करने में करीब दो घंटे का समय लगता है. एक बार में लगभग 25 गिलास रगड़ा तैयार किया जाता है. इसे बनाने के लिए एक विशेष लाल पत्थर और धातु से बना कटोरा आकार का बर्तन और करीब 15 किलो वजनी नीम की लकड़ी का मूसलनुमा उपकरण इस्तेमाल होता है.
इसमें डाली जाती हैं 9 पोषक सामग्रियां
पुस्तु (पोस्त), सौंफ, गुलाब की पंखुड़ी, काजू, इलायची, मगज, पिस्ता, गोलकी और गुड़ की शक्कर. इन्हें लगातार नीम की लकड़ी से घोटा जाता है जब तक यह गाढ़ा लिक्विड नहीं बन जाता. इसके बाद जो रस निकलता है, वही असली रगड़ा होता है. यह ड्रिंक साकची गुरुद्वारा के पास रोजाना सुबह 10 बजे से रात 7 बजे तक 50 रुपए प्रति गिलास उपलब्ध है.
यहां आने वाले ग्राहक भी इसके दीवाने हो चुके हैं. मनप्रीत सिंह, जो रोजाना रगड़ा पीने आते हैं, कहते हैं कि यह बहुत स्वादिष्ट और ताकतवर ड्रिंक है. वे न सिर्फ खुद पीते हैं बल्कि अपने घरवालों के लिए भी इसे ले जाते हैं. सरदार बिल्ला सिंह बताते हैं कि उनके घर में पहले इसे बनाया जाता था, लेकिन अब जमशेदपुर में ही इसे मिलने से वे रोजाना इसका आनंद लेते हैं.
रगड़ा अब सिर्फ पंजाबियों तक सीमित नहीं, जमशेदपुर के हर कोने से लोग इस एनर्जी ड्रिंक का आनंद लेने साकची पहुंच रहे हैं. यह सिर्फ एक पेय नहीं, बल्कि मेहनतकश लोगों के लिए दिनभर की ताकत का स्रोत बन गया है.
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