
Street Food Delhi : नाम है सोनम. उम्र 38-40 के करीब. चेहरे पर मेहनत साफ नजर आती है. मात्र 40 रुपये में वो ऐसा खाना परोसती हैं, जो शरीर के साथ-साथ दिल को भी तृप्त कर दे.
नई दिल्ली. राष्ट्रीय राजधानी नई दिल्ली की गर्मी कितनी जानलेवा होती है, ये कोई ISBT कश्मीरी गेट पर दोपहर 1 बजे जाकर देखे. धूप सिर पर तप रही होती है, पसीना बदन से टपक रहा होता है, लेकिन ठीक उसी जगह पर एक महिला बिना शिकायत के स्टील के डब्बों में घर जैसा खाना परोस रही होती है. नाम है सोनम. उम्र कोई 38-40 के करीब. चेहरे पर मेहनत की लकीरें साफ नजर आती हैं, लेकिन मुस्कुराहट कभी नहीं छूटती. सोनम दीदी 40 रुपये में चावल, दाल, सब्जी और दो रोटियां देती हैं. और साथ में देती हैं प्यार खाने का स्वाद ऐसा जैसे उसे मां ने परोसा हो. कोई पूछे मुनाफा कितना होता है तो जवाब मिलता है, बस इतना कमा लेती हूं कि बच्चों का पेट भर जाए, और कोई भूखा न रहे.
सोनम अकेली नहीं हैं. उनके पति अब उनके साथ यही काम करते हैं. पहले वो मजदूरी करते थे, अब खाना बनाने और परोसने में हाथ बंटाते हैं. दोनों मिलकर रोज 70 से 80 लोगों को खाना खिलाते हैं. उनके दो बच्चे हैं, जो पास के ही सरकारी स्कूल में पढ़ते हैं. सोनम चाहती हैं कि उनके बच्चे पढ़-लिखकर इज्जत की जिंदगी जिएं और कभी किसी पर निर्भर न रहें.
क्या मिलता थाली में
सोनम दीदी की थाली बिल्कुल घर जैसा स्वाद और सादगी लिए होती है. महज 40 रुपये में वो ऐसा खाना देती हैं, जो शरीर के साथ-साथ दिल को भी तृप्त कर दे. इस थाली में दो नरम-गरम रोटियां होती हैं, बासमती चावल, मौसम के अनुसार ताजी सब्जी (जैसे लौकी-चना, मटर-पनीर या आलू-टमाटर), और घर की बनी दाल, जो कभी अरहर तो कभी मसूर की होती है. साथ में हरी मिर्च, प्याज और नींबू. कभी-कभी वो मीठी खीर या हलवा भी देती हैं, वो भी बिना कीमत बढ़ाए. उनका खाना न ज्यादा तेल वाला होता है, न बाजार जैसा मसालेदार. एकदम साधारण, साफ और ममता से भरा हुआ. यही वजह है कि लोग कहते हैं. यह सिर्फ खाना नहीं, घर का स्वाद है.
Discover more from हिंदी न्यूज़ ब्लॉग
Subscribe to get the latest posts sent to your email.