
बरसात में हर कोई कुछ ना कुछ गरमा-गरम खाना चाहता है. ऐसे में झारखंड की पारंपरिक डिश बर्रा की मांग बढ़ जाती है. इसे सर्दी-खांसी में भी काफी असरदार माना जाता है. हजारीबाग की एक दुकान पिछले 36 सालों से इसके लिए प्र…और पढ़ें
- बर्रा झारखंड की पारंपरिक डिश है
- बर्रा सर्दी-खांसी में रामबाण माना जाता है
- विक्की का ठेला हजारीबाग में बर्रा के लिए प्रसिद्ध है
हजारीबाग: हजारीबाग में इन दिनों बारिश रिमझिम बरस रही है. ऐसे मौसम में तले-भुने चटपटे खाने की तलब हर किसी को सताने लगती है. ऐसे में झारखंड का स्थानीय स्ट्रीट फूड लोगों की पहली पसंद बन जाता है. इन्हीं स्ट्रीट फूड में एक है बर्रा, जो स्वाद में तो लाजवाब है ही, साथ ही लेकिन घरेलू नुस्खे में सर्दी-खांसी के लिए भी रामबाण माना जाता है. अगर आप हजारीबाग से हैं और बर्रा की कोई अच्छी दुकान ढूंढ रहे हैं, तो विक्की का ठेला आपके लिए एक बढ़िया विकल्प हो सकता है. यहां शुद्ध सरसों के तेल में तलकर बर्रा को पकाया जाता है. जिस कारण लोगों को यह खूब भांता है.
बनाने की है खास विधि
दुकान संचालक विक्की आगे बताते हैं कि इस बर्रा को बनाने की विधि खास है, जिसकी वजह से यह सर्दी-खांसी जैसी मौसमी बीमारियों में असरदार माना जाता है. इसे बनाने के लिए उरद दाल को दरदरा पीसकर उसमें काली मिर्च, जीरा और धनिया मिलाया जाता है. फिर उसे चपटे गोल आकार में बनाकर गर्म सरसों के तेल में तलते हैं. सरसों के तेल में पकने से इसका स्वाद और भी बढ़ जाता है. फिर इसे गरमा गरम ग्राहकों को परोसा जाता है.
उन्होंने आगे बताया कि अगर कोई ग्राहक सर्दी-खांसी से परेशान हो, तो उसे ये बर्रा चटनी के बजाय काला नमक के साथ दिया जाता है. इस लाजवाब स्वाद और घरेलू नुस्खे का अनुभव लेने के लिए आपको हजारीबाग के सरदार चौक पर विक्की के ठेले पर आना पड़ेगा. ठेले की खास पहचान उस पर रखा सरसों तेल का डब्बा है.
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