जमुई जिले में अलग-अलग वैरायटी का मटन आपको मिलेगा. इन्हीं में से एक खास ढाबा भी है, जहां दुर-दराज से लोग जायकेदार मटन का लुत्फ उठाने आते हैं. यहां बिल्कुल बिहारी अंदाज में मटन बनाया जाता है. जिसमें एक छटांक भी पानी नहीं डाला जाता है. फिर भी पीस गलकर टूट जाता है और खाने में मजेरदार लगता है.
यहां बनता है देसी अंदाज में मटन
मुन्ना ढाबा के संचालक मुन्ना कुमार बताते हैं कि उन्होंने जब से यह दुकान खोली है तब से वह बिहारी अंदाज में मटन बनाते आ रहे हैं. उन्होंने बताया कि मटन बनाने में किसी भी तरह से पानी का इस्तेमाल नहीं किया जाता है, जो कि यहां की सबसे बड़ी खासियत है. इसके लिए सबसे पहले वह मटन को अच्छे से भूनते हैं, फिर मसाला डालकर उसे और अच्छे से भूनते हैं और पूरे मटन को भूनकर ही पका दिया जाता है. पकाने के बाद यह इतना जयकेदार होता है कि शाम होने से पहले उनके मटन की बिक्री हो जाती है. यहां मटन खाने के लिए लोग दूर दराज से आते हैं. मुन्ना ने बताया कि उनके यहां का मटन आसपास के अलावा दूसरी जिले के लोग भी कहते हैं.
बेहद पसंद करते हैं लोग, आप भी उठा सकते हैं लुत्फ
मुन्ना ढाबा का मटन इतना फेमस है कि लोग खाने के साथ-साथ इस पैक करवा कर भी ले जाते हैं. यहां मटन की कीमत काफी कम है. अगर आप केवल मटन लेते हैं, तो आपको यह 70 रुपया प्रति पीस मिलेगा. जबकि अगर आप मटन चावल की प्लेट खाते हैं तो आपको 170 रुपए में एक प्लेट मटन चावल दिया जाएगा. मुन्ना रोजाना करीब दस किलो मटन बेचते हैं. गौरतलब है कि जमुई जिला झारखंड से सटा हुआ है तथा यहां उसका प्रभाव भी देखने को मिलता है. आमतौर पर यहां देसी मटन की खूब डिमांड होती है और लोग इसका खूब स्वाद उठाते हैं. ऐसे में अगर आप भी कभी जमुई आने की सोच रहे हैं, तो आप यहां के मुन्ना ढाबा का मटन एक बार जरूर ट्राई कर सकते हैं.
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मीडिया में 6 साल का अनुभव है. करियर की शुरुआत ETV Bharat (बिहार) से बतौर कंटेंट एडिटर की थी, जहां 3 साल तक काम किया. पिछले 3 सालों से Network 18 के साथ हूं. यहां बिहार और झारखंड से जुड़ी खबरें पब्लिश करता हूं.


