
फर्रुखाबाद के दरियावगंज मुख्य मार्ग पर स्थित यह पालक पकौड़े की दुकान बारिश के मौसम में लोगों की पहली पसंद बन गई है. हर सुबह यहां दुकान खुलते ही ग्राहकों की भीड़ उमड़ पड़ती है. खास बात यह है कि इन पकौड़ों को खास…और पढ़ें
- फर्रुखाबाद में पालक पकौड़े की दुकान मशहूर है.
- पकौड़े खास मसालों से बनाए जाते हैं.
- 1 किलो पकौड़े की कीमत 100 रुपए है.
फर्रुखाबाद. भीषण गर्मी के बीच बारिश का मौसम शुरू हो गया है. तो ऐसे में पकौड़े खाने के लिए लोग हमेशा तैयार रहते हैं. वो भी अगर मूंग दाल के मिल जाएं, तो क्या ही कहने. यह खास पकौड़े मिल रहे हैं, लाजवाब चटनी के साथ यूपी के फर्रुखाबाद के दरियावगंज मुख्य मार्ग पर. एक बार इन पकौड़ों को खा लिया, तो बार-बार जरूर मांगेंगे.
फर्रुखाबाद की पालक के पकौड़ों की यह दुकान बहुत मशहूर है. रोजाना सुबह-सुबह खुल जाती है. वहीं, यहां पर आप किसी भी समय जाएं, तो लाइन लगी जरूर दिखेगी. हर कोई अपनी बारी का इंतजार करता है. यही कारण है कि दुकानदार इसे तैयार करने के लिए खुद से तैयार मसालों का एक खास अनुपात में प्रयोग करते हैं. यहां के पकौड़े इतने स्वादिष्ट हैं कि लोग काफी दूर से इन्हें खरीदने के लिए पहुंचते हैं. यहां पर लाइन में लगकर चाट मिलता है. दरियागंज में इस दुकान पर प्रतिदिन हजारों लोगों का आना-जाना होता है. लोग स्वादिष्ट समोसे का लुफ्त उठाते हैं. आलम यह है कि दुकान खुलते ही ग्राहकों की भीड़ लग जाती है.
बस 15 रुपए है कीमत
दुकानदार भगवान सिंह ने बताया कि वह पकौड़े बनाने के लिए सबसे पहले बाजार से खड़े मसाले चुनकर लाते हैं, फिर उन्हें घर पर अच्छे से सुखाकर पीसते हैं. मसालों की शुद्धता और गुणवत्ता बनाए रखने के लिए वह इस प्रक्रिया को खुद करते हैं. पकौड़ों के बेस में मूंग की दाल का पेस्ट डाला जाता है, जिसमें पालक, हरी मिर्च, धनिया, हींग, जीरा, प्याज जैसी हरी सब्जियों के साथ आठ तरह के मसालों का खास अनुपात में मिश्रण किया जाता है. इसके बाद धीमी आंच में गर्म तेल में उन्हें तला जाता है. 1 किलो पकौड़ों की कीमत 100 रुपए रखी गई है, और इनकी क्वालिटी और स्वाद के कारण इनकी मांग लगातार बनी रहती है.
सबसे पहले प्याज, मूंग की दाल, पानी, मिर्च, धनिया, पालक और दूसरी हरी सब्जियों को बारीक काटकर मूंग दाल के पेस्ट में अच्छे से मिलाया जाता है. इसके बाद इसमें पहले से तैयार किए गए खास मसालों का मिश्रण डाला जाता है. फिर इस मिश्रण को शुद्ध तेल में धीमी आंच पर तब तक तला जाता है, जब तक पकौड़ों का रंग हल्का सुनहरा लाल न हो जाए. तैयार होने के बाद इन्हें गर्मागर्म चटनी के साथ परोसा जाता है, जिसका स्वाद लोगों को बार-बार यहां खींच लाता है.
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