
Mithila Recipe For Summers: गर्मियों के मौसम में मिथिला में एक खास व्यंजन खाया जाता है जो खट्टे दही और चावल से बनता है. अब इसे शहरी लोग भी प्रोबायोटिक फूड के रूप में चाव से खाने लगे हैं. जानिए फटाफट रेसिपी.
- मिथिला में गर्मियों में दही-चावल की रेसिपी प्रसिद्ध है.
- घोरजाउर प्रोबायोटिक फूड के रूप में शहरी लोगों में लोकप्रिय.
- दही-चावल की रेसिपी सेहत के लिए फायदेमंद और शुगर फ्री है.
Best Probiotic Food For Summers: मिथिला में एक व्यंजन बड़ा प्रसिद्ध है, जो गर्मी के दिनों में काफी खाया जाता है. यह व्यंजन आमतौर पर हर घर में बनता है. दही और चावल से बनी इस नमकीन रेसिपी को यहां घोरजाउर कहते हैं, जो स्वाद के साथ-साथ सेहत ठीक रखने में भी मदद करता है. इन इलाकों के लोगों को इसकी न्यूट्रीशनल वैल्यू के बारे में अंदाजा भी नहीं है और ना ही ये कि अब शहरी लोग भी इसे प्रोबायोटिक फूड के फॉर्म में जमकर खाने लगे हैं. हालांकि ये सेहत के लिए बेहद फायदेमंद होता है.
मैथिल लोग एक रेसिपी इन दिनों यानी कि गर्मी के मौसम में अपने घरों में खूब बनाते हैं और बड़े चाव से खाते भी हैं. घोरजाउर (दही नमकीन चावल) को गर्मी के मौसम में बनाने के पीछे कई कारण हैं. पहला, कि इस समय कोई भी खाने वाली चीज ज्यादा दिन तक नहीं टिकती, जबकि घोरजाउर दो दिन पुराने दही में बनाकर खा लेते हैं. दूसरा, इसमें दही होता है, जो पेट के लिए काफी फायदेमंद होता है और शरीर को ठंडा रखता है. साथ ही इसमें चीनी नहीं होती, इसलिए यह शुगर फ्री होता है और हर कोई इसे सब्जी के साथ या बगैर सब्जी के स्वाद लेकर खाता है.
बनाने की विधि क्या है
घोरजाउर (दही नमकीन चावल) बनाने की विधि आसान है – इसके लिए दो दिन या एक दिन पुराने खट्टे दही में मात्रा के अनुसार पानी, भीगे हुए चावल और नमक डालकर पकाया जाता है. जब चावल दही में अच्छी तरह पक जाए, फिर सरसों के तेल में जीरा और सूखी लाल मिर्च का तड़का लगाएं. घोरजाउर (दही नमकीन चावल) बनकर तैयार हो जाता है. इसे गर्म-गर्म किसी भी सब्जी या अचार के साथ खाने से स्वाद लाजवाब हो जाता है.
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