
Khedha Bhaji Recipe: बिलासपुर निवासी भाग्यवती ने लोकल 18 को इसकी रेसिपी बताते हुए कहा कि खेड़हा भाजी और दाल को पहले कुकर में पकाया जाता है ताकि यह मुलायम हो जाए. दूसरी ओर एक कढ़ाही में सरसों के तेल और जीरे का त…और पढ़ें
बिलासपुर. छत्तीसगढ़ के ग्रामीण अंचलों में बनने वाली पारंपरिक सब्जियों में खेड़हा भाजी की खास जगह है. यह भाजी स्वाद, पौष्टिकता और लोक-संस्कृति से गहराई से जुड़ी हुई है. जब इसे तीन प्रकार की दालों चना, अरहर और मसूर के साथ मिलाकर पकाया जाता है, तो यह एक ऐसा व्यंजन बनता है, जो स्वादिष्ट भी होता है और शरीर को ताजगी और ताकत देने वाला भी. छत्तीसगढ़ की मिट्टी की खुशबू और देसी स्वाद से भरपूर यह व्यंजन हर छत्तीसगढ़ी के रसोईघर की पहचान है.
बिलासपुर की रहने वालीं भाग्यवती ने लोकल 18 को बताया कि खेड़हा भाजी और दाल को पहले कुकर में पकाया जाता है ताकि यह मुलायम हो जाए. दूसरी ओर एक कढ़ाही में सरसों और जीरे का तड़का तैयार किया जाता है. इसमें लहसुन, अदरक, हरी मिर्च और प्याज का भूनना इसकी खुशबू को और बढ़ा देता है. फिर सूखे मसाले डालकर मसालेदार बेस तैयार किया जाता है और अंत में इसमें टमाटर डालकर पकाया जाता है. तैयार भाजी-दाल को इस मसाले में मिलाकर कुछ मिनट पकाने के बाद ऊपर से हरा धनिया डाल दिया जाता है.
स्वाद के साथ सेहत का भी पूरा ध्यान
यह व्यंजन न सिर्फ स्वाद में शानदार होता है बल्कि स्वास्थ्य की दृष्टि से भी काफी फायदेमंद है. खेड़हा भाजी पाचन क्रिया को बेहतर बनाती है जबकि दालें शरीर को पोषण देती हैं. यह खासकर बच्चों और बुजुर्गों के लिए भी काफी लाभकारी मानी जाती है. खेड़हा भाजी और मिक्स दाल का यह मेल छत्तीसगढ़ के हर घर की रसोई में विशेष अवसरों, खेतों में काम के बाद या बरसात और ठंड के मौसम में जरूर पकाया जाता है. इसे गरमागरम रोटी, चावल या फिर बाजरे की रोटी के साथ खाया जाए, तो स्वाद और तृप्ति दोनों मिल जाती है. खेड़हा भाजी और मिक्स दाल की यह रेसिपी छत्तीसगढ़ के खानपान की समृद्धता, सरलता और सेहतमंद सोच का प्रमाण है. यदि आप भी छत्तीसगढ़ी स्वाद की असली पहचान से जुड़ना चाहते हैं, तो इस रेसिपी को जरूर आजमाएं. यह स्वाद दिल को भी भाएगा और सेहत को भी.
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