चम्पारण मटन की सबसे बड़ी खूबी इसका धीमी आंच पर पकना है. मटन में मसालों की खुशबू ऐसे उतरती है कि हर निवाला गहराई लिए होता है. लगे कि सीधे चम्पारण की गलियों से गरमागरम प्लेट आपकी थाली में रख दी हो.
बिहार के चम्पारण का मशहूर मटन जब हरियाणा में घर पर बनता है, तो ढाबे वाला मज़ा खुद-ब-खुद लौट आता है. धीमी आंच पर पकते मटन की खुशबू घर में ऐसी फैलती है जैसे पूरा माहौल ही स्वाद से भर गया हो.

चम्पारण मटन की सबसे बड़ी खूबी इसका धीमी आंच पर पकना है. मटन में मसालों की खुशबू ऐसे उतरती है कि हर निवाला गहराई लिए होता है. लगे कि सीधे चम्पारण की गलियों से गरमागरम प्लेट आपकी थाली में रख दी हो.

मटन करी की बात आए तो हर किसी का अपना तरीका होता है. कोई मसालों को भूनकर बनाता है कोई दही ज्यादा डालता है. मेरी भी अपनी पसंदीदा रेसिपी है और ढाबा स्टाइल मटन-चिकन तो जहां भी मिले दिल वहीं अटक जाता है.
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इस मटन का स्वाद असली तब आता है जब उसमें घी, बड़ी इलायची, लौंग, काली मिर्च जैसे देसी मसाले डाले जाते हैं. ऊपर से अदरक-लहसुन का ताज़ा पेस्ट पड़ जाए तो तड़कते ही खुशबू ऐसी उठती है कि भूख दोगुनी हो जाती है.

800 ग्राम मटन को देगी मिर्च, हल्दी, नमक और दही के साथ अच्छी तरह मिलाकर थोड़ा आराम देना जरूरी है. इससे मटन नरम भी होता है और मसाले अंदर तक समा जाते हैं. यही स्टेप बाद में पूरी डिश का स्वाद निखार देता है.

थोड़ा तेल गरम करके जीरा, धनिया बीज और तेजपत्ता डालें. फिर प्याज, हरी मिर्च, टमाटर और सूखे मसालों को भूनकर एक गाढ़ा मसाला तैयार करें. यही बेस बाद में ग्रेवी को रंग, खुशबू और परफेक्ट ढाबा स्टाइल टेक्सचर देता है.

जब मटन गल जाए और ग्रेवी पककर गाढ़ी हो जाए तब ऊपर से कसूरी मेथी, अदरक जूलियन और हरा धनिया डालकर मिलाएँ. बस फिर क्या एकदम देसी, सुगंध भरा और ढाबा जैसा चम्पारण मटन तैयार है, जिसे देखकर कोई भी खुद को रोक नहीं पाएगा.


