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3 जून 2025 को रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु ने पहली बार IPL जीता था।
इंडियन प्रीमियर लीग 2025 की चैंपियन बनी रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) टीम बिक सकती है। ब्लूमबर्ग के मुताबिक मैकडॉवल्स व्हिस्की बनाने वाली कंपनी यूनाइटेड स्पिरिट लिमिटेड (USL) इसे 2 अरब डॉलर यानी, करीब 17 हजार करोड़ रुपए में बेचने पर विचार कर रही है।
पहले USL विजय माल्या की कंपनी थी। माल्या के दिवालिया होने पर इसे ब्रिटिश लिकर कंपनी डियाजियो ने खरीद लिया। डियाजियो ही RCB की मालिक हो गई।
क्यों बिक रही है RCB?
- शराब पर फोकस: RCB डियाजियो के मुख्य शराब बिजनेस से अलग है। इसे बेचकर डियाजियो अपने सिर्फ शराब बिजनेस पर फोकस कर सकती है।
- हाई वैल्यूएशन: RCB ने हाल ही में 2025 में अपनी पहली IPL ट्रॉफी जीती। इसने RCB की कॉमर्शियल वैल्यू बढ़ा दी है। ये बेचने का सही समय हो सकता है।
- सरकार का दबाव: केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय IPL जैसे बड़े खेल आयोजनों में शराब और तंबाकू के प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष विज्ञापनों पर पूरी तरह रोक लगाने की मांग कर रहा है। ऐसे में डियाजियो खुद को IPL से अलग करना चाहता है।
IPL के इतिहास में सबसे बड़ा सौदा होगा
अगर डियाजियो RCB को बेचने का फैसला करती है, तो ये IPL के इतिहास का सबसे बड़ा सौदा होगा। जब IPL में दो नई टीमें (लखनऊ सुपर जायंट्स और गुजरात टाइटन्स) जोड़ी गई थीं, तब लखनऊ को RPSG ग्रुप ने 7,090 करोड़ रुपए में और गुजरात को CVC कैपिटल ने 5,625 करोड़ रुपए में खरीदा था। ये अब तक की सबसे बड़ी फ्रैंचाइजी खरीद डील्स मानी जाती हैं।
2 बिलियन डॉलर यानी, करीब 17,000 करोड़ रुपए की RCB की वैल्यूएशन लखनऊ सुपर जायंट्स और गुजरात टाइटन्स की खरीद से कहीं ज्यादा है।

ब्रिटिश कंपनी ने विजय माल्या से खरीदी थी RCB
पहले इस टीम के मालिक शराब कारोबारी विजय माल्या थे, लेकिन 2016 में जब माल्या मुश्किल में फंसे, तो डियाजियो ने उनकी शराब कंपनी के साथ-साथ RCB को भी खरीद लिया।
RCB को 2008 में विजय माल्या ने 111.6 मिलियन डॉलर में खरीदा था। उस समय के हिसाब से रुपए में ये रकम करीब 476 करोड़ रुपए थी। ये उस समय दूसरी सबसे महंगी IPL टीम थी। माल्या की कंपनी USL के जरिए RCB का मालिकाना हक था।
2014 में डियाजियो ने USL में बड़ी हिस्सेदारी खरीदी और 2016 तक माल्या के बाहर होने के बाद RCB की पूरी मालकियत डियाजियो के पास आ गई। अभी RCB का संचालन USL की सब्सिडियरी रॉयल चैलेंजर्स स्पोर्ट्स प्राइवेट लिमिटेड (RCSPL) करती है।

RCB को 2008 में विजय माल्या ने 476 करोड़ रुपए में खरीदा था।
अब तीन जरूरी सवालों के जवाब…
सवाल 1: क्या RCB की पूरी हिस्सेदारी बिक रही है?
जवाब: ब्रिटिश शराब कंपनी डियाजियो हिस्सेदारी का कुछ हिस्सा बेचेगी या पूरी टीम ये अभी फाइनल नहीं है। अभी वो सलाहकारों से बात कर रही है।
अगर डियाजियो RCB को रखती है, तो उसे सख्त विज्ञापन नियमों से जूझना पड़ेगा। साथ ही, RCB को मैनेज करने में खर्च और ब्रांडिंग की चुनौतियां बढ़ेंगी।
सवाल 2: RCB को कौन खरीद सकता है?
जवाब: अभी कोई नाम सामने नहीं आया है, लेकिन 2 बिलियन डॉलर की वैल्यू के साथ बड़े कारोबारी घराने, निवेशक, या ग्लोबल स्पोर्ट्स फर्म्स इसमें दिलचस्पी दिखा सकते हैं। 2015 में JSW ग्रुप ने RCB खरीदने की कोशिश की थी, लेकिन डील नहीं हुई थी।
सवाल 3: क्या RCB की बिक्री से फैन बेस प्रभावित होगा?
जवाब: नहीं, बिल्कुल नहीं। RCB का मैदान पर खेल और फैन बेस खासकर विराट कोहली के फैंस वही रहेंगे। ये सिर्फ मालिकाना हक का मामला है। नए मालिक कोई बड़ा कारोबारी या निवेशक हो सकते हैं, लेकिन टीम का जोश और ब्रांड वैल्यू वैसी ही रहेगी।
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