
भारत सरकार द्वारा 31 दिसंबर, 2023 को गठित 16वें वित्त आयोग की अध्यक्षता नीति आयोग के पूर्व उपाध्यक्ष अरविंद पनगढ़िया कर रहे हैं। आयोग में पूर्णकालिक सदस्य एनी जॉर्ज मैथ्यू (सेवानिवृत्त नौकरशाह) और अर्थशास्त्री मनोज पांडा भी शामिल हैं, जबकि एसबीआई समूह के मुख्य आर्थिक सलाहकार सौम्य कांति घोष एक अन्य अंशकालिक सदस्य के रूप में कार्यरत हैं। ऋत्विक पांडे आयोग के सचिव के रूप में कार्य करते हैं, जिनका समर्थन दो संयुक्त सचिव और एक आर्थिक सलाहकार करते हैं। आयोग को 31 अक्टूबर, 2025 तक अपनी सिफारिशें प्रस्तुत करने का अधिकार है, जो 1 अप्रैल, 2026 से शुरू होने वाली पाँच साल की अवधि को कवर करेगी। इसकी प्रमुख जिम्मेदारियों में केंद्र और राज्यों के बीच कर राजस्व के वितरण की सिफारिश करना, राज्य के राजस्व को बढ़ाने के उपाय सुझाना और आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 के तहत आपदा प्रबंधन निधि के लिए राजकोषीय व्यवस्था की समीक्षा करना शामिल है।
वित्त आयोग एक संवैधानिक निकाय है जिसकी स्थापना भारतीय संविधान के अनुच्छेद 280 के तहत राजकोषीय संघवाद के लिए एक रूपरेखा प्रदान करने के लिए की गई है। एनके सिंह की अध्यक्षता वाले पिछले (15वें) वित्त आयोग ने 2021-2026 की अवधि के लिए राज्यों को विभाज्य कर पूल का 41 प्रतिशत हिस्सा देने की सिफारिश की थी, जो वाईवी रेड्डी के नेतृत्व वाले 14वें वित्त आयोग के समान ही हस्तांतरण दर को जारी रखता है।
RBI Deputy Governor T. Rabi Sankar appointed as a part-time Member of the 16th Finance Commission. pic.twitter.com/UUcjn7C9lv
— ANI (@ANI) June 7, 2025
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