
राज कुशवाहा की मां और बहन ने कहा कि राज सोनम की सलामती के लिए दुआ करता था।
राज की नाबालिग बहन ने रोते हुए ये बात कही। उसने कहा कि मेरा भाई बेगुनाह है। जब से भाई का नाम इस मर्डर केस में आया है, मां चुन्नीबाई (52) बदहवास है। छोटी बहन प्रिया (15) की तबीयत भी खराब हो गई है। वो उठ भी नहीं पा रही है। हम सोनम से एक बार ही मिले थे। वो ऐसा नहीं कर सकती। गरबे के समय सोनम और उसकी टीम से मुलाकात हुई थी। इसके बाद हम नहीं मिले। सोनम कभी घर पर नहीं आई। मेरा भाई कभी भी इतना बुरा नहीं सोच सकता।

राजा के परिवार में दो नाबालिग बहनें हैं। एक बहन का कहना है कि भाई को फंसाया जा रहा है।
राजा की हत्या का पता चलते ही रोने लगा था भाई भाई दो-ढाई साल से काम कर रहा था। उसे कौन फंसा रहा है, हमें नहीं मालूम। हत्या के पहले और बाद में भैया बिल्कुल नॉर्मल रहा। राजा रघुवंशी की हत्या का पता चला तब भैया बहुत रो रहे थे। मां से कहा था कि राजा का परिवार बुरी तरह परेशान है।
सोनम के लिए रोज मंदिर जाता था राज सुहानी ने बताया, राजा के अंतिम संस्कार में राज भैया शामिल हुए थे। हमारा भाई ऐसा कर ही नहीं सकता। वह तो सोनम दीदी की सलामती के लिए घर के मंदिर में रोज दुआ करता था। रोता भी था। कहता था कि राजा भैया की तो लाश मिल गई, लेकिन दीदी कैसी होगी। वे राजा की शव यात्रा में भी गए थे। वहां से लौटकर दो घंटे तक रोए। बोले कि लुटेरों ने ऐसी हालत कर दी कि राजा का चेहरा भी नहीं देख पाया।
विशाल-आकाश को राखी बांधती है सुहानी ने बताया, मैं और मेरी छोटी बहन विशाल (विक्की) और आकाश को राखी बांधते थे। वे हमें छोटी बहन जैसा ही रखते थे। बाकी दो और कौन लोग हैं, मैं नहीं जानती। सोनम से हम इतना नहीं मिले कि उन्हें ज्यादा जान सकें, पर वो ऐसा न कर सकती है ना करवा सकती है।
सोनम का फोन आता था, गाड़ी भरवानी है, बिल बनाना है, इतनी बात करके फोन काट देती थी। राज भैया हमेशा सोनम को दीदी कहते थे। मेरी मम्मी तो कभी सोनम से मिली भी नहीं। वह केवल एक बार ही हमारे घर आई है।
इसलिए सोनम की शादी में नहीं गया राज बहन सुहानी ने बताया कि सोनम की शादी 11 मई को हुई थी। इसी दिन 11 मई 2020 को हमारे पिता जी रामनजर सिंह की ब्रेन ट्यूमर से मौत हो गई थी। इस कारण हम इस दिन को किसी भी तरह से सेलिब्रेट नहीं करते हैं। इसलिए राज उस दिन सोनम की शादी में नहीं गया था।
मां बदहवास, बोली तीन दिन से पानी नहीं पीया राज की मां एक ही बात कह रही है, मेरा बच्चा कभी ऐसा काम नहीं कर सकता। वो मेरा इकलौता बेटा था। दो बेटियों में छोटी बेटी बार-बार बेहोश हो रही है। मैंने भी तीन दिन से पानी नहीं पीया। मेरे पति शांत हो गए, अब कोई मेरे आगे पीछे नहीं है।
वह इतना भोला है कि जिसके भी पैर में जूते-चप्पल नहीं होते तो खुद अपने उतारकर दे देता था। वह नंगे पैर घर आता तो मैं चिल्लाती थी। उसे कहती थी कि खाना नहीं दूंगी, चप्पल कहां से लाऊं, पैसे नहीं है मेरे पास। सोनम के भाई की फैक्ट्री में काम करता था, वहीं पर सोनम भी काम करती थी। अब दोनों एक जगह काम करते हैं तो बातचीत तो होती ही है। उसे झूठा फंसा दिया।
बहन-मां को पहले ही पैतृक गांव भेज दिया राज ने अपनी दोनों बहन और मां को पहले ही उत्तरप्रदेश में कानुपर के पास रामपुर स्थित पैतृक गांव भेज दिया था। 8 दिन पहले ही दोनों लौटी हैं। विशाल ने भी अपने माता-पिता को गांव भेज दिया था।
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इंदौर के ट्रांसपोर्ट कारोबारी राजा रघुवंशी की हत्या पत्नी सोनम के ही सामने की गई थी। मेघालय पुलिस का कहना है कि चार आरोपियों में से एक विशाल चौहान ने राजा के सिर पर पीछे से हमला किया था। उस दौरान सोनम भी वहां मौजूद थी। उसने आरोपियों से चीखकर कहा था- ‘मार डालो इसे।’ पूरी खबर पढ़ें…
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