
एक संयुक्त बयान में, उन्होंने आग्रह किया कि हमले के लिए जिम्मेदार लोगों को बिना देरी के न्याय के कटघरे में लाया जाए।क्वॉड बैठक में विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने आतंकवाद के बदलते स्वरूप और उसके वैश्विक विस्तार की ओर ध्यान आकर्षित किया। उन्होंने यह भी रेखांकित किया कि आतंकवाद अब केवल एक क्षेत्रीय या सीमित समस्या नहीं रही, बल्कि यह एक वैश्विक खतरा बन चुकी है, जिसका सामना बहुपक्षीय सहयोग और समन्वित रणनीति से ही किया जा सकता है। जयशंकर ने यह भी दोहराया कि भारत आतंकवाद के विरुद्ध “जीरो टॉलरेंस” नीति पर चलता है और उसे समर्थन देने वाले देशों व संगठनों को अंतरराष्ट्रीय समुदाय द्वारा जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि आतंकवाद के पीड़ितों और अपराधियों को कभी भी समान नहीं माना जाना चाहिए और भारत को आतंकवादी हमलों से अपने लोगों की रक्षा करने का पूरा अधिकार है।
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चतुष्पक्षीय सुरक्षा संवाद (क्वाड) के सदस्य देशों अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, भारत और जापान के विदेश मंत्रियों ने 22 अप्रैल को हुए आतंकवादी हमले की कड़े शब्दों में निंदा की और सीमा पार आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई का दृढ़तापूर्वक समर्थन किया। पहलगाम हमले में 26 लोग मारे गए थे।चतुष्पक्षीय सुरक्षा संवाद समूह ‘क्वाड’ ने जम्मू कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले की साजिश रचने वालों, उसे अंजाम देने वालों और इसके वित्त पोषकों को बिना किसी देरी के न्याय के कठघरे में लाने का आह्वान किया तथा संयुक्त राष्ट्र के सदस्य देशों से इस संबंध में सहयोग बढ़ाने की अपील की। हालांकि, संयुक्त बयान में मंत्रियों ने पाकिस्तान का या मई में भारतीय और पाकिस्तानी सेनाओं के बीच चार दिन तक चले सैन्य संघर्ष का जिक्र नहीं किया।
विदेश मंत्रियों ने कहा, ‘‘हम मृतकों के परिवारों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करते हैं और सभी घायलों के शीघ्र एवं पूरी तरह से स्वस्थ होने की कामना करते हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हम इस निंदनीय कृत्य के अपराधियों, इसे अंजाम देने वालों और वित्तपोषकों को बिना किसी देरी के न्याय के कठघरे में लाने का आह्वान करते हैं और संयुक्त राष्ट्र के सभी सदस्य देशों से आग्रह करते हैं कि वे अंतरराष्ट्रीय कानून और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रासंगिक प्रस्तावों के तहत अपने दायित्वों के अनुसार इस संबंध में सभी संबंधित प्राधिकारों के साथ सक्रिय रूप से सहयोग करें।’’
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