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पीएम मोदी ने सोमवार को शीतकालीन सत्र शुरू होने से पहले विपक्ष से संसद चलने देने की अपील की। पीएम ने कहा कि विपक्ष बिहार चुनावों में हार के कारण बेचैन नजर आ रहा है।
उन्होंने कहा कि मैं अनुरोध करूंगा कि सभी लोग मुद्दों पर ध्यान दें। ड्रामा करने के लिए बहुत जगह है, जिसे ड्रामा करना है करे। यहां ड्रामा नहीं, डिलीवरी होनी चाहिए।
उधर, प्रियंका ने कहा कि मुद्दे उठाना ड्रामा नहीं है, संसद इसीलिए है। वहीं, अखिलेश यादव ने कहा कि सबको पता है कि ड्रामा कौन करता है।

पीएम के स्पीच 3 बड़ी बातें, कहा- सकारात्मक सोच जरूरी
- विपक्ष ने संसद को या तो चुनावों की ‘वार्म-अप एरीना’ बना दिया है या फिर हार के बाद हताशा निकालने का मंच। मैं सकारात्मकता लाने के लिए विपक्ष को सुझाव देने के लिए भी तैयार हूं।
- बीते दिनों बिहार चुनाव में भी मतदान में जो तेजी आई है, वो लोकतंत्र की ताकत है। माता-बहनों की भागीदारी बढ़ना एक नई आशा और विश्वास पैदा कर रहा है। लोकतंत्र की मजबूती और इसके भीतर अर्थतंत्र की मजबूती को दुनिया बहुत बारीकी से देख रही है। भारत ने सिद्ध कर दिया है डेमोक्रेसी कैन डिलीवर।
- विपक्ष चुनावी पराजय से बेचैन है और हार को पचा नहीं पा रहा है।
- राजनीति में नेगेटिविटी काम कर सकती है, लेकिन राष्ट्र-निर्माण के लिए सकारात्मक सोच जरूरी है। नेगेटिविटी को एक तरफ रखिए और राष्ट्र-निर्माण पर ध्यान दीजिए।
- विपक्ष को भी संसद में मजबूत, प्रासंगिक मुद्दे उठाने चाहिए। चुनावी हार की वजह से जो नाराजगी है, उससे बाहर निकलकर सहयोग करना चाहिए। मुझे लगा था कि बिहार चुनावों को काफी समय हो गया है और वे खुद को संभाल चुके होंगे, लेकिन कल लगा कि हार ने उन्हें अब भी प्रभावित किया है।
- शीतकालीन सत्र हार से पैदा हुई हताशा का रणक्षेत्र या जीत से पैदा हुए अहंकार का अखाड़ा नहीं बनना चाहिए। अगर विपक्ष चाहे तो मैं उन्हें टिप्स देने के लिए तैयार हैं कि कैसे परफॉर्म किया जाए।
प्रियंका गांधी बोलीं- मुद्दे उठाना ड्रामा नहीं
सांसद प्रियंका गांधी ने कहा, चुनाव की स्थिति, SIR और प्रदूषण बहुत बड़े मुद्दे हैं। आइए उन पर चर्चा करें। पार्लियामेंट किसलिए है? यह ड्रामा नहीं है। मुद्दों पर बात करना, मुद्दे उठाना ड्रामा नहीं है। ड्रामा का मतलब है चर्चा न होने देना। ड्रामा का मतलब है उन मुद्दों पर डेमोक्रेटिक चर्चा न करना जो जनता के लिए मायने रखते हैं।
सपा नेता अखिलेश यादव ने कहा,’सबको पता है कि ड्रामा कौन करता है। लोग अपनी जान गंवा रहे हैं, BLO मर गए हैं, क्या यह ड्रामा है? BJP वोटरों को रोकने के लिए पुलिस और बंदूकों का इस्तेमाल करती है। ऐसे शब्दों के खेल से बचना चाहिए।
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