
प्रधानमंत्री मोदी ने पहलगाम आतंकी हमले में मारे गए सैयद आदिल शाह की बहादुरी को सलाम किया. आदिल ने 26 पर्यटकों की जान बचाने की कोशिश की थी. परिवार ने प्रधानमंत्री का आभार जताया.

हाइलाइट्स
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आदिल शाह की बहादुरी को सलाम किया.
- आदिल ने 26 पर्यटकों की जान बचाने की कोशिश की थी.
- परिवार ने प्रधानमंत्री मोदी का आभार जताया.
जम्मू. जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए एक आतंकी हमले में अपनी जान गंवाने वाले खच्चर मालिक सैयद आदिल शाह की बहादुरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सार्वजनिक मंच से सलाम किया है. इस बात से आदिल के परिवार का मनोबल काफी बढ़ा है. उन्होंने प्रधानमंत्री के प्रति आभार जताते हुए कहा कि यह हमारे लिए बहुत सम्मान की बात है कि देश के सबसे बड़े नेता ने हमारे भाई के बलिदान को सार्वजनिक रूप से स्वीकार किया.
22 अप्रैल को पहलगाम के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल बैसरन में आतंकवादियों ने हमला किया था. जिसमें 26 पर्यटकों की मौत हो गई थी और कई घायल हुए थे. इनमें स्थानीय खच्चर मालिक सैयद आदिल शाह की मौत हो गई थी. आदिल शाह वहां पर्यटकों की सेवा में जुटे थे और अपने परिवार की रोजी-रोटी कमा रहे थे.
कटरा में एक जनसभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि ‘युवक आदिल ने आतंकवादियों के खिलाफ लड़ाई लड़ी. वह बस अपने परिवार के लिए ईमानदारी से काम कर रहा था, लेकिन आतंकवाद ने उसकी जान ले ली.’ उन्होंने यह भी कहा कि सरकार जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद के खात्मे के लिए प्रतिबद्ध है और कोई भी ताकत वहां की प्रगति को नहीं रोक सकती.
आदिल के छोटे भाई सैयद नौशाद ने पीटीआई-भाषा से फोन पर बात करते हुए कहा ‘हमारा सिर गर्व से ऊंचा हो गया है. प्रधानमंत्री द्वारा भाई का नाम लेना और उनके बलिदान को स्वीकार करना हमारे लिए बहुत बड़ी बात है.’ नौशाद ने बताया कि आदिल हमले के वक्त पर्यटकों को बचाने की कोशिश कर रहे थे और उसी दौरान आतंकवादियों की गोलियों का शिकार हो गए.
श्रीनगर से लेकर दिल्ली तक, अब आदिल की बहादुरी को सलाम किया जा रहा है. एक सामान्य खच्चर चालक का यह बलिदान दिखाता है कि आतंकवाद से लड़ाई केवल सेना या पुलिस ही नहीं लड़ती, बल्कि आम लोग भी जब जरूरत पड़े तो निडर होकर खड़े हो जाते हैं. सैयद आदिल शाह की कहानी न सिर्फ बहादुरी की मिसाल है, बल्कि यह भी साबित करती है कि देश का हर नागरिक आतंक के खिलाफ एक योद्धा बन सकता है. प्रधानमंत्री मोदी द्वारा उन्हें दिए गए इस सार्वजनिक सम्मान ने यह संदेश दिया है कि देश अपने सच्चे नायकों को कभी नहीं भूलता.
Rakesh Singh is a chief sub editor with 14 years of experience in media and publication. International affairs, Politics and agriculture are area of Interest. Many articles written by Rakesh Singh published in …और पढ़ें
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