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मोदी नामीबिया के राष्ट्रपति के साथ डायमंड बिजनेस, जरूरी खनिजों और यूरेनियम सप्लाई पर चर्चा कर सकते हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 9 जुलाई को दक्षिण अफ्रीका के देश नामीबिया रवाना हो गए हैं। यह 27 सालों बाद किसी भारतीय प्रधानमंत्री का नामीबिया दौरा है। मोदी यहां राष्ट्रपति नेटुम्बो नंदी-नदैतवा से मिलेंगे। दोनों देशों के बीच डायमंड बिजनेस, जरूरी खनिजों और यूरेनियम सप्लाई पर चर्चा की संभावना है।
इसके अलावा मोदी नामीबिया की संसद को भी संबोधित करेंगे। मोदी का नामीबिया दौरा 2 जुलाई से 10 जुलाई तक 5 देशों की यात्रा का हिस्सा है, जिसमें घाना, त्रिनिदाद एंड टोबैगो, अर्जेंटीना, ब्राजील और नामीबिया शामिल हैं। नामीबिया हीरा, यूरेनियम, तांबा, फॉस्फेट और अन्य खनिजों से समृद्ध देश है।
PM मोदी से पहले 1998 में तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी नामीबिया गए थे। इससे पहले 1990 में उस वक्त PM रहे वी पी सिंह, पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी सहित कई हाई रैंक लीडर नामीबिया के स्वतंत्रता दिवस पर वहां गए थे।

नामीबिया में सबसे ज्यादा समुद्री हीरा, भारत को डायरेक्ट नहीं देता नामीबिया में दुनिया का सबसे ज्यादा समुद्री हीरे का भंडार है। यहां समुद्र के नीचे लगभग 80 मिलियन कैरेट से ज्यादा हीरा मौजूद है। हालांकि, नामीबिया भारत को कच्चा हीरा डायरेक्ट एक्सपोर्ट नहीं करता है।
इसके बजाय, ये लंदन, एंटवर्प और दूसरे वैश्विक व्यापार केंद्रों से होते हुए भारतीय तटों तक पहुंचते हैं। PM मोदी की यात्रा हीरे के डायरेक्ट खरीद-बिक्री के लिए आधार तैयार करने में मदद कर सकती है।
खासकर इसलिए क्योंकि भारत की कई डायमंड प्रोसेसिंग कंपनियां पहले से ही नामीबिया में काम कर रही हैं।
भारत ने नामीबिया में माइनिंग, मैन्युफैक्चरिंग, डायमंड प्रोसेसिंग और सर्विसेज सहित कई क्षेत्रों में 800 मिलियन डॉलर (लगभग ₹6,600 करोड़) से ज्यादा का निवेश किया है।
हीरे के अलावा, नामीबिया में कोबाल्ट, लिथियम और दुर्लभ मृदा तत्व (Rare Earth Elements) और मिनरल्स पाए जाते हैं, जो क्लीन एनर्जी की तरफ बढ़ने में भारत के लिए जरूरी है।
नामीबिया यूरेनियम का भी प्रमुख उत्पादक है, जो भारत के सिविलियन न्यूक्लियर एनर्जी प्रोग्राम में मदद कर सकता है।

2022 में बोइंग 747 से नामीबिया से 8 चीते भारत आए थे नामीबिया दुनिया भर में जंगली चीतों की सबसे ज्यादा आबादी वाला देश है। 17 सितंबर, 2022 में भारत सरकार ने नामीबिया सरकार के साथ एक औपचारिक समझौते (MoU) के तहत 8 अफ्रीकी चीतों का पहला बैच मंगवाया था।
इनमें 5 मादाएं और 3 नर थे, जिनकी उम्र तब दो से छह साल के बीच थी। 9 दिन क्वारंटाइन में रखने के बाद PM मोदी ने चीतों के मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में छोड़ा था। PM मोदी ने एक चीते का नाम आशा रखा था। आशा ने दिसंबर 2024 में तीन शावकों को जन्म दिया।

8 चीते ने मोडिफाइड बोइंग 747 पैसेंजर प्लेन से नामीबिया के विंडहोक से मध्य प्रदेश के ग्वालियर पहुंचे थे।
नामीबिया से भारत में चीतों का ट्रांसफर दुनिया में चीतों के पहले अंतरमहाद्वीपीय ट्रांसफर था। भारत में शिकार और जंगलों की कटाई के चलते अफ्रीकी चीतों की प्रजाति 70 साल से विलुप्त हो चुकी थी। अफ्रीकी चीतों को 1952 में आधिकारिक रूप से विलुप्त घोषित किया गया था।
सीधे तौर पर भारत ही एकमात्र ऐसा देश है जिसे नामीबिया ने जंगल में बसाने के लिए चीते ट्रांसफर किए हैं। हालांकि, कुछ चीतों को वैज्ञानिक अध्ययन, चिड़ियाघरों, या जनसंख्या प्रबंधन के लिए अमेरिका और यूरोप के संस्थानों को अस्थायी रूप से भेजा गया है, लेकिन ये सब बहुत ही छोटे पैमाने पर और संरक्षण के मकसद से थे।

दोनों देशों में पिछले साल 4.5 हजार करोड़ का व्यापार पिछले कुछ सालों में भारत और नामीबिया के बीच द्विपक्षीय व्यापार में तेजी देखी गई है। साल 2024-25 में दोनों तरफ से करीब ₹4,858 करोड़ का व्यापार हुआ। भारत का निर्यात ₹2,798 करोड़ और नामीबिया से आयात ₹2,061 करोड़ का रहा।
दोनों देशों में वित्तीय वर्ष 2022-23 में करीब ₹2,320 करोड़ का व्यापार हुआ था, जिसमें भारत का निर्यात ₹2,004 करोड़ था। 2023 में अप्रैल और नवंबर के बीच, 178% की बढ़ोतरी के साथ दोनों देशों के बीच लगभग साढ़े 5 हजार करोड़ का व्यापार हुआ।
8 महीने के दौरान भारत का निर्यात करीब ₹3,488 करोड़ था और नामीबिया से करीब ₹1,962 करोड़ का आयात था। मार्च 24 तक दोनों तरफ से ₹6,735 करोड़ का व्यापार हुआ, जिसमें भारत का निर्यात ₹3,785 करोड़ था।

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मोदी बोले- महामारी ने दिखाया बीमारी को पासपोर्ट नहीं चाहिए, लोग और धरती की हेल्थ जुड़ी हुई

PM मोदी ने ब्रिक्स सम्मेलन में पर्यावरण, जलवायु सम्मेलन (COP-30) और वैश्विक स्वास्थ्य जैसे मुद्दों पर अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि लोगों और धरती का स्वास्थ्य एक-दूसरे से जुड़ा हुआ है।
मोदी ने कहा- कोरोना महामारी ने दिखा दिया कि बीमारी किसी पासपोर्ट या वीजा की मोहताज नहीं होती और इसका समाधान भी सबको मिलकर ही निकालना होता है। इसलिए, हमें अपने ग्रह को स्वस्थ रखने के लिए मिलकर कोशिश करनी होगी। पूरी खबर पढ़ें…
अर्जेंटीना के राष्ट्रपति ने मोदी को गले लगाया, खनिज-व्यापार और निवेश पर बातचीत की

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 5 जुलाई को अर्जेंटीना के राष्ट्रपति जेवियर मिलई से मुलाकात की। राष्ट्रपति जेवियर ने पीएम मोदी को गले लगाकर स्वागत किया। दोनों नेताओं ने ब्यूनस आयर्स में डेलिगेशन लेवल पर बातचीत की।
न्यूज एजेंसी ANI के मुताबिक, मोदी और जेवियर के बीच जरूरी खनिजों, व्यापार-निवेश, ऊर्जा, कृषि सहित कई क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग बढ़ाने पर बातचीत हुई। दोनों देशों में लिथियम सप्लाई पर भी बातचीत हुई। पूरी खबर पढ़ें…
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