
- Hindi News
- International
- PM Narendra Modi Canada G7 Summit LIVE Photos Update; Mark Carney | Donald Trump Giorgia Meloni
- कॉपी लिंक

कनाडा के कैननास्किस में G7 समिट शुरू हो गया है। इस समिट में सभी 7 सदस्य देशों के बीच इजराइल-ईरान संघर्ष पर सहमति बनना मुश्किल नजर आ रहा है।
ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर ने कहा कि, जाहिर है इस पर चर्चा होगी लेकिन प्रस्ताव को ठोस रूप देना बाकी है। हमें लोगों को एक साथ लाना होगा यह कैसे किया जाएगा इस पर बात करनी होगी।
कनाडा की न्यूज वेबसाइट CBC ने अमेरिकी अधिकारियों के हवाले से बताया कि, अमेरिकी राष्ट्रपति इजराइल और ईरान से जुड़े जी7 के जॉइंट बयान पर साइन करने को तैयार नहीं है।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और कनाडा के पीएम मार्क कार्नी के बीच मुलाकात हुई। इस मुलाकात के बाद ट्रम्प ने कहा- G7 पहले G8 हुआ करता था। बराक ओबामा और ट्रूडो दो ऐसे शख्स थे जो रूस को इसमें शामिल नहीं करना चाहते थे। और मैं कहूंगा कि यह एक गलती थी।

कनाडाई पीएम की वर्ल्ड नेताओं के साथ पहली बैठक
कनाडाई पीएम मार्क कार्नी की वर्ल्ड नेताओं के साथ पहली बड़ी अंतरराष्ट्रीय बैठक है। उन्हें 4 चैलेंज का सामना करना पड़ सकता है।
1. ईरान-इजराइल संकट: ईरान का मुद्दा G7 एजेंडा में सबसे ऊपर रहेगा। इस पर सहमति बनाना कठिन साबित हो सकता है।
2. ट्रम्प का टैरिफ: यह समिट ऐसे समय हो रहा है जब वैश्विक व्यापार युद्ध चल रहा है। इसकी ट्रम्प ने की थी। वे कारोबारी रिश्तों को संतुलित करने के लिए टैरिफ का इस्तेमाल कर रहे हैं।
3. 2018 जैसे वॉकआउट से बचना: राष्ट्रपति के तौर पर ट्रम्प की यह दूसरी कनाडा यात्रा है। पहली बार वे 2018 में क्यूबेक के शार्लवॉ में G7 समिट में शामिल हुए थे। उस समय बैठक में माहौल गरमा गया था। ट्रम्प ने कनाडा, मैक्सिको और यूरोप पर स्टील और एल्युमिनियम टैरिफ लगा दिए थे।
4. भारत जैसे देशों से रिश्ते सुधारना: मेजबान कनाडा ने उन नेताओं को भी आमंत्रित किया है, जो G7 के स्थायी सदस्य नहीं हैं, जैसे भारत के पीएम मोदी। पिछले कुछ सालों से भारत-कनाडा के बीच संबंध बेहद तनावपूर्ण हैं। उनके सामने रिश्ते सुधारना एक बड़ी चुनौती होगा।
G7 समिट के पल-पल के अपडेट के लिए नीचे के ब्लॉग से गुजर जाएं…
लाइव अपडेट्स
अभी
- कॉपी लिंक
सवाल-5: समिट में पीएम मोदी क्या करेंगे?
जवाब: प्रो. राजन कुमार बताते हैं कि समिट में आर्थिक मुद्दों, क्लाइमेट चेंज जैसे मुद्दों पर ही बात होगी। आतंकवाद पर भी देशों के लीडर्स गोल-मोल बातें करेंगे। हालांकि G7 की अहमियत अब घटी है। ट्रम्प ने इसके बाकी सदस्य देशों पर टैरिफ लगा रखा है। ऐसे में G7 के अंदर एक तरह का डिवाइड हो गया है। G7 में पीएम मोदी शामिल जरूर होंगे, लेकिन वे किसी देश से द्विपक्षीय बातचीत करेंगे, इसकी संभावना कम है।’

G7 इटली समिट के दौरान अन्य देशों के नेताओं के साथ पीएम मोदी।
अभी
- कॉपी लिंक
सवाल-6: क्या इस दौरान खालिस्तानी गुट प्रोटेस्ट कर सकते हैं?
जवाब: कनाडा के अल्बर्टा प्रांत में 1 लाख से ज्यादा सिख रहते हैं। कानानास्किस शहर में जहां समिट होनी है, वहां बड़े विरोध प्रदर्शन होने वाले हैं। कनाडाई न्यूज चैनल CTV के मुताबिक, कानानास्किस के सीनियर पुलिस ऑफिसर डेविड हॉल ने कहा है कि प्रोटेस्ट के लिए 3 जोन तय किए गए हैं, जहां से प्रोटेस्ट को G7 में शामिल हो रहे नेताओं को लाइव दिखाया जाएगा, क्योंकि नेता इन प्रोटेस्ट को देख-सुन नहीं सकते थे।’
दरअसल, कनाडा सरकार ‘शांतिपूर्ण प्रोटेस्ट’ को जनता का अधिकार बताती है। इससे पहले भी भारत के एतराज के बावजूद कनाडा ने भारतीय दूतावास के सामने विरोध प्रदर्शन की अनुमति दी थी।
प्रो. एके पाशा बताते हैं,

पीएम मोदी के पहुंचने पर सिख ग्रुप उग्र प्रोटेस्ट कर सकते हैं। संभव है कि इसीलिए पीएम मोदी के समिट में शामिल होने को लेकर फैसला लेने में देरी हुई।
अभी
- कॉपी लिंक
सवाल-7: क्या G7 समिट से कनाडा और भारत के रिश्ते सुधरेंगे?
जवाब: इसके लिए पहले कनाडा और भारत के रिश्तों का थोड़ा बैकग्राउंड समझ लीजिए-
- 2023 में तब के कनाडाई पीएम जस्टिन ट्रूडो ने भारत पर कनाडा में रह रहे खालिस्तानी नेता हरदीप सिंह निज्जर की हत्या का आरोप लगाया था। भारत ने इन आरोपों को सिरे से खारिज किया था। इसके बाद भारत और कनाडा के संबंध अच्छे नहीं रहे।
- जनवरी 2025 में ट्रूडो के इस्तीफे के बाद 14 मार्च को मार्क कार्नी कनाडा के नए पीएम बने थे। 25 मई को नई विदेश मंत्री अनीता आनंद और भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर के बीच फोन पर बात हुई। मार्क कार्नी के सत्ता में आने के बाद दोनों देशों की ये पहली ऑफिशियल बातचीत थी।
- इसके बाद अनीता ने एक इंटरव्यू में कहा कि कनाडा, बिजनेस बढ़ाने के लिए अमेरिका से अलग, भारत के साथ संबंधों को दोबारा बेहतर कहना चाहता है।
- मई में एक इंटरव्यू में अनीता ने कहा था, ‘कानून के साथ कोई समझौता नहीं किया जाएगा, इस केस (निज्जर हत्याकांड) में जांच जारी है। हम भारत के साथ पार्टनरशिप बढ़ाने पर भी ध्यान दे रहे हैं।’
प्रो. एके पाशा कहते हैं, ‘भारत ने निज्जर की हत्या में किसी भी तरह का हाथ होने से इनकार कर दिया था, लेकिन कार्नी सरकार भारत से इस मामले की जांच में सपोर्ट मांग रही है। ये मुद्दा अभी भी गर्म है। हालांकि कार्नी के सत्ता में आने के बाद भारत और कनाडा के संबंध बेहतर होने की उम्मीद बढ़ी है।’
प्रो. राजन कुमार कहते हैं,

ट्रम्प ने कनाडा को अमेरिका का 51वां स्टेट बनाने को कहा था। वहीं कनाडा पर अमेरिकी टैरिफ बढ़ने से कनाडा को नुकसान हुआ। चीन से उसके रिश्ते ठीक नहीं हैं। ऐसे में इस समिट के जरिए कनाडा, भारत से रिश्ते सुधारने की कोशिश करेगा।
2 मिनट पहले
- कॉपी लिंक
सवाल-8: ट्रम्प और मोदी के बीच मुलाकात के दौरान क्या बात हो सकती है?

2019 में फ्रांस में हुई G7 समिट में पीएम नरेंद्र मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प से मुलाकात की थी।
जवाब: हमेशा की तरह पाकिस्तान के शीर्ष नेताओं को G7 समिट के लिए इस बार भी नहीं बुलाया गया। वहीं ऑपरेशन सिंदूर के बाद ये पहला मौका है जब कनाडा में ट्रम्प से पीएम मोदी की मुलाकात होगी।
प्रो. एके पाशा कहते हैं, ‘ट्रम्प ईरान के परमाणु हथियार, इजराइल-गाजा और रूस-यूक्रेन युद्ध पर कुछ खास नहीं कर पाए हैं। इसलिए बार-बार वे भारत-पाकिस्तान सीजफायर करवाने का क्रेडिट ले रहे हैं, जबकि पीएम मोदी ने इस पर अभी तक कुछ नहीं कहा, क्योंकि वे ट्रम्प को नाराज नहीं करना चाहते। पीएम मोदी, ट्रम्प से मिलकर अपना पक्ष समझा सकते हैं, लेकिन ट्रम्प मुंहफट हैं। ऐसे में वे टकराव कर सकते हैं।’
प्रो. राजन कुमार भी कहते हैं, ‘पीएम मोदी, ट्रम्प के सामने पाकिस्तान को लेकर कोई चर्चा नहीं करेंगे। ट्रम्प एक मिस-गाइडेड मिसाइल हैं। वह कब-क्या बोल दें, इसका भरोसा नहीं है।’
————————-
3 मिनट पहले
- कॉपी लिंक
सवाल-9: G20 से कैसे अलग है G7 ?
जवाब: G7 का कोई स्थायी कार्यालय नहीं है और इसके सदस्य देश कोई अंतरराष्ट्रीय कानून पारित नहीं कर सकते। G20 में सबसे बड़ा मुद्दा वर्ल्ड इकोनॉमी होता है, जबकि G7 के लिए राजनीतिक मुद्दे भी अहम होते हैं। 1999 में बने G20 में G7 के देशों के अलावा BRICS के देश भी शामिल हैं। इन देशों में भारत के अलावा अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, चीन, इंडोनेशिया, मेक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, दक्षिण कोरिया, तुर्किये और यूरोपीय संघ शामिल हैं। राजन कुमार के मुताबिक G20 में नई और बढ़ती हुई इकोनॉमी वाले देशों को भी शामिल किया गया है। भले ही G7 और G20 का एजेंडा एक जैसा हो, लेकिन इस समय G20 ज्यादा प्रभावी गुट है। 2020 में अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प ने भी G7 को बहुत आउटडेटेड ग्रुप कहा था।
Discover more from हिंदी न्यूज़ ब्लॉग
Subscribe to get the latest posts sent to your email.