
आखिरी बार मुंबई इंडियंस को चैंपियन बनाने में अहम रोल निभाने वाले पीयूष चावला ने क्रिकेट के सभी फॉर्मेट को अलविदा कह दिया है. अपने शुरुआती दौर में सचिन तेंदुलकर को आउट कर सुर्खियां बटोरने वाले चावला ने भारत के ल…और पढ़ें

हाइलाइट्स
- पियूष चावला ने क्रिकेट के सभी फॉर्मेट से संन्यास लिया.
- चावला ने 2025 आईपीएल ऑक्शन में अनसोल्ड रहने के बाद संन्यास लिया.
- चावला ने भारत के लिए 3 टेस्ट, 25 वनडे और 7 टी-20 मैच खेले.
नई दिल्ली. 2006 में चैलेंजर ट्रॉफी के एक मैच में एक युवा लेग स्पिनर सचिन तेंदुलकर के लिए शॉर्ट लेग और स्लिप लगाकर गेंदबाजी करने की हिम्मत जुटाता है और फिर वो मास्टर ब्लास्टर को आउट करने में कामयाब हो जाता है. इस मैच से शुरु हुआ इस छोटे कद के गेंदबाज का 19 साल लंका लंबा सफर अब खत्म हो चुका है. मुंबई इंडियंस के लिए अंतिम बार खेलने वाले इस गेंदबाज को 2025 के ऑक्शन में किसी ने नहीं खरीदा जिसके बाद संकेत मिलने लगे थे कि वो खेल को अलविदा कह देंगे. बात कर रहे है पीयूष चावला की.
ऐसा है भारत के लिए रिकॉर्ड
धोनी के लकी चार्म थे चावला
पीयूष चावला भारत की वर्ल्ड कप जीतने वाली टीम का हिस्सा रहे हैं. 2007 में जब टीम इंडिया ने एमएस धोनी की जगह पहला टी20 वर्ल्ड कप जीता था, तो चावला टीम का हिस्सा थे. उस वक्त वो सिर्फ 19 साल के थे. हालांकि, तब उन्हें एक भी मैच खेलने का मौका नहीं मिला था और अपने टी20 डेब्यू के लिए उन्हें 2010 तक इंतजार करना पड़ा था. इसके अलावा 2011 में वनडे वर्ल्ड कप जीतने वाली टीम में भी वो थे और यहां उन्होंने 3 मैच खेलकर 4 विकेट लिए थे. फाइनल में हालांकि उन्हें मौका नहीं मिल पाया था. धोनी पीयूष को हमेशा अपना लकी चार्म मानते थे और जब उनको मौका मिला तो उन्होंने चावला को चेन्नई सुप किंग्स में चुनने में भी परहेज नहीं किया. उत्तर प्रदेश के लिए घरेलू क्रिकेट खेलने वाले अपने करियर के अंत में गुजरात चले गए जहां से उन्होंने डोमेस्टिक क्रिकेट में भाग लिया.
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