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JNU यानी जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी में एकेडमिक सेशन 2025-26 के लिए PhD एडमिशन का रजिस्ट्रेशन प्रोसेस शुरू हो गया है। इंट्रेस्टेड स्टूडेंट्स jnuee.jnu.ac.in पर जाकर इसके लिए अप्लाई कर सकते हैं। इसका एप्लिकेशन प्रोसेस 7 जुलाई तक चलेगा।
JNU छात्रसंघ अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर
PhD एडमिशन का प्रोसेस शुरू होने के बाद छात्रसंघ के बैनर तले कुछ स्टूडेंट्स भूख हड़ताल पर बैठ गए हैं।
इस दौरान JNUSU के प्रेजिडेंट नितीश कुमार अपनी तीन मांगें सामने रखीं। इनकी मांग है कि…
- JNUEE कराया जाए यानी JNU के UG कोर्सेज में एडमिशन CUET नहीं बल्कि अपने अलग एग्जाम के जरिए हो। साथ ही PhD एडमिशन भी अलग एंट्रेंस एग्जाम के आधार पर हों।
- पिछले प्रोटेस्ट्स में शामिल PhD स्टूडेंट्स के खिलाफ चल रही जांच को बंद किया जाए।
- PhD करने वाले स्टूडेंट्स को हॉस्टल में रहने की अवधि 4 साल की गई है। इसे खत्म किया जाए।
प्रोटेस्ट कर रहे स्टूडेंट्स का कहना है कि वो प्रशासन के सामने अपनी बात रखने को तैयार हैं लेकिन यूनिवर्सिटी प्रशासन उनकी बात सुनने को तैयार नहीं है। इसी वजह से जब तक उनकी बात सुनी नहीं जाएगी वो भूख हड़ताल पर बैठे रहेंगे।
NET के आधार पर होता है PhD एडमिशन
JNU में फिलहाल PhD एडमिशन NET की मेरिट के आधार पर होता है लेकिन छात्रसंघ दाखिला के लिए पुरानी व्यवस्था लागू करने की मांग कर रहा है।
पुरानी व्यवस्था के तहत PhD एडमिशन के लिए JNU एंट्रेंस एग्जाम का आयोजन करता था। मामले को लेकर पिछले महीने JNU छात्र संघ कैंपस में जनमत संग्रह भी हो चुका है।
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