
मॉर्गेज यानी ‘लोन अगेंस्ट प्रॉपर्टी’ अब भारत में आर्थिक संकट से उबरने का अहम जरिया बन चुका है. पर्सनल लोन की तुलना में सस्ते ब्याज दरों और बड़ी रकम के चलते लोग मेडिकल, एजुकेशन और बिजनेस जैसी जरूरतों के लिए इसे …और पढ़ें

हाइलाइट्स
- मॉर्गेज लोन पर्सनल लोन की तुलना में सस्ता, लचीला और बड़ी रकम वाला विकल्प.
- संपत्ति मालिकाना हक बना रहता है, EMI समय पर न चुकाने पर नीलामी का खतरा.
- 2024 में LAP की मांग में 15% की वृद्धि, खासकर मेट्रो शहरों में.
नई दिल्ली. अपने घर को सिर्फ एक आशियाना मानना अब पुरानी सोच बन चुकी है. आज के दौर में वही घर मुश्किल वक्त में आपकी सबसे बड़ी ताकत बन सकता है. मॉर्गेज या ‘लोन अगेंस्ट प्रॉपर्टी’ (LAP) अब लाखों भारतीयों के लिए आर्थिक संकट से बाहर निकलने का एक भरोसेमंद जरिया बन चुका है. चाहे मेडिकल इमरजेंसी हो, बच्चों की पढ़ाई का खर्च हो या बिजनेस में घाटा, लोग अपने घर या जमीन को गिरवी रखकर बड़ी रकम हासिल कर रहे हैं.
मॉर्गेज लोन की ब्याज दरें आमतौर पर 8.5% से 12% के बीच होती हैं, जबकि पर्सनल लोन में यह 10% से 24% तक हो सकती है. यह लोन लंबी अवधि के लिए लिया जा सकता है, जिससे EMI पर बोझ कम पड़ता है. खास बात यह है कि लोन की अवधि में आप अपनी संपत्ति में रह सकते हैं, क्योंकि दस्तावेज ही बैंक के पास रहते हैं, न कि घर की मालिकाना हक.
रिजर्व बैंक के आंकड़ों के मुताबिक, 2024 में भारत में मॉर्गेज लोन की मांग में 15% का इजाफा देखा गया, खासकर दिल्ली, मुंबई और बेंगलुरु जैसे मेट्रो शहरों में. एसबीआई के अधिकारी राजेश सिंह कहते हैं कि कोविड के बाद लोगों में मॉर्गेज को लेकर भरोसा बढ़ा है, और मेडिकल, एजुकेशन तथा बिजनेस की ज़रूरतों के लिए लोग अब इसे एक बेहतर विकल्प मान रहे हैं.
जय ठाकुर 2018 से खबरों की दुनिया से जुड़े हुए हैं. 2022 से News18Hindi में सीनियर सब एडिटर के तौर पर कार्यरत हैं और बिजनेस टीम का हिस्सा हैं. बिजनेस, विशेषकर शेयर बाजार से जुड़ी खबरों में रुचि है. इसके अलावा दे…और पढ़ें
जय ठाकुर 2018 से खबरों की दुनिया से जुड़े हुए हैं. 2022 से News18Hindi में सीनियर सब एडिटर के तौर पर कार्यरत हैं और बिजनेस टीम का हिस्सा हैं. बिजनेस, विशेषकर शेयर बाजार से जुड़ी खबरों में रुचि है. इसके अलावा दे… और पढ़ें
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