
जब बात बच्चों की परवरिश की आती है तो पैरेंट्स को कई बातें सोचनी पड़ती हैं. आजकल वह बच्चों को घुमाने के नाम पर मॉल्स लेकर निकल जाते हैं लेकिन यह उनके व्यक्तित्व के विकास के लिए ठीक नहीं है.

हाइलाइट्स
- बच्चों को नेचर से जोड़ना जरूरी है, जंगलों में घुमाएं.
- बच्चों को पहाड़ों की सैर कराएं, वह प्रकृति को करीब से समझेंगे.
- बच्चों को हिस्टोरिकल प्लेसेस और म्यूजियम घुमाएं.
Take kids to these places: बच्चे की तुलना एक कच्चे घड़े से की जाती है. उसे जैसा आकार दिया जाएगा, वह वैसा ही बन जाएगा. आज के समय में हर पैरेंट्स अपनी-अपनी जिंदगी में बिजी है. ऐसे में वह जब बच्चों के साथ टाइम बिताने की सोचते हैं तो उन्हें मॉल लेकर जाते हैं, वहां शॉपिंग कराने के साथ गेम जोन में गेम्स खिलाते हैं या वॉटरपार्क या एम्यूजमेंट पार्क ले जाते हैं ताकि बच्चा मौज-मस्ती करें. लेकिन अगर अपने बच्चे को समझदार, इंटेलिजेंट और खुशमिजाज बनाना चाहते हैं तो उन्हें इन जगहों की बजाए ऐसी जगहों पर घुमाएं जो उनकी पर्सनैलिटी को इम्प्रेसिव बनाने में मदद करे.
आप भले ही बच्चे को सारे ऐशो-आराम देना चाहते हैं लेकिन उसे नेचर से जोड़ना बेहद जरूरी है. अगर घर के आसपास जंगल हैं तो उन्हें वह वॉक पर ले जाएं. अगर ऐसा मुमकिन ना हो तो उन्हें जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क, काजीरंगा या रणथंभौर टाइगर रिजर्व जैसी जगहों पर लेकर जाएं. उन्हें चिड़ियाघर भी लेकर जा सकते हैं. इससे बच्चों को समझ में आएगा कि किताबों और कार्टूनों से हटकर जानवर कैसे दिखते हैं. वह एनिमल लवर भी बन सकते हैं.
पहाड़ों की सैर कराना जरूरी
बच्चों को हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड जैसी पहाड़ी जगहों पर ट्रैकिंग के लिए लेकर जाएं ताकि वह नेचर को करीब से देखे और समझें. बच्चे को पता चलेगा कि हरियाली कितनी जरूरी है, घर तक पानी कैसे नदियों से आता है, फल-सब्जी सुपरमार्ट में नहीं बल्कि खेतों और पेड़ों पर उगती है. पहाड़ कैसे दिखते हैं. एयर कंडीशनर से ज्यादा ठंडी और ताजी हवा जंगल और पहाड़ों पर मिलती है. जब बच्चा खुद को प्रकृति से जोड़ता है तो उसकी सोच का दायरा बढ़ता है और वह ज्यादा क्रिएटिव बनता है. वॉक, ट्रैकिंग जैसी चीजें उसे सेहतमंद भी बनाती हैं.
बच्चों को गांव की सादगी भरी जिंदगी दिखाएं (Image-Canva)
अक्सर बच्चों को जब स्कूल में इतिहास के बारे में पढ़ाया जाता है तो उन्हें नींद आने लगती है. यह सब्जेक्ट उन्हें बोरिंग लगता है और कई बार समझ भी नहीं आता कि उन्हें इसकी जानकारी क्यों दी जा रही है. बच्चे को अपने देश के इतिहास से रूबरू कराना बेहद जरूरी है. इससे उसे अपना वजूद पता चलेगा. इसके लिए उन्हें हिस्टोरिकल प्लेसेस पर लेकर जाएं. उन्हें दिल्ली की कुतुब मीनार, लाल किला, हुमायूं टॉम्ब, पुराना किला, सफदरजंग का मकबरा घुमाएं. इसके अलावा जयपुर का आमेर फोर्ट, आगरा का ताजमहल समेत देश के सभी राज्यों के स्मारक दिखाएं. ताकि वह अपने देश के इतिहास को करीब से देखे और समझे.
म्यूजियम घूमकर बढ़ेगी नॉलेज
म्यूजियम एक ऐसी जगह है जहां ऐसी-ऐसी चीजों को संभालकर रखा जाता है जो शायद ही कभी देखने को मिलेगी. यहां रखी हर चीज अनोखी, नायाब और कीमती होती है. इन सभी चीजों का अपना एक इतिहास और अलग कहानी होती है. हर जगह साइंस, हिस्ट्री, आर्ट समेत कई तरह के म्यूजियम होते हैं. अक्सर पैरेंट्स बच्चों को म्यूजियम घुमाने की जिम्मेदारी स्कूल की समझते हैं लेकिन यह जिम्मेदारी उनकी है. म्यूजियम घुमाने से बच्चों की नॉलेज बढ़ती है.
समुद्र की गहराइयों को समझाएं
पहाड़ों की तरह समुद्र भी बेहद खूबसूरत होते हैं. प्रकृति कितनी ताकतवर है, उसका अंदाजा इसके करीब जाकर ही पता चलता है. बच्चों को समुद्र जरूर घुमाएं. उन्हें पता होना चाहिए कि लहरें समुद्र में कैसे उठती हैं, समुद्री जीव कैसे रहते हैं. उन्हें समुद्र में बोटिंग कराएं. जब ज्वार भाटा हो तो उन्हें दूर से दिखाएं. स्कूबा डाइविंग करवाएं ताकि वह समुद्र के नीचे की दुनिया देख सकें. उन्हें बीच पर खुला छोड़ दें. बच्चों को रेत से खेलना पसंद होता है. इससे उनके क्रिएटिव स्किल्स डिवेलप होते हैं.
Active in journalism since 2012. Done BJMC from Delhi University and MJMC from Jamia Millia Islamia. Expertise in lifestyle, entertainment and travel. Started career with All India Radio. Also worked with IGNOU…और पढ़ें
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