
Operation Sindoor: ऑपरेशन सिंदूर के दौरान जिस तरह अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दखलअंदाजी करने की कोशिश की, उससे हर कोई हैरान था. लेकिन अब इस राज से पर्दा धीरे-धीरे हटने लगा है. पाकिस्तान के एक जाने-माने सिक्योरिटी विशेषज्ञ इम्तियाज गुल ने दावा किया है कि जिस नूर खान एयरबेस पर भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान हमला किया था, वहां अमेरिका के परमाणु हथियारों का स्टोरेज था. यानी पाकिस्तान में अमेरिका अपने परमाणु हथियार रखता है.
नूर खान पर हमले के बाद ही अमेरिका अलर्ट हुआ और भारत से युद्ध विराम की मिन्नतें करने लगा. पाकिस्तान के इस विशेषज्ञ के दावों पर इसलिए यकीन किया जा सकता है कि कुछ साल पहले खुद अमेरिका ने पाकिस्तान में एक सीक्रेट बेस की बात कही थी. अमेरिका, इस सीक्रेट बेस का इस्तेमाल अफगानिस्तान में तालिबान के खिलाफ करता था.
ऑपरेशन सिंदूर के दौरान ट्रंप का दावा
ऑपरेशन सिंदूर के दौरान ट्रंप ने इस बात का दावा किया था कि अगर भारत और पाकिस्तान में चल रहा मिलिट्री टकराव नहीं रोका जाता तो ये एक परमाणु युद्ध में तब्दील हो सकता था. हालांकि, भारत ने आधिकारिक तौर से ऐसे किसी भी दावे और ट्रंप के युद्ध विराम करवाने के दावे से साफ इनकार कर दिया था.
भारत ने सरगोधा के करीब किराना हिल्स पर भी हमला किया
ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत ने पाकिस्तान के सरगोधा के करीब किराना हिल्स भी हमला किया था. ये भी एक ओपन सीक्रेट है कि सरगोधा में पाकिस्तान अपने परमाणु हथियारों का जखीरा रखता है. एबीपी न्यूज ने हाल ही में बताया था कि पाकिस्तानी वायुसेना ने हाल के दिनों में अपने जिन एयरबेस की रिपेयर और मरम्मत इत्यादि के टेंडर निकाले हैं, उनमें कंप्यूटर और आईटी से जुड़े सामानों को लेने की भी बात कही गई है. जिससे उन दावों को बल मिलता है कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान के न्यूक्लियर कमांड एंड कंट्रोल सेंटर तबाह किए गए थे. इसके बाद ही ट्रंप ने भारत से सुलह की बात कही.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का बयान
ऑपरेशन सिंदूर के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सार्वजनिक तौर से कहा था कि पाकिस्तान के न्यूक्लियर-ब्लफ को धराशायी कर दिया है. पीएम ने साफ तौर से कुछ नहीं कहा था लेकिन इशारा साफ था कि पाकिस्तान के न्यूक्लियर कमांड एंड कंट्रोल सेंटर को तबाह करने के बाद पाकिस्तानी सेना के परमाणु हथियार पूरी तरह फुस्स हो गए थे. क्योंकि बिना कमांड एंड कंट्रोल सेंटर के इन हथियारों को लॉन्च नहीं किया जा सकता था.
परमाणु हथियारों की धौंस दिखा रहा था पाकिस्तान
पहलगाम हमले के बाद से ही पाकिस्तान अपने परमाणु हथियारों की धौंस दिखा रहा था. भारत के हमले का जवाब देने के लिए पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और दूसरे नेता, न्यूक्लियर हथियार के इस्तेमाल की बात कर रहे थे. लेकिन 9-10 मई को जब भारत ने नूर खान एयर बेस और किराना हिल्स पर ब्रह्मोस मिसाइल से सटीक निशाना लगाते हुए तबाह किया, पाकिस्तान हुक्मरान घुटनों पर आ गए और ट्रंप के समक्ष मिमियाने लगे.
ट्रंप प्रशासन को नहीं था अंदाजा
ट्रंप प्रशासन को भी इस बात का जरा भी इल्म नहीं था कि भारत, पहलगाम आतंकी हमले का बदला पाकिस्तान के न्यूक्लियर कमांड एंड कंट्रोल सेंटर को तबाह कर लेगा. यही वजह है कि जो अमेरिका के उपराष्ट्रपति जेडी वेंस, कुछ दिनों पहले तक भारत और पाकिस्तान के विवाद से खुद को अलग रखने की दुहाई दे रहे थे, महज चार दिनों (6/7- 9/10 मई) के दौरान हुई भारत की कार्रवाई से हिल गए और प्रधानमंत्री मोदी को फोन कर सैन्य टकराव बंद करने का आह्वान किया था.
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