
Khawaja Asif on Shimla Agreement: दुनियाभर में आतंकवाद के मुद्दे पर एक्सपोज होने बाद पाकिस्तान की बैकफूट पर आ गया है. पाकिस्तानी रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने शिमला समझौते को डेड डॉक्यूमेंट बताया. इसके बाद शुक्रवार (6 जून 2025) को पाकिस्तान के रक्षा मंत्रालय ने कहा कि इस ऐतिहासिक समझौते सहित भारत के साथ किसी भी द्विपक्षीय समझौते को रद्द करने का कोई निर्णय नहीं लिया गया है.
पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने कहा कि हाल के घटनाक्रमों के बाद इस्लामाबाद में आतंरिक चार्चाएं तेज हो गई है, लेकिन भारत के साथ मौजूदा समझौता को रद्द करने के लिए कोई आधिकारिक कदम नहीं उठाया गया है.
‘शिमला समझौता खत्म करने का औपचारिक फैसला नहीं’
न्यूज एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने कहा कि फिलहाल भारत के साथ किसी भी द्विपक्षीय समझौते को खत्म करने का कोई औपचारिक फैसला नहीं हुआ है. उन्होंने संकेत दिया कि शिमला समझौते समेत सभी संधियां अभी भी लागू हैं. एक दिन पहले 5 जून को पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने कहा कि भारत की कार्रवाई के कारण शिमला समझौते की पवित्रता खत्म हो गई है.
शिमला समझौते में तीसरा पक्ष नहीं- ख्वाजा आसिफ
जियो न्यूज को दिए इंटरव्यू में ख्वाजा आसिफ ने कहा था, “यह समझौता द्विपक्षीय था क्योंकि इसमें कोई तीसरा पक्ष या विश्व बैंक शामिल नहीं था.” पाकिस्तानी रक्षा मंत्री ने यह भी संकेत दिया कि इस्लामाबाद शिमला समझौते को समाप्त करने पर विचार कर सकता है और ऐसी स्थिति में भारत और पाकिस्तान के बीच नियंत्रण रेखा (एलओसी) युद्ध-विराम रेखा बन जाएगी.
भारत की कार्रवाई के बाद बौखलाया पाकिस्तान
पहलगाम आतंकवादी हमले के जवाब में भारत की ओर से पाकिस्तान के खिलाफ की गई कार्रवाई के बाद इस्लामाबाद ने शिमला समझौते को समाप्त करने की धमकी दी थी. हालांकि, उसने इस ऐतिहासिक समझौते को रद्द करने के लिए कोई कदम नहीं उठाया. भारत और पाकिस्तान ने 1971 के युद्ध के बाद शिमला समझौते पर हस्तक्षर किए थे. इस समझौते में द्विपक्षीय संबंधों को नियंत्रित करने के लिए सिद्धांत निर्धारित किए गए थे.
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