
इजराइल ने ईरान के परमाणु कार्यक्रम को निशाना बनाते हुए शुक्रवार को सुबह देश की राजधानी पर हमले किए जिनमें कम से कम दो शीर्ष सैन्य अधिकारियों की मौत हो गई। इज़रायली सेना का कहना है कि उसने पश्चिमी ईरान में हवाई सुरक्षा पर व्यापक हमला किया है। उसने शुक्रवार को कहा कि उसने दर्जनों रडार प्रतिष्ठानों और सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल लांचरों को नष्ट कर दिया है। इस बीच, जॉर्डन की वायु सेना ने कहा कि उसने अपने हवाई क्षेत्र में मिसाइलों और ड्रोन को रोका है। इजरायल के इस कदम के बाद मीडिल ईस्ट में तनावपूर्ण हालात हो गए हैं। इजराइल ने ‘ऑपरेशन राइजिंग लॉयन’ शुरू किया और ईरान के परमाणु और मिसाइल ठिकानों को निशाना बनाया। आपको बता दें कि ये कोई पहली बार नहीं है जब इजरायल ने किसी देश के परमाणु ठिकानों को टारगेट किया है। बल्कि इजरायल पहले भी ऐसे कारनामे करके दिखा चुका है।
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मोसाद अगर चूक जाता तो इजरायल भी नहीं होता!
इजरायल की खुफिया एजेंसी मोसाद जिसे दुनिया की सबसे खूंखार खुफिया एजेंसी भी कहा जाता है। दुनिया में जिसके नाम पर कहानियां चलती हैं। मोसाद को किलिंग मशीन भी कहा जाता है। दरअसल, इजरायल चारो ओर अपने दुश्मनों से घिरा हुआ है। इसलिए वो अपने दुश्मनों से लड़ता भिड़ता और उन्हें डराता नजर आता है। इजरायली खुफिया एजेंसी मोसाद की पहचान उसके मिशन को अंजाम देने के अनोखे तरीकों को लेकर होती है। इजरायल ने कुछ ऐसे मिशन को अंजाम दिया है, जिसके बारे में दुनिया के कई देश सोच भी नहीं सकते। इजरायल ने ऐसे एक मिशन को अंजाम दिया था, जिसमें मोसाद अगर चूक जाता तो कहा जाता है कि आज इजरायल भी नहीं होता।
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क्या था ऑपरेशन ओपरा
मोसाद ने दुनिया की सबसे बड़ी सर्जिकल स्ट्राइक इराक के परमाणु रिएक्टर पर की थी। इसमें किसी आम नागरिक की जान नहीं गई थी। इस बात का ध्यान इस ऑपरेशन को करते वक्त दिया गया था। ऑपरेशन ओपेरा में 7 जून 1981 को शाम 4 बजे 14 लड़ाकू विमानों ने इजरायल के एट्ज़ियन हवाई अड्डे से उड़ान भरी। लगभग शाम 5.30 बजे, उन्होंने इराक में ओसिरक परमाणु रिएक्टर पर हमला किया और उसे नष्ट कर दिया, बिना किसी इजरायली विमान के नुकसान के अपने मिशन को सफलतापूर्वक पूरा किया। इजरायल ने 1981 में इराक पर हुए हवाई हमले में F-16A जेट्स का इस्तेमाल किया था, जबकि F-15A जेट्स ने उन्हें सुरक्षा दी थी। इन विमानों ने बाहरी टैंकों में भारी मात्रा में ईंधन ले जाकर लंबे समय तक बहुत कम ऊंचाई पर उड़ान भरी थी।
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