
भाविश अग्रवाल द्वारा स्थापित राइड-हाइलिंग कंपनी ओला ने बड़ा फैसला कर पूरे भारत को हैरान कर दिया है। अब ओला पूरे भारत में शून्य-कमीशन मॉडल लागू कर चुकी है। इस मॉडल के तहत ड्राइवर-भागीदारों को ग्राहकों से पूरा किराया लेने की अनुमति दी गई है। इसमें राइड या आय की कोई सीमा तय नहीं की गई है। यानी अब राइडर जो भी राइड लेगा उसमें उसे कोई कमीशन नहीं देना होगा। इस पहल से ऑटो-रिक्शा, बाइक और टैक्सी जैसी सभी वाहन श्रेणियों के 1 मिलियन से अधिक चालक-भागीदारों को लाभ मिलेगा।
पीटीआई की एक रिपोर्ट के मुताबिक कंपनी ने देशभर में यह पहल शुरू की है, जिससे ऑटो, बाइक और कैब के ड्राइवरों को अपनी योजना चुनने और अपनी कमाई का 100% हिस्सा रखने की अनुमति मिलती है। कंपनी ने एक बयान में कहा कि इसमें कोई कमीशन या कमाई की सीमा नहीं होगी, बल्कि ड्राइवर भागीदारों को अप्रतिबंधित आय के अवसर मिलेंगे।
पूरे भारत में शून्य प्रतिशत कमीशन मॉडल का शुभारंभ राइड-हेलिंग व्यवसायों में एक मौलिक बदलाव का प्रतीक है। पीटीआई के अनुसार कंपनी के प्रवक्ता ने कहा, “कमीशन हटाने से ड्राइवर साझेदारों को अधिक स्वामित्व और अवसर प्राप्त होंगे।” ड्राइवरों की भूमिका पर जोर देते हुए प्रवक्ता ने कहा, “उन्हें अपनी कमाई पर पूर्ण नियंत्रण देने से देश भर में अधिक लचीला और टिकाऊ राइड-हेलिंग नेटवर्क बनाने में मदद मिलेगी।”
ओला ने इस योजना को चरणबद्ध तरीके से शुरू किया, शुरुआत में ओला ऑटो, उसके बाद ओला बाइक और अंत में ओला कैब्स के साथ। कंपनी का कहना है कि इस कदम का उद्देश्य ग्राहकों पर अतिरिक्त लागत लगाए बिना ड्राइवरों की आर्थिक स्वतंत्रता और भविष्य की सुरक्षा को बढ़ावा देना है। इससे पहले ओला प्रत्येक सवारी पर 15-20% कमीशन लेती थी।
नए शून्य-कमीशन मॉडल के तहत, कंपनी अपने प्लेटफॉर्म तक पहुंच के लिए ड्राइवरों से एक निश्चित दैनिक या मासिक शुल्क वसूल करेगी। इससे ड्राइवरों को एक निश्चित योजना चुनकर पूरा किराया रखने की सुविधा मिलती है। ओला के प्रवक्ता ने कहा कि यह राष्ट्रव्यापी लॉन्च राइड-हेलिंग उद्योग में एक मौलिक बदलाव है, जो ड्राइवर-भागीदारों को अधिक स्वामित्व और अवसर प्रदान करता है।
भारत की कुछ लाभदायक इंटरनेट कंपनियों में से एक ओला, चालक की पृष्ठभूमि जांच, वाहन की गुणवत्ता का आकलन और इन-ऐप आपातकालीन सुविधाओं जैसे कड़े उपायों के माध्यम से यात्री सुरक्षा को प्राथमिकता देती है। उद्योग विशेषज्ञों का मानना है कि शून्य कमीशन मॉडल से न केवल ड्राइवरों की आय बढ़ेगी, बल्कि प्रतिस्पर्धी बाजार में ओला की स्थिति भी मजबूत होगी।
रैपिडो और नम्मा यात्री जैसे प्रतिस्पर्धी पहले से ही इसी तरह के सॉफ्टवेयर-एज-ए-सर्विस आधारित मॉडल को अपना चुके हैं। भारत के राइड-हेलिंग क्षेत्र के 2024 में अनुमानित राजस्व 7.53 बिलियन डॉलर से बढ़कर 2029 तक 11.64 बिलियन डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है, ओला का नया मॉडल इस क्षेत्र को अधिक टिकाऊ और समावेशी बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
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