
Chinese Companies Manufacturing Made In India Phones: अब विदेशी लोगों के हाथ में भले ही चीन की कंपनियों का बना फोन हो, लेकिन उस पर लिखा होगा- मेड इन इंडिया. चीन की स्मार्टफोन बनाने वाली कंपनियां भारत से तैयार मोबाइल फोन को अमेरिका, अफ्रीका और वेस्ट एशिया के बाजार में भेज रही है. इन जगहों पर अब तक चीन और वियतनाम में तैयार माल ही भेजे जाते थे. चीन के ये कंपनियां में भारत में लगातार अपनी मैन्युफैक्चरिंग कैपिसिटी को बढ़ाने में लगी है.
कंपनियों की तरफ से रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज को 12 मई को दायर किए गए रेगुलेटरी फाइलिंग में बताया गया कि वित्त वर्ष 2024 के दौरान ओप्पो मोबाइल इंडिया ने पहली बार 272 करोड़ रुपये की कमाई की है. जबकि, रियल मी मोबाइल टेलीकम्युनिकेशन (इंडिया) ने 114 करोड़ रुपये की कमाई की है. हालांकि, कंपनी की तरफ से वित्त वर्ष 2025 फाइनेंशियल रिजल्ट जमा करना अभी बाकी है.
मेड इन इंडिया में चीनी कंपनियों की दिलचस्पी
इतना ही नहीं, घरेलू सामान और टेलीविजन को बेचने वाला एक बड़ा ब्रांड Hisense Group ने ये योजना बनाई है वो भी भारत में ही अपने सामानों की मैन्युफैक्चरिंग कर के अगले साल की शुरुआत में पश्चिम एशिया और अफ्रीका में उनका निर्यात कर सके.
चीन की कंपनियों का भारत में मैन्युफैक्चरिंग शिफ्ट करने का ये प्लान काफी महत्वपूर्ण है, क्योंकि अब तक ये सिर्फ अपने घरेलू बाजारों पर ही प्रोडक्शन के लिए फोकस करते थे. इस तरह का बदलाव ऐसे वक्त पर देखने को मिला है, जब साल 2020 में गलवान हिंसा के बाद चीन की कंपनियों की स्क्रुटनी बढ़ी. चीन की कंपनियों से कहा गया कि वे भारतीय फर्म के साथ मिलाकर साझेदार में मैन्युफैक्चरिंग करें. इसके साथ ही, कंपनी के सीनियर मैनेजमेंट और बोर्ड में भारतीय की नियुक्ति करें.
एपल भी शिफ्ट कर रहा कारोबार
गौरतलब है कि इससे पहले ट्रंप के टैरिफ वॉर के बीच एपल ने ऐलान किया था कि वो अमेरिका में एक्सपोर्ट होने वाले तिमाही के फोन भारत में तैयार बेचे जाएँगे. इसके साथ ही, एपल लगातार भारत में अपने प्रोडक्शन को बढ़ाने में लगा है. इसके लिए वो लगातार यूनिट्स का विस्तार कर रहा है. हालांकि, ट्रंप ने धमकी दी थी और कहा था कि वो नहीं चाहते हैं कि एपल इस तरह से भारत में प्रोडक्शन करे. लेकिन, ट्रंप की बातों को दरकिनार कर लगातार एपल अपना निवेश भारत में बढ़ा रहा है.
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