
Real Estate News: अपना घर खरीदने वालों के गढ़ यानि हॉऊसिंग हब से उठकर नोएडा और ग्रेटर नोएडा अब मैन्यफैक्चरिंग हब बनने की ओर तेजी से बढ़ रहा है. नोएडा, ग्रेटर नोएडा तथा यमुना एक्स्प्रेसवे के सेक्टर में हॉऊसिंग प्रोजेक्ट और यूनिटस की कोई कमी नहीं हैं लेकिन बीते वर्षों में यहाँ देश और विदेश से कई लाख करोड़ से ज्यादा के निवेश प्रस्ताव आए है जिससे आने वाले समय में यही शहर रोजगार के अभूतपूर्व अवसर देंगे. ऐसे में इसका सकारात्मक प्रभाव रियल एस्टेट सेक्टर पर भी पड़ना तय है.
क्रेडाई वेस्टर्न यूपी के अध्यक्ष दिनेश गुप्ता की अगर मानें तो गौतम बुद्ध नगर पूरे प्रदेश में निवेश का गढ़ बना हुआ है, चाहे वो रियल एस्टेट सेक्टर हो या कोई और! ये सरकार के सकारात्मक नीतियों के बिना संभव नहीं है. बेहतर शिक्षा के साथ ही इन योजनाओं के मूर्त रूप लने और उत्पादन प्रारंभ होने से बहुत बड़े स्तर पर रोजगार के मौके बनेंगे.
रियल एस्टेट में तेजी से बढ़ेंगे रोजगार
निवेश के आने वाले प्रस्तावों में सबसे ज्यादा आईटी सेक्टर के अलावा इलेक्ट्रानिक्स व मकैनिकल, मेडिकल डिवाइस, गार्मेंट्स व टेक्सटाइल, टॉय, थीम सिटी आदि से जुड़े है. इन सबके केंद्र मे है जेवर में क्रियाशील होने वाला देश का सबसे बड़ा हवाई अड्डा और एक्सप्रेसवे व हाईवे का बढ़ता नेटवर्क जिससे पश्चिमी उत्तर प्रदेश को नई पहचान मिली है. इन्वेस्ट यूपी और निवेश मित्र द्वारा प्रदेश में निवेश बढ़ाने के लिए विशेष प्रयास किए गए है.
रेनॉक्स ग्रुप के चेयरमैन शैलेन्द्र शर्मा के अनुसार नोएडा और ग्रेटर नोएडा में शिक्षा व रोजगार के अलावा रेल, मेट्रो, हाई स्पीड रेल, रोड और एयरपोर्ट निर्माण के कारण अप्रत्याशित कनेक्टिविटी मिल रही है. अच्छी परियोजनाओं और बढ़िया लाइफस्टाइल की खोज में लोग नोएडा और ग्रेटर नोएडा की तरफ बेहतर जीवन यापन के लिए शिफ्ट होना पसंद करेंगे.
इनमें सबसे नवीनतम है, केंद्र से जेवर में देश की छठी सेमीकंडक्टर यूनिट के निर्माण की मंजूरी मिलना जो यमुना एक्स्प्रेसवे के सेक्टर 28 में 3,700 करोड़ के लागत से 48 एकर में एचसीएल और फॉक्सकोन द्वारा स्थापित किया जाएगा जहां विभिन्न प्रकार के चिप का निर्माण किया जाएगा. जनपद में लगभग 40 हजार करोड़ से ज्यादा का निवेश सूचीबद्ध हो चुका है और निवेश करने वाली संस्थानों में एस्कॉर्ट, आइकिया, हायर, सैमसंग, अडानी, माइक्रोसॉफ्ट, टाटा कॉनसल्टेंसी, हल्दीराम, पाइन वैली और डिक्सन आदि शामिल है.
दीर्घकालिक नीतियों का परिणाम है विकास
निराला वर्ल्ड के सीएमडी सुरेश गर्ग की मानें तो नोएडा और ग्रेटर नोएडा में हो रहा विकास सरकार की दीर्घकालिक विकास नीतियों का परिणाम है. प्रदेश में सभी वर्गों से निवेश बढ़ने के साथ-साथ कानून व्यवस्था भी मजबूत हुई है जिससे निवेशकों और रियल एस्टेट के सबसे बड़े हितधारक, घर खरीदारों, में सुरक्षा की भावना बढ़ी है.
आईटी व तकनीक सेक्टर से निवेश- सेमीकंडक्टर यूनिट से पहले ग्रेटर नोएडा में डाटा सेंटर के निर्माण से जनपद में आईटी और टेक संस्थानों को निवेश की प्राथमिकता में ऊपर आ गया है. आशा की जा रही है कि प्रदेश सरकार द्वारा केपी 5 के डाटा सेंटर के अलावा संख्या बढ़ाने हेतु जनपद की मूलभूत सुविधाओ में बदलाव किया जा रहा हैं जिसमें एनआईडीपी द्वारा 30,000 करोड़ के निवेश से नया डाटा सेंटर स्थापित करने की योजना है.
डिलिजेन्ट बिल्डर्स के सीओओ अश्वनी नागपाल के अनुसार आईटी और विनिर्माण के क्षेत्र में निवेश बढ़ने से न केवल रोजगार बढ़ता है बल्कि इनमें काम करने वाले लोगों के रहने के लिए भी उच्च स्तर की परियोजना का निर्माण किया जाता है जिससे रियल एस्टेट को भी आवश्यक बढ़ावा मिलता है.
आरजी ग्रुप के निदेशक हिमांशु गर्ग की मानें तो पिछले 5-7 वर्षों में इस क्षेत्र में आधारभूत संरचना के विकास पर विशेष जोर दिया गया है जिससे विनिर्माण करने वालों के लिए यह सबसे सटीक निवेश स्थल बन गया. इनके निर्माण और क्रियाशील होने से न केवल आवासीय बल्कि व्यवसायिक रियल एस्टेट दोनों में मांग बढ़ेगी जिसमें मांग मिड से लेकर लक्जरी सेगमेंट तक होगी. एक अनुमान के अनुसार तकनीकी से लेकर अति-कुशल, कुशल और गैर-कुशल वर्ग के लोगों के लिए लगभग 2 लाख नए रोजगार के मौके बनेंगे. फिल्म सिटी, अमेरिकन सिटी और कोरियन सिटी के निर्माण से भी रियल एस्टेट को नई दिशा और ऊंचाई मिलेगी.
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