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वाशिंगटन में 34 साल बाद इतने बड़े पैमाने पर मिलिट्री परेड का आयोजन हुआ।
अमेरिका के साल्ट लेक सिटी में “नो किंग्स” नाम के एक विरोध प्रदर्शन के दौरान हिंसा हो गई। प्रदर्शन में शामिल एक शख्स ने प्रदर्शनकारियों पर गोली चलाने की कोशिश कर रहे व्यक्ति पर हमला कर दिया। इससे राइफल लेकर खड़ा व्यक्ति और एक राहगीर दोनों घायल हो गए। बाद में अस्पताल में राहगीर की मौत हो गई।
पुलिस ने बताया कि हमला करने वाले 24 साल के युवक का नाम आर्टुरो गैंबोआ है। उसे शनिवार शाम हत्या के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया है। गोली लगने से घायल हुए राहगीर की पहचान 39 साल आर्थर फोलासा आह लू के रूप में हुई, जिनकी बाद में अस्पताल में मौत हो गई। साल्ट लेक सिटी के पुलिस प्रमुख ब्रायन रेड ने रविवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस घटना की जानकारी दी।
दरअसल, वाशिंगटन में शनिवार को अमेरिकी सेना की 250वीं वर्षगांठ के अवसर पर मिलिट्री परेड का आयोजन किया गया था। इस बीच, ट्रम्प के विरोध में पूरे अमेरिका में लगभग 2 हजार जगहों पर नो किंग्स (यानी अमेरिका का कोई राजा नहीं है) विरोध प्रदर्शन हुए।
मिलिट्री परेड की तस्वीरें देखें…

राष्ट्रपति ट्रम्प, प्रथम महिला मेलानिया ट्रम्प मिलिट्री परेड में भाग लेते हुए।

राष्ट्रपति ट्रम्प ने इस परेड को अमेरिकी ताकत और सैनिकों के बलिदान का प्रतीक बताया था।

इस परेड में टैंक, 6,700 सैनिक, 128 वाहन, 62 विमान शामिल हुए।
34 साल बाद इतने बड़े पैमाने पर आयोजन
वाशिंगटन में 34 साल बाद इतने बड़े पैमाने पर मिलिट्री परेड का आयोजन हुआ। इससे पहले 1991 में ऐसा आयोजन हुआ था। इस परेड में टैंक, 6,700 सैनिक, 128 वाहन, 62 विमान शामिल हुए। इसके अलावा ड्रोन, रोबोटिक डॉग भी शामिल हुए।
राष्ट्रपति ट्रम्प ने इस परेड को अमेरिकी ताकत और सैनिकों के बलिदान का प्रतीक बताया। परेड का समापन आतिशबाजी और ट्रम्प के भाषण के साथ हुआ। इस आयोजन में करीब 25 से 45 मिलियन डॉलर (21-38 करोड़) खर्च हुए हैं।
परेड कॉन्स्टिट्यूशन एवेन्यू पर हुई, जिसमें सैनिकों ने ऐतिहासिक वर्दी में मार्च किया और विश्व युद्धों से लेकर आधुनिक युद्ध तक के हथियारों का प्रदर्शन किया गया। ट्रम्प, प्रथम महिला मेलानिया ट्रम्प, और रक्षा सचिव पीट हेगसेथ ने विशेष मंच से परेड देखी।
इस दिन ट्रम्प का 79 जन्मदिन भी था। उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने भी ट्रम्प को जन्मदिन की बधाई दी और अपनी शादी की सालगिरह का जिक्र किया।

अमेरिकी सेना दुनिया की सबसे महान सेना है। हर दूसरा देश अपने सैनिकों की जीत का जश्न मनाता है। अब समय आ गया है कि अमेरिका भी ऐसा करे।
अमेरिका के 50 राज्यों में एक साथ विरोध प्रदर्शन
पूरे अमेरिका में 14 जून को नो किंग्स नामक विरोध प्रदर्शन हुए। इस आंदोलन में लोगों ने ट्रम्प की नीतियों और तानाशाही रवैये का विरोध किया। इस आंदोलन का नाम “50 स्टेट्स, 50 प्रोटेस्टर्स, वन मूवमेंट” से प्रेरित था, जिसका मतलब है कि अमेरिका के 50 राज्यों में एक साथ विरोध प्रदर्शन।
इस समूह का कहना है-
अमेरिका सिर्फ ट्रम्प का नहीं, बल्कि सभी अमेरिकियों का है।
इस प्रदर्शन में करीब 2,000 शहरों और कस्बों में शांतिपूर्ण प्रदर्शन हुए, जिनमें लोगों ने झंडे लहराए, भाषण दिए और नारे लगाए गए। फिलाडेल्फिया में सबसे बड़ा प्रदर्शन हुआ। हालांकि वाशिंगटन में कोई बड़ा विरोध नहीं हुआ।
शिकागो, न्यूयॉर्क, और एंकोरेज जैसे शहरों में भी बड़े पैमाने पर प्रदर्शन हुए। एक प्रदर्शन के दौरान न्यूयॉर्क में पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर काली मिर्च का स्प्रे इस्तेमाल किया, जबकि स्पोकेन में 30 से अधिक लोग गिरफ्तार हुए।
नो किंग्स विरोध प्रदर्शन की तस्वीरें देखें…

लॉस एंजिलिस में विरोध हिंसक हो गया, जबकि डलास और ह्यूस्टन में प्रदर्शन शांतिपूर्ण और सांस्कृतिक रहे।

इस आंदोलन में लोगों ने ट्रम्प की नीतियों और तानाशाही रवैये का विरोध किया।

इस प्रदर्शन में करीब 2,000 शहरों और कस्बों में शांतिपूर्ण प्रदर्शन हुए, जिनमें लोगों ने झंडे लहराए, भाषण दिए और नारे लगाए।
ट्रम्प बोले थे- जरूरत पड़ी तो सैन्य बल का इस्तेमाल करूंगा
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने चेतावनी दी थी कि अगर लॉस एंजिलिस में हिंसा जारी रही तो वे पूरे शहर में विद्रोह कानून लागू कर सकते हैं। यह कानून सरकार को हिंसा रोकने के लिए सैन्य बल का इस्तेमाल करने की इजाजत देता है।
वहीं, अमेरिकी राष्ट्रपति ने 14 जून को वॉशिंगटन डीसी में होने वाली आर्मी परेड के दौरान प्रदर्शन को लेकर भी चेतावनी दी थी। उन्होंने कहा कि अगर कोई प्रदर्शन करता है तो उसे सेना का सामना करना पड़ेगा।
दरअसल, अमेरिका के लॉस एंजिलिस में अवैध प्रवासियों पर हो रही कार्रवाई के विरोध में प्रदर्शन चल रहा है। हालांकि, वॉशिंगटन में हालात काबू में रहें।
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