
गडकरी ने एक्स पर एक पोस्ट कर फास्टैग आधारित पास की घोषणा की। उन्होंने लिखा, ‘परेशानी मुक्त राजमार्ग यात्रा की दिशा में एक परिवर्तनकारी कदम के रूप में, हम ₹3,000 की कीमत वाला फास्टैग आधारित वार्षिक पास शुरू कर रहे हैं, जो 15 अगस्त से प्रभावी होगा। यह पास पूरे देश में राष्ट्रीय राजमार्गों पर निर्बाध और लागत प्रभावी यात्रा को सक्षम करने के लिए है।’
फास्टैग आधारित पास के बारे में
केंद्रीय परिवहन मंत्री के अनुसार, इन फास्टैग आधारित वार्षिक पास की कीमत 3,000 रुपये होगी। ये पास कार, जीप और वैन जैसे गैर-व्यावसायिक वाहनों के लिए हैं। ये पास 15 अगस्त से उपलब्ध होंगे और एक्टिवेशन की तारीख से एक साल या 200 ट्रिप के लिए वैध होंगे।
अन्य जानकारी
फास्टैग आधारित वार्षिक पास सभी राष्ट्रीय राजमार्गों पर वैध होंगे। यह केवल गैर-वाणिज्यिक निजी वाहनों के लिए हैं। इससे एकल, प्रीपेड लेनदेन के माध्यम से टोल भुगतान आसान हो जाएगा। इसका उद्देश्य टोल प्लाजा पर इतेजार के समय और भीड़भाड़ को कम करना है।
वार्षिक पास मौजूदा FASTag सिस्टम का इस्तेमाल करता है, जो RFID (रेडियो-फ़्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन) तकनीक पर आधारित है। इससे आप बिना नकद भुगतान किए टोल चुका सकते हैं।
वार्षिक पास कैसे मिलेगा और काम करेगा?
आप अपने पास को इन जगहों पर सक्रिय और रिन्यू कर सकते हैं: राजमार्ग यात्रा ऐप, भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) की वेबसाइट और सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) की वेबसाइट।
वार्षिक पास का उद्देश्य
सरकार वार्षिक पास इसलिए ला रही है ताकि टोल प्लाजा पर भीड़ कम हो, विवाद कम हों और सड़क यात्रा आसान हो सके। इससे उन यात्रियों की शिकायतें दूर होंगी जिन्हें कम दूरी के लिए भी टोल शुल्क और देरी का सामना करना पड़ता है।
यह ऑटोमैटिक नंबर प्लेट रिकॉग्निशन (ANPR) कैमरों और RFID-आधारित FASTag रीडर वाले नए बैरियर-लेस टोलिंग सिस्टम का हिस्सा है। इस सिस्टम में, गाड़ियों को टोल प्लाजा पर बिना रुके पहचाना जाएगा और अपने आप टोल कट जाएगा। अगर कोई भुगतान नहीं करता है, तो उसे ई-नोटिस मिलेगा और FASTag निलंबित हो सकता है या अन्य दंड लग सकते हैं।
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