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नारायण राणे रत्नागिरी-सिंधुदुर्ग से भाजपा सांसद हैं। उनके छोटे बेटे नितेश राणे महाराष्ट्र सरकार में मंत्री हैं।
पूर्व केंद्रीय मंत्री और भाजपा सांसद नारायण राणे ने बुधवार को अपने बेटे और महाराष्ट्र सरकार में मंत्री नितेश राणे के बयान से किनारा कर लिया है। दरअसल, नितेश राणे ने 7 जून को कहा था कि देवेंद्र फडणवीस महाराष्ट्र में सबके बाप हैं। नारायण राणे ने बेटे के बयान को गलत बताया और कहा कि फडणवीस जनता के सेवक हैं।
नारायण राणे ने कहा, ‘नितेश ने जिस तरह की भाषा का इस्तेमाल किया, वह गलत था। उन्हें बाप शब्द का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए था। मैंने उन्हें समझा दिया है। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री किसी के पिता नहीं, बल्कि लोगों के सेवक हैं। इसको लेकर अब कोई विवाद नहीं है।’
नितेश राणे ने शनिवार को महाराष्ट्र के धाराशिव जिले में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा था कि भाजपा कार्यकर्ताओं को ध्यान में रखना चाहिए कि केंद्र में प्रधानमंत्री भाजपा के हैं। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री भी भाजपा के हैं। इसलिए कोई फर्क नहीं पड़ता कि कौन पावर दिखा रहा है, महाराष्ट्र में सभी के बाप देवेंद्र फडणवीस हैं।

नितेश का इशारा शिंदे गुट की शिवसेना पर था नितेश राणे महाराष्ट्र की महायुति सरकार में राज्य मत्स्य पालन और बंदरगाह विकास मंत्री और कंकावली से भाजपा के विधायक हैं। उनके बयान को महायुति में शामिल शिंदे गुट की शिवसेना को सीधी चेतावनी के तौर पर देखा गया। इससे महायुति में दरार की अटकलें भी तेज हो गईं।
दरअसल, हाल ही में देवेंद्र फडणवीस के निर्देश पर धाराशिव में ₹268 करोड़ की परियोजनाओं पर रोक लगा दी गई थी। शिंदे गुट के शिवसेना विधायक प्रताप सरनाइक धाराशिव के संरक्षक मंत्री रहे हैं। अभी वे महाराष्ट्र सरकार में ट्रांसपोर्ट मिनिस्टर हैं।
भाई निलेश ने भी आलोचना की, बाद में पोस्ट डिलीट किया नितेश राणे के बड़े भाई और शिंदे गुट के नेता निलेश राणे ने भी उनके बयान की आलोचना की थी। निलेश ने 8 जून को X पर नितेश के खिलाफ पोस्ट किया था, जिसे बाद में उन्होंने डिलीट कर दिया।
न्यूज एजेंसी PTI के मुताबिक, नितेश ने लिखा था, ‘हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि हम गठबंधन में हैं। सार्वजनिक सभा को संबोधित करना आसान है, लेकिन आपको यह पता होना चाहिए कि आपके भाषण से किसे फायदा हो रहा है।’
‘जब मैं नितेश से मिलूंगा तो उनसे इस बारे में बात करूंगा। उन्हें ध्यान रखना चाहिए कि वे क्या बयान दे रहे हैं। नितेश को बोलते समय सावधानी बरतनी चाहिए। महायुति का माहौल अच्छा बना रहना चाहिए।’
महाराष्ट्र में शिंदे-NCP के साथ भाजपा की गठबंधन सरकार महाराष्ट्र में इस वक्त शिंदे गुट की शिवसेना, अजित गुट की NCP के साथ भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार है। इसे महायुति गठबंधन भी कहा जाता है। 2024 के विधानसभा चुनाव में महायुति ने जहां 230 सीटें जीतीं, वहीं महा विकास अघाड़ी गठबंधन सिर्फ 46 सीटें हासिल कर पाया था।
महायुति के बैनर तले भाजपा और शिवसेना (अविभाजित) 2014 का महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव जीता था। हालांकि, 2019 में शिवसेना महायुति से अलग हो गई और NCP (अविभाजित) के साथ मिलकर महाविकास अघाड़ी गठबंधन की सरकार बना ली।
2022 में शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे ने उद्धव ठाकरे से बगावत कर दी और 39 से ज्यादा विधायकों के साथ महायुति में शामिल हो गए। CM के तौर पर शिंदे के नेतृत्व में महायुति की सरकार बनी, जबकि भाजपा के देवेंद्र फडणवीस डिप्टी सीएम बने।
साल 2023 में शरद पवार की NCP भी टूट गई और उनके भतीजे अजित पवार पार्टी के कई विधायकों के साथ महायुति सरकार में शामिल हो गए। अजित पवार ने महाराष्ट्र सरकार में दूसरे डिप्टी सीएम के रूप में शपथ ली थी।

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