National Herald Case: दिल्ली की एक अदालत आज यह तय करेगी कि नेशनल हेराल्ड मनी लॉन्ड्रिंग केस में सोनिया और राहुल गांधी को समन भेजा जाए या नहीं. ईडी ने चार्जशीट में उन पर हजारों करोड़ की संपत्ति हड़पने का आरोप लगाया है. अगर कोर्ट ने संज्ञान लिया तो गांधी परिवार की मुश्किलें बढ़ जाएंगी.
नेशनल हेराल्ड केस: संपत्ति हड़पने की बड़ी साजिश
- यह पूरा मामला सिर्फ पैसों की हेराफेरी का नहीं है. आरोप है कि यह हजारों करोड़ की संपत्ति हथियाने की साजिश थी.
- यह विवाद 2012 में शुरू हुआ था. भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने कोर्ट में एक शिकायत दर्ज कराई थी.
- उन्होंने आरोप लगाया था कि कांग्रेस नेताओं ने धोखाधड़ी की है. नेशनल हेराल्ड अखबार की मूल कंपनी एसोसिएट्स जर्नल्स लिमिटेड यानी एजेएल थी.
- एजेएल के पास दिल्ली, मुंबई और लखनऊ जैसे शहरों में बेशकीमती जमीनें थीं. आरोप है कि इन जमीनों पर कब्जा करने के लिए एक खेल रचा गया.
50 लाख में हजारों करोड़ का खेल
स्वामी का आरोप था कि कांग्रेस ने एजेएल को 90 करोड़ रुपये का लोन दिया था. यह लोन ब्याज मुक्त था. बाद में यंग इंडियन नाम की एक नई कंपनी बनाई गई. इस कंपनी में सोनिया और राहुल गांधी की 76 फीसदी हिस्सेदारी थी. आरोप है कि महज 50 लाख रुपये देकर एजेएल का 90 करोड़ का कर्ज यंग इंडियन को ट्रांसफर कर दिया गया. इसके बदले में यंग इंडियन को एजेएल के 99 फीसदी शेयर मिल गए. इस तरह एजेएल की हजारों करोड़ की संपत्ति पर गांधी परिवार का नियंत्रण हो गया. ईडी का कहना है कि यह मनी लॉन्ड्रिंग का क्लासिक केस है.
अगर कोर्ट समन जारी करता है तो कांग्रेस सड़क पर उतर सकती है. पार्टी इसे हमेशा से राजनीतिक बदले की कार्रवाई बताती रही है. कांग्रेस का कहना है कि सरकार एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है. वहीं BJP का कहना है कि यह भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई है. कानून सबके लिए बराबर है. गांधी परिवार को पहले भी इस मामले में बेल लेनी पड़ी थी. अब चार्जशीट दाखिल होने के बाद मामला और गंभीर हो गया है. अगर समन जारी हुआ तो आरोपियों को नियमित जमानत के लिए अर्जी देनी होगी. कोर्ट उन्हें जेल भी भेज सकता है.
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दीपक वर्मा न्यूज18 हिंदी (डिजिटल) में डिप्टी न्यूज एडिटर के रूप में काम कर रहे हैं. लखनऊ में जन्मे और पले-बढ़े दीपक की जर्नलिज्म जर्नी की शुरुआत प्रिंट मीडिया से हुई थी, लेकिन जल्द ही उन्होंने डिजिटल प्लेटफॉर्म…और पढ़ें


