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बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के बयान बांग्लादेश में लोगों का गुस्सा भड़का रहे हैं। उन्होंने यह बयान बुधवार को लंदन के चैथम हाउस में एक बातचीत के दौरान दिया।
यूनुस ने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी ने बांग्लादेश की उस मांग को नजरअंदाज कर दिया, जिसमें भारत में रह रहीं शेख हसीना के ऑनलाइन भाषणों पर रोक लगाने की अपील की गई थी।
यूनुस ने कहा- मैंने पीएम मोदी से कहा कि अगर आप हसीना को भारत में रखना चाहते हैं, तो मैं आपको मजबूर नहीं कर सकता। लेकिन यह तय करें कि वह बांग्लादेश के लोगों को भड़काने वाले बयान न दें।”
जब यूनुस से पूछा गया कि क्या भारत ने वह किया जो आप चाहते थे, इस पर उन्होंने कहा- नहीं।
यूनुस बोले- भारत से अच्छे रिश्ते चाहते हैं
बकौल यूनुस पीएम मोदी ने उनसे कहा कि यह सोशल मीडिया है, इसे कंट्रोल नहीं किया जा सकता। इस पर यूनुस ने कहा कि यह खतरनाक स्थिति है।
यूनुस ने भारतीय मीडिया पर फर्जी खबरें फैलाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा- हम भारत के साथ अच्छे रिश्ते चाहते हैं, लेकिन पॉलिसी मेकर्स से जुड़े भारतीय प्रेस की फर्जी खबरों और साइबर स्पेस में हो रही एक्टिविटी के कारण बांग्लादेश घबरा जाता है।
यूनुस ने कहा कि बांग्लादेश ने भारत सरकार को पत्र लिखकर हसीना के प्रत्यर्पण की मांग की है। उन्होंने कहा- इंटरनेशनल क्राइम ट्रिब्यूनल ने हसीना के खिलाफ मुकदमा शुरू किया है। उनके खिलाफ कई अपराधों के लिए नोटिस भेजे गए हैं। हम कानूनी प्रक्रिया का पालन कर रहे हैं।

मोहम्मद युनूस ने लंदन के चैथम हाउस में मीडिया से बात की।
यूनुस के खिलाफ ही लोगों में गुस्सा बढ़ रहा
मोहम्मद यूनुस ने यह बयान ऐसे मौके पर दिया है, जब देश में उनके खिलाफ ही विरोध के स्वर लगातार बढ़ते जा रहे हैं। विपक्षी दलों, सरकारी कर्मचारियों, शिक्षकों और सेना के बीच उन्हें लेकर नाराजगी है। ढाका मेट्रोपॉलिटन पुलिस (DMP) ने राजधानी के केंद्र में सभी रैलियों, विरोध प्रदर्शनों और जनसभाओं पर अनिश्चितकालीन प्रतिबंध लगा दिया है।
वहीं, ढाका पुलिस ने मोहम्मद यूनुस के आधिकारिक निवास ‘जमुना गेस्ट हाउस’ और बांग्लादेश सचिवालय के आसपास के एरिया को पूरी तरह सील कर दिया है। यह कदम ऐसे समय में उठाया गया है। जब सचिवालय में काम करने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों ने सरकार के एक अध्यादेश के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं।

ढाका सचिवालय में सरकारी कर्मचारी मोहम्मद यूनुस सरकार के उस अध्यादेश के खिलाफ हफ्तों से प्रदर्शन कर रहे हैं, जिसमें बर्खास्तगी की प्रक्रिया आसान की गई है।
बांग्लादेश में अगले साल आम चुनाव होंगे
बांग्लादेश में अप्रैल 2026 में आम चुनाव होंगे। अंतरिम सरकार में चीफ एडवाइजर मोहम्मद यूनुस ने 6 जून को इसका ऐलान किया था।
ईद से एक दिन पहले राष्ट्र के नाम संबोधन में यूनुस ने कहा,

अगला आम चुनाव अप्रैल 2026 के पहले पखवाड़े में होगा। इसके लिए चुनाव आयोग बाद में विस्तार से एक रोडमेप पेश करेगा।
यूनुस ने बताया कि अगले साल तक चुनाव के लिए जरूरी सभी रिफॉर्म पूरे कर लिए जाएंगे। पिछले साल अगस्त में शेख हसीना के तख्तापलट के बाद मोहम्मद यूनुस को अंतरिम सरकार का चीफ एडवाइजर बनाया गया था।
शेख हसीना ने 5 अगस्त 2024 को PM पद से इस्तीफा दिया था
शेख हसीना पिछले साल 5 अगस्त को देश छोड़कर भारत आ गई थीं। दरअसल, उनके खिलाफ देशभर में छात्र प्रदर्शन कर रहे थे। बांग्लादेश में 5 जून को हाईकोर्ट ने जॉब में 30% कोटा सिस्टम लागू किया था, इस आरक्षण के खिलाफ ढाका में यूनिवर्सिटीज के स्टूडेंट्स प्रोटेस्ट कर रहे थे। यह आरक्षण स्वतंत्रता सेनानियों के परिवारों को दिया जा रहा था।
हालांकि हसीना सरकार ने यह आरक्षण बाद में खत्म कर दिया था। लेकिन इसके बाद छात्र उनके इस्तीफे की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन करने लगे। बड़ी संख्या में छात्र और आम लोग हसीना और उनकी सरकार के खिलाफ सड़क पर उतर आए। इस प्रोटेस्ट के दो महीने बाद 5 अगस्त को उन्होंने प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद अंतरिम सरकार की स्थापना की गई।

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