
अंतरराष्ट्रीय राजनीति में अमेरिका की दोहरी चाल व्हाइट हाउस में पाकिस्तान के आर्मी चीफ आसिम मुनीर की लंच वाली दावत से उजागर हो गई। कैबिनेट रूम में हुई इस बंद कमरे की मुलाकात के बाद लंच कर ट्रंप पाकिस्तान के इस कदम फैन हो गए कि यहां तक कह दिया की मुनीर से मिलकर मैं सम्मानित महसूस कर रहा हूं। वैसे अमेरिका के डबल स्टैंडर्ड का ये कोई पहला मौका नहीं था। वो अक्सर भारत को बैलेंस करने के लिए पाकिस्तान का प्रयोग करता आया है। लेकिन अब ट्रंप के नहले पर भारत ने भी दहला चल दिया है। अमेरिका को फूटी आंख नहीं सुहाने वाले चीन में पीएम मोदी ने अपने सबसे खास अजित डोभाल को भेजा है। चीन और भारत एक बार फिर बातचीत के जरिए तनाव को कम करने की कोशिश कर रहे हैं। बीजिंग में चीन के विदेश मंत्री वांग यी और भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल की मुलाकात इसी सिलसिले की अहम कड़ी है। दोनों नेताओं ने सीमावर्ती इलाकों में शांति बनाए रखने, एक दूसरे की संवेदनशीलताओं का सम्मान करने और भरोसे को दोबारा कायम करने पर बात की।
चीन ने दोस्ती की दिशा पर चलने पर दिया जोर
ये मुलाकात इसलिए भी अहम मानी जारी है क्योंकि मई 2020 में पूर्व लद्दाख में जो सैन्य तनाव शुरू हुआ था उसने दोनों देशों के रिश्तों को बेहद तनावपूर्ण बना दिया था। अब एक बार फिर दोनों देशों के टॉप प्रतिनिधि इस रिश्ते को सुधारने की दिशा में छोटे छोटे लेकिन ठोस कदम बढ़ा रहे हैं। चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने कहा कि चीन और भारत को अच्छे पड़ोसी और दोस्ती कि दिशा पर चलना चाहिए। पारस्पारिक रूप से लाभकारी और जीत की संभावना के लिए कोशिश करना चाहिए। दो प्राचीन सभ्यताओं के ऐतिहासिक ज्ञान का प्रदर्शन करना चाहिए। संवेदनशील मुद्दों को ठीक से संभालना चाहिए। बॉर्डर के आसपास के इलाकों में शांति और सोहार्द बनाए रखना चाहिए।
डोभाल ने आतंकवाद का मुकाबला करने की जरूरत पर दिया जोर
एससीओ के शीर्ष सुरक्षा अधिकारियों के एक सम्मेलन में अपने संबोधन में डोभाल ने कहा कि भारत, लश्कर ए तैयबा (एलईटी), जैश ए मोहम्मद (जेईएम), अलकायदा, आईएसआईएस और इसके सहयोगी जैसे संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रतिबंधित आतंकवादी समूहों से लगातार खतरे को लेकर बेहद चिंतित है। एनएसए ने कहा कि पहलगाम आतंकवादी हमले के बाद नयी दिल्ली ने आतंकवादी बुनियादी ढांचे को नष्ट करने और आतंकवादियों को भारत में हमले करने से रोकने के लिए ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया। उन्होंने कहा कि पहलगाम में हुए हमले के जवाब में भारत ने आतंकवादी बुनियादी ढांचे को नष्ट करने के लिए ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया था। इस हमले में लश्कर ए तैयबा के एक छद्म संगठन टीआरएफ ने 26 भारतीय और एक नेपाली नागरिक की हत्या कर दी थी और कई अन्य को घायल कर दिया था।
संबंधों में सामान्य स्थिति बहाल करने की दिशा में अहम कदम
एनएसए डोभाल की इस यात्रा को पूर्वी लद्दाख में मई 2020 में सैन्य गतिरोध शुरू होने के बाद द्विपक्षीय संबंधों में सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए दोनों पक्षों द्वारा की जा रही बड़ी कोशिश के हिस्से के रूप में देखा जा रहा है। ये यात्राएं भारत चीन संबंधों में महत्वपूर्ण कदम है। जो पूर्वी लद्दाख में 2020 में सैन्य गतिरोध के बाद से तनावपूर्ण हैं। दोनों देश कूटनीतिक जुड़ाव के जरिए सामान्य स्थिति और विश्वास बहाल करने की दिशा में काम कर रहे हैं।
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