
Meesho IPO: ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म मीशो अपना आईपीओ लाने की तैयारी में है. बताया जा रहा है कि आने वाले दिनों में कंपनी सेबी के पास इसके लिए चुपके से आवेदन कर सकती है. बेंगलुरु की इस कंपनी के समर्थकों में में सॉफ्टबैंक ग्रुप कॉर्पोरेशन भी शामिल है. इस आईपीओ के जरिए कंपनी 700 मिलियन डॉलर से 800 मिलियन डॉलर तक जुटा सकती है.
Meesho ने बदला अपना नाम
इस बीच मीशो ने अपना नाम बदलकर मीशो प्राइवेट लिमिटेड से मीशो लिमिटेड कर दिया है. 5 जून को हुई एक आम बैठक में कंपनी के बोर्ड ने नाम बदलने के इस प्रस्ताव को मंजूरी भी दे दी है.
बता दें कि आईपीओ लाने से पहले नाम बदलने के प्रॉसेस को काफी जरूरी माना जाता है. इसके पीछे मकसद अपने ब्रांड की पहचान बढ़ाने और निवेशकों को आकर्षित करना है. इसके अलावा, एक प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के शेयर र्सावजनिक रूप से व्यापार नहीं कर सकते क्योंकि इसका स्वामित्व सीमित होता है. जबकि पब्लिक लिमिटेड कंपनी के शेयर स्टॉक मार्केट में लिस्ट हो सकते हैं और लोग इसे खरीद सकते हैं. इसकी हिस्सेदारी कई शेयरहोल्डर्स के पास होती है. कंपनी ने अपनी फाइलिंग में कहा है, हम ग्रोथ के लिए कई ऑप्शंस को लेकर सोच रहे हैं और सही समय पर आईपीओ लाना हमारे इसी प्लान का हिस्सा होगा.
मार्केट में बढ़ रहा मीशो का दबदबा
दूसरी ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म की ही तरह मीशो का भारतीय बाजारों में दायरा बढ़ता जा रहा है. एक रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2024 में भारत में ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स पर प्लेस किए गए टोटल ऑडर्स में से 37 परसेंट सिर्फ मीशो के थे. 2024 के अंत तक मीशो के प्लेटफॉर्म पर शॉपिंग कर रहे ग्राहकों की संख्या की भी बढ़कर 18.7 करोड़ तक पहुंच गई. इसी साल मीशो का रेवेन्यू 33 परसेंट की उछाल के साथ 7615 करोड़ रुपये तक पहुंच गया. बता दें कि आईपीओ कैपिटल जुटाने के साथ शेयर मार्केट में लिस्ट होने का भी एक तरीका है. इससे लोगों के बीच ब्रांड को लेकर जागरूकता भी बढ़ती है.
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