
Mayawati Press Conference Today: नई दिल्ली: बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती आज शाम 4 बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस करने जा रही हैं. कयास लगाए जा रहे हैं कि वह बिहार और उत्तर प्रदेश की सियासत को लेकर कोई बड़ा ऐलान कर सकती हैं. खास बात यह है कि हाल ही में बसपा ने बिहार की सभी 243 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ने की घोषणा की थी. ऐसा माना जा रहा है कि मायावती की आज की प्रेस कॉन्फ्रेंस में बिहार चुनाव को लेकर कुछ बड़े फैसलों का ऐलान होगा. मसलन, मुख्यमंत्री चेहरा घोषित करना, गठबंधन से इनकार या सहयोगियों की घोषणा. साथ ही यूपी में 2027 की तैयारियों को लेकर भी संकेत मिल सकते हैं. मायावती की इस प्रेस कॉन्फ्रेंस से दलित राजनीति का एक नया अध्याय शुरू हो सकता है.
मायावती भले कुछ समय से राष्ट्रीय राजनीति में शांत रहीं हों, लेकिन अब वह फिर से एक्टिव मोड में दिख रही हैं. उनका फोकस साफ है- जातीय जनगणना, बहुजन गठबंधन और यूपी-बिहार की सत्ता में वापसी. चंद्रशेखर आजाद जैसे नए चेहरों से खतरे को भांपते हुए वह पहले ही मोर्चा संभाल चुकी हैं. अब देखना यह है कि शाम 4 बजे मायावती के पत्तों से क्या नई चाल सामने आती है. बसपा चीफ मायावती की प्रेस कॉन्फ्रेंस के लाइव अपडेट्स यहां देखिए.
बिहार में बसपा की बड़ी एंट्री?
बिहार में बसपा अब तक हाशिए पर रही है, लेकिन आकाश आनंद के जरिए पार्टी ने एक नया प्रयोग शुरू किया है. पटना के कार्यक्रम में हजारों लोगों की भीड़ और नेताओं के बयानों से संकेत मिलता है कि बसपा अब बिहार को “बहुजन बनाम ब्राह्मणवादी पार्टियों” की लड़ाई में बदलने जा रही है. यह प्रयोग अगर सफल होता है तो न सिर्फ बसपा को नई जान मिलेगी, बल्कि दलित राजनीति की धुरी भी यूपी से बिहार की तरफ खिसक सकती है.
शाहूजी महाराज से शुरू हुई रणनीति की स्क्रिप्ट
कुछ दिन पहले पटना के कृष्ण मेमोरियल हॉल में बसपा ने छत्रपति शाहूजी महाराज की जयंती मनाई, जहां मायावती के उत्तराधिकारी माने जा रहे आकाश आनंद को सिक्कों से तौला गया. भाषण में उन्होंने साफ किया कि बसपा बिहार में न सिर्फ चुनाव लड़ने आई है, बल्कि बहुजन सत्ता की लड़ाई जीतने का रोडमैप भी साथ लाई है. उन्होंने कहा, ‘अब बिहार को शाहू जी महाराज जैसे साहसी और बहुजन हितैषी नेतृत्व की जरूरत है.’
जातीय जनगणना और बहुजन एजेंडा
मायावती खुद बार-बार जातीय जनगणना का मुद्दा उठा रही हैं. उन्होंने हाल ही में कहा कि यह काम पूरी ईमानदारी से होना चाहिए और भाजपा सरकार की कथित उपलब्धियों की पोल जनता खुद खोलेगी. जातिगत आंकड़ों के आधार पर नीतियां बनें, यह बसपा का प्रमुख एजेंडा रहा है और मायावती इसे 2024 और 2025 के चुनावी रण में धार देने जा रही हैं.
चंद्रशेखर आजाद पर भी हमला
पिछले दिनों मायावती ने बिना नाम लिए भीम आर्मी के चंद्रशेखर आजाद पर भी तीखा हमला बोला. उन्होंने कहा कि कुछ लोग उनके और कांशीराम के नाम पर बसपा के समर्थकों को गुमराह कर रहे हैं, जबकि ये लोग असल में जातिवादी पार्टियों के हाथों में खेल रहे हैं. उन्होंने साफ कहा, ‘बसपा ही एकमात्र अंबेडकरवादी पार्टी है जो बाबा साहब की मूवमेंट को सच्चे अर्थों में आगे बढ़ा रही है.’
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