
MahaRERA: रियल एस्टेट रेगुलेटरी ऑथारिटी यानी रेरा (RERA) ने एक ऐसा फैसला सुनाया है, जिससे घर खरीदने की प्लानिंग बना रहे लाखों लोगों के चेहरे पर मुस्कान खिल जाएगी. आमतौर पर घर या फ्लैट की बुकिंग कराते वक्त बिल्डर को बुकिंग अमाउंट के तौर पर कुछ पैसे देने पड़ते हैं.
रियल एस्टेट (विनियमन और विकास) अधिनियम, 2016 के मुताबिक, बुकिंग अमाउंट घर की कीमत के 10 परसेंट से ज्यादा नहीं होनी चाहिए. कई बार लोग बुकिंग करा तो देते हैं, लेकिन बाद में किसी वजह से बुकिंग कैंसिल करानी पड़ जाती है. ऐसे में बिल्डर बुकिंग अमाउंट रिफंड करने में आनाकानी करता है.
सेल्स मैनेजर ने मुंहजुबानी दिया भरोसा
एक ऐसा ही मामला मुंबई से सामने आया है. दरअसल, एक NRI कपल ने मुंबई में लोढ़ा डेवलपर्स के मुलुंड प्रोजेक्ट में 2.27 करोड़ रुपये का अपार्टमेंट बुक कराया था. उन्होंने 7 लाख रुपये देकर अपने घर की बुकिंग करा ली.
इस दौरान लोढ़ा के सेल्स मैनेजर ने उन्हें मुंहजुबानी कहा कि अगर उनका लोन बैंक से पास नहीं होता या कोई और तरह की फाइनेंशियल या पर्सनल दिक्कत आती है, तो बुकिंग का सारा पैसा रिफंड कर दिया जाएगा. बाद में जब उनका लोन एप्लीकेशन सच में रिजेक्ट हो गया, तो बिल्डर ने उन्हें रिफंड देने से साफ इंकार कर दिया. इसके बाद कपल ने MahaRERA (Maharashtra Real Estate Regulatory Authority) का सहारा लिया. आखिरकार फैसला उनके हक में रहा. महारेरा ने लोढ़ा डेवलपर्स को उन्हें बुकिंग अमाउंट लौटाने के लिए कहा.
लोढ़ा डेवलपर्स ने दिया ये तर्क
बता दें कि रूस में रह रहे वैभव किशोर अंबुकर और उनकी पत्नी सीमा ने लोढ़ा के मुलुंड प्रोजेक्ट टॉवर 1 में एक फ्लैट बुक किया था. हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, उन्होंने सितंबर और अक्टूबर 2021 में दो किस्तों में 7 लाख रुपये का भुगतान किया. हालांकि, दोनों ने तभी कह दिया था कि घर खरीदना पूरी तरह से होम लोन पर डिपेंड करता है.
इधर, लोन पास नहीं होने पर बुकिंग अमाउंट वापस मांगने पर उन्हें नहीं लौटाया गया. लोढ़ा डेवलपर्स ने तर्क दिया कि फ्लैट की बुकिंग 18 नवंबर, 2021 में कराई गई थी. बुकिंग फॉर्म में एक क्लॉज (क्लॉज 3.5) शामिल था जिसमें कहा गया था कि अगर खरीदार बुकिंग कैंसिल कराता है, तो डेवलपर टोटल फ्लैट कॉस्ट का 10 परसेंट तक रख सकता है इसलिए रिफंड का कोई सवाल ही पैदा नहीं होता है.
महारेरा ने कही ये बात
दोनों पक्षों को बारी-बारी से सुनने के बाद 10 जून, 2025 के अपने फैसले में महारेरा ने बताया कि दोनों के बीच कोई ऑफिशियल सेल एग्रीमेंट नहीं हुआ इसलिए महारेरा ने इसने बुकिंग अमाउंट जब्त करने के प्रावधान को ‘एकतरफा, अनुचित और लागू न करने योग्य’ पाया.
महारेरा ने कहा कि रिफंड से इनकार करना रियल एस्टेट (विनियमन और विकास) अधिनियम, 2016 के खिलाफ है. ऐसे में शिकायतकर्ता को बिना ब्याज के 6,65,000 रुपये की राशि वापस लौटानी होगी. महारेरा ने बिल्डर को 15 जुलाई, 2025 को या उससे पहले पूरे पैसे वापस करने का आदेश दिया. नहीं, तो पैसे पूरे नहीं मिल जाने तक 16 जुलाई, 2025 से एसबीआई की उच्च MCLR से 2 परसेंट ज्यादा ब्याज देय होगा. इतना ही नहीं, रेरा ने लोढ़ा डेवलपर्स को कानूनी प्रक्रिया में आए खर्च के लिए के लिए मुआवजे के तौर पर खरीदारों को 20,000 रुपये का भुगतान करने का भी आदेश दिया है.
ये भी पढ़ें:
मुकेश अंबानी की इस कंपनी के शेयर में आयी जबरदस्त तेजी, जानिए सेबी का कौन सा फैसला बनी वजह
Discover more from हिंदी न्यूज़ ब्लॉग
Subscribe to get the latest posts sent to your email.