
जर्नलिज्म की पढ़ाई के लिए एजुकेशन लोन की राशि कई बातों पर निर्भर करती है जैसे कि संस्थान की फीस, पढ़ाई की अवधि, और कोर्स का स्तर (UG या PG). भारत में पढ़ाई के लिए ज्यादातर बैंक 10 लाख तक का एजुकेशन लोन देते हैं. अगर आप विदेश जाकर मास कम्युनिकेशन या जर्नलिज्म का कोर्स करना चाहते हैं, तो यह सीमा 20 लाख या उससे ज्यादा भी हो सकती है.
किन चीजों के लिए मिलती है ये रकम?
एजुकेशन लोन केवल ट्यूशन फीस के लिए ही नहीं होता, बल्कि इसमें हॉस्टल खर्च, किताबें, लैपटॉप, प्रोजेक्ट वर्क और अन्य जरूरी शैक्षणिक खर्च भी शामिल होते हैं. इसका मतलब है कि लोन से आपकी पूरी पढ़ाई का खर्च कवर हो सकता है.
कौन ले सकता है लोन?
आवेदनकर्ता भारतीय नागरिक होना चाहिए
बैंक कुछ मामलों में को-साइनर (जैसे माता-पिता या अभिभावक) की भी जरूरत बताता है
कोर्स फुल टाइम या पार्ट टाइम दोनों हो सकते हैं
लोन चुकाने का आसान तरीका
एजुकेशन लोन की सबसे अच्छी बात यह है कि इसे चुकाने के लिए आपको पढ़ाई के दौरान कोई ईएमआई नहीं देनी होती.
लोन का भुगतान पढ़ाई खत्म होने के बाद शुरू होता है, जिसे “मोरेटोरियम पीरियड” कहते हैं.
आमतौर पर पढ़ाई खत्म होने के 6 से 12 महीने बाद लोन चुकाना शुरू होता है.
आप इस लोन को 5 से 15 साल की अवधि में आराम से छोटी-छोटी किस्तों में चुका सकते हैं.
दस्तावेज क्या लगेंगे?
एडमिशन लेटर
कोर्स फीस की डिटेल
पिछले शैक्षणिक प्रमाणपत्र
आधार कार्ड, पैन कार्ड
बैंक स्टेटमेंट और इनकम प्रूफ (अगर मांगे जाएं)
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