सरकार ने Bank of Maharashtra में अपनी हिस्सेदारी बेचने की प्रक्रिया की औपचारिक घोषणा कर दी है और कल से OFS शुरू होगा. केंद्र 5 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचेगा और 1 प्रतिशत का ग्रीन शू ऑप्शन भी जोड़ा गया है, जिससे कुल डिसइन्वेस्टमेंट 6 प्रतिशत तक पहुंच सकता है. फ्लोर प्राइस 54 रुपये तय की गई है और मौजूदा कीमतों के हिसाब से सरकार को लगभग 1,800 करोड़ रुपये मिल सकते हैं. यह कदम मिनिमम पब्लिक शेयरहोल्डिंग नॉर्म्स पूरा करने और PSU बैंकों में चल रही कंसोलिडेशन प्रक्रिया के बीच आया है. बैंक का शेयर इस साल 11.4 प्रतिशत ऊपर है और OFS के बाद बाजार की प्रतिक्रिया अहम रहेगी.
यह कदम तब सामने आया है जब केंद्र को मिनिमम पब्लिक शेयरहोल्डिंग के नियम पूरे करने हैं और हाल के महीनों में इस बैंक का शेयर लगातार मजबूत प्रदर्शन दिखा रहा है. दिलचस्प बात ये है कि आज दिन में CNBC TV18 की रिपोर्ट में इस स्टेक सेल का संकेत मिला था और अब केंद्र ने इसकी पुष्टि भी कर दी है.
सरकार 5 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचेगी, 1 प्रतिशत का ग्रीन शू
सरकार ने साफ किया है कि वह बैंक में अपनी 5 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचेगी और इसके अलावा 1 प्रतिशत का ग्रीन शू ऑप्शन भी रखा गया है. ग्रीन शू ऑप्शन एक ऐसा प्रावधान होता है जिसमें कंपनी या सरकार अपने शेयरों की बिक्री को जरूरत पड़ने पर बढ़ा सकती है. आम तौर पर यह 10-15% तक का अतिरिक्त हिस्सा होता है जिसे तभी बेचा जाता है जब शेयरों की डिमांड बहुत ज्यादा हो या ऑफर को स्थिर बनाए रखना हो. मतलब कुल डिसइन्वेस्टमेंट 6 प्रतिशत तक पहुंच सकता है. इस OFS की फ्लोर प्राइस 54 रुपये प्रति शेयर तय की गई है जो मौजूदा बाजार भाव से कम है.
सितंबर क्वार्टर के आंकड़े बताते हैं कि सरकार बैंक में 79.6 प्रतिशत की हिस्सेदारी रखती है. मौजूदा बाजार भाव के आधार पर सिर्फ 5 प्रतिशत हिस्सेदारी की बिक्री से ही सरकार को लगभग 1,800 करोड़ रुपये मिल सकते हैं.
QIP के बाद अब पब्लिक शेयरहोल्डिंग नॉर्म्स की बारी
बैंक ने अक्टूबर 2024 में 3,500 करोड़ रुपये का QIP पूरा किया था ताकि अपनी कैपिटल बेस को मजबूत किया जा सके. इसके बाद से साफ था कि बैंक को मिनिमम पब्लिक शेयरहोल्डिंग के मानकों तक पहुंचने के लिए सरकार को हिस्सेदारी कम करनी ही होगी. यही वजह है कि OFS की टाइमिंग कई लिहाज से अहम मानी जा रही है क्योंकि PSU बैंकों में सरकारी हिस्सेदारी लगातार रडार पर है.
PSU बैंकों की नई कंसोलिडेशन स्टोरी भी बैकग्राउंड में चल रही है
पिछले कुछ हफ्तों से पब्लिक सेक्टर बैंकों पर फिर से फोकस बढ़ा है, खासतौर पर तब से जब वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन (Nirmala Sitharaman) ने साफ किया था कि अगला कंसोलिडेशन फेज जल्द शुरू होगा. उन्होंने नवंबर 6 को कहा था कि सरकार को भारतीय रिजर्व बैंक यानी आरबीआई के साथ इस पर चर्चा करनी है कि बैंक कितने बड़े आकार में आगे बढ़ना चाहते हैं और कंसोलिडेशन की दिशा क्या होगी.
बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि जब किसी बैंक में सरकारी हिस्सेदारी 75 प्रतिशत से ऊपर होती है तो बाजार में लिक्विडिटी कम होती है और निवेशक दिलचस्पी घटती है. यही वजह है कि Bank of Maharashtra का OFS व्यापक बैंकिंग सुधारों का हिस्सा माना जा रहा है.
शेयर का हाल और निवेशकों की नजर
सोमवार को बैंक का शेयर लगभग स्थिर रहा और दिन के ऊंचे स्तर से फिसलकर 58.6 रुपये पर ट्रेड कर रहा था. साल 2025 में अब तक स्टॉक 11.4 प्रतिशत चढ़ चुका है, जिससे साफ है कि निवेशकों की दिलचस्पी बनी हुई है. OFS किस तरह निवेशकों के मूड को प्रभावित करेगा, ये आने वाले सत्रों में साफ होगा.
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जय ठाकुर 2018 से खबरों की दुनिया से जुड़े हुए हैं. 2022 से News18Hindi में सीनियर सब एडिटर के तौर पर कार्यरत हैं और बिजनेस टीम का हिस्सा हैं. बिजनेस, विशेषकर शेयर बाजार से जुड़ी खबरों में रुचि है. इसके अलावा दे…और पढ़ें


