अमेरिका ईरान अटैक : अगर इजरायल-ईरान संघर्ष लंबा चला तो कच्चे तेल की कीमतें 130 डॉलर बैरल हो जाए तो भी कोई आश्चर्य की बात नहीं है. अमेरिका के भी ईरान पर अटैक करने के बाद परिस्थितियां और जटिल हो गई हैं.
इजरायल-ईरान युद्ध के चलते होरमुज जलडमरूमध्य को हाई रिस्क ज़ोन घोषित कर दिया गया है.
हाइलाइट्स
अमेरिका ने ईरान के तीन परमाणु ठिकानों पर हमला किया.
कच्चे तेल की कीमतें 120 डॉलर प्रति बैरल तक जा सकती हैं.
होरमुज जलडमरूमध्य को हाई रिस्क ज़ोन घोषित किया गया है.
नई दिल्ली. नई दिल्ली. अमेरिका ने ईरान के तीन परमाणु ठिकानों पर हमला किया है. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हमले की पुष्टि की है. फोर्डो, नतांज और इस्फहान स्थित न्यूक्लियर साइट्स पर अमेरिका ने धावा बोला है. इजरायल-ईरान युद्ध में अमेरिका के भी कूद पड़ने से पूरी दुनिया को चिंता में डाल दिया है. अब मध्य-पूर्व में संघर्ष और तेज होने की आशंका बढ गई है. इजरायल-ईरान युद्ध के कारण एक सप्ताह में ही ब्रेंट क्रूड की कीमतों में 18% तक का इजाफा हो चुका है और यह 79 डॉलर प्रति बैरल को छू चुकी है. सप्ताह के अंत तक यह थोड़ा गिरकर 77 डॉलर पर बंद हुई. वहीं, वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट का रेट भी 75 डॉलर प्रति बैरल के आसपास हो गया है. अमेरिका के भी ईरान के साथ युद्ध में उलझने से कच्चे तेल की कीमतों में आगे और बढोतरी हो सकती है. जानकारों का कहना है कि अगर यह संघर्ष लंबा चलता है तो कीमत प्रति बैरल 120 डॉलर तक पहुंच सकती है.
इजरायल-ईरान युद्ध के चलते होरमुज जलडमरूमध्य को हाई रिस्क ज़ोन घोषित कर दिया गया है. इसी रूट से कच्चे तेल की ज्यादातर सप्लाई होती है. होरमुज के हाई रिस्क जोन घोषित होते ही बीमा कंपनियों ने इंश्योरेंस कीमत बढा दी है, जिससे टैंकरों के किराए में भारी इजाफा हुआ है. यही नहीं बहुत सी शिपिंग कंपनियों ने तोअ इस रूट को छोड़कर वैकल्पिक रास्ते अपनाने शुरू कर दिए हैं, जिस वजह से यात्रा में लगने वाला समय और खर्च, दोनों ही बढ गए हैं.
120 डॉलर प्रति बैरल जा सकता है भाव
ऊर्जा विशेषज्ञों का कहना है कि अगर होरमुज जलडमरूमध्य में कोई रुकावट आती है, तो इसका सीधा असर कच्चे तेल की कीमतों पर होगा. क्रूड ऑयल का भाव 120 डॉलर प्रति बैरल तक जा सकता है. जेपी मॉर्गन, सिटी बैंक और डॉयचे बैंक जैसे बड़े वित्तीय संस्थानों ने तो यहां तक कह दिया है कि अगर इजरायल-ईरान संघर्ष लंबा चला तो कच्चे तेल की कीमतें 130 डॉलर बैरल हो जाए तो भी कोई आश्चर्य की बात नहीं है.
शेयर बाजार लुढका
अमेरिकी शेयर बाजार में भी शुक्रवार को गिरावट देखी गई. एसएंडपी 500 और नैस्डेक में गिरावट आई. निवेशकों ने शेयर बाजार से पैसा निकालकर सोना और डॉलर जैसे सुरक्षित विकल्पों में निवेश करना शुरू कर दिया है.
शेयर बाजार जानकारों का कहना है कि अगर अमेरिका के हवाई हमलों के जवाब में ईरान ने जवाबी हमला किया या ईरान पर नया हमला हुआ तो अमेरिकी शेयर बाजार में भारी उथल-पुथल देखने को मिल सकती है. तेल की कीमतों में बढोतरी और सप्लाई चेन में बाधा पड़ने से विश्व भर में महंगाई में इजाफा हो सकता है. इसका असर यह होगा की केंद्रीय बैंकों की ब्याज दरों में कटौती की योजना भी टल सकती है.