
प्रीमियम उत्पादों में बैंगलोर सबसे आगे
जब प्रीमियम उत्पादों की बात आती है, तो बैंगलोर सबसे ऊपर आता है. यहां हर किलो एफएमसीजी पर औसतन 211 रुपये खर्च होते हैं, जो अन्य सभी शहरों से अधिक है. देश के किसी भी शहर में 195 रुपये प्रति किलो से अधिक नहीं है. इस मामले में बैंगलोर सबसे आगे है. अगर साल में सबसे ज्यादा बार एफएमसीजी उत्पादों को खरीदने की बात करें तो मुंबई के ग्रेटर धारावी सांताक्रूज क्लस्टर (जीडीएससी) जिसमें धारावी, बांद्रा ईस्ट, खार ईस्ट, सांताक्रूज ईस्ट, दवरी नगर और प्रभात कॉलोनी शामिल हैं. यहां हाइपर-फ्रीक्वेंट शॉपर रहते हैं, जहां प्रत्येक परिवार सालाना 233 बार एफएमसीजी उत्पादों की खरीदारी करता है. इसका मतलब है कि हर 37 घंटे में एक बार खरीदारी होती है. इसके विपरीत देश के औसत शहरी परिवार साल में 128 बार अन्य वस्तुओं की खरीदारी करते हैं. वहीं, एक औसत मुंबई परिवार 135 बार खरीदारी करता है.
जीडीएससी कॉरिडोर में हर बार महज 93 रुपये खर्च होते हैं और केवल 541 ग्राम की खरीदारी होती है, जो मेट्रो क्लस्टरों में सबसे कम है. केवल दो अन्य मेट्रो क्लस्टर सूरत और कोलकाता हर बार औसतन 100 रुपये से कम खर्च करते हैं. दिल्ली के क्लस्टरों में दक्षिण दिल्ली क्लस्टर सबसे कम मात्रा में स्नैकिंग उत्पाद खरीदता है, लेकिन सालाना 45 लीटर खाद्य तेल का उपभोग करता है. यह शहर के औसत से थोड़ा अधिक है और सालाना 17 किलोग्राम नमक का उपभोग करता है, जो शहर के औसत का लगभग 1.4 गुना है.
कौन यूज करता है बासमती चावल
यह क्लस्टर बासमती चावल का भारी उपभोक्ता है, जो शहर के औसत का दोगुना है. स्नैकिंग में कम रुचि और मुख्य खाद्य पदार्थों की उच्च खपत घर के बने खाने की प्राथमिकता का संकेत देती है. हालांकि, इसका सालाना 20 लीटर बोतलबंद सॉफ्ट ड्रिंक्स का उपभोग, शहर के औसत का 1.3 गुना रहता है.
यहां यूज होता है सबसे ज्यादा स्नैक्स
इसके विपरीत पश्चिमी दिल्ली क्लस्टर नमकीन स्नैक्स के लिए एक बड़ा बाजार है, जहां हर परिवार सालाना लगभग 1,700 रुपये इन उत्पादों पर खर्च करते हैं. यह शहरों के औसत का 1.3 गुना है. इसके अलावा, मसालों और बासमती चावल पर महत्वपूर्ण खर्च यह सुझाव देता है कि दक्षिण दिल्ली क्लस्टर की तरह पश्चिम दिल्ली के परिवार भी घर का बना खाना पसंद करते हैं. इसके अलावा सॉस और कैचप पर दो गुना खर्च और बोतलबंद सॉफ्ट ड्रिंक्स पर शहर के औसत का 1.9 गुना खर्च करते हैं.
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