नई दिल्ली. अपना घर खरीदना हम में से अधिकतर लोगों का सबसे बड़ा सपना होता है, लेकिन होम लोन की लंबी किश्तें (EMI) कई सालों तक जेब पर भारी पड़ती हैं. अच्छी बात यह है कि थोड़ा-सा प्लान बनाने से आप ब्याज पर आसानी से 2 लाख रुपये या उससे भी ज्यादा बचा सकते हैं. चाहे ब्याज दरें कम करवानी हों, अग्रिम भुगतान (prepayment) करना हो या टैक्स छूट का सही उपयोग, कुछ छोटे कदम बड़े फायदे दिलाते हैं. इस आर्टिकल में हम उन्हीं व्यावहारिक तरीकों को सरल हिंदी में समझ रहे हैं जिनसे हर मध्यम वर्गीय परिवार अपनी होम लोन कॉस्ट घटा सकता है.
मान लीजिए आपने 30 लाख रुपये का होम लोन 20 साल के लिए 8.5% ब्याज पर लिया है. यही लोन यदि 8.0% पर मिल जाए तो करीब 1.22 लाख रुपये की सीधी बचत होती है. ऐसे कई और विकल्प हैं—जैसे हर साल एक अतिरिक्त EMI भरना, EMI थोड़ी बढ़ाना या PMAY जैसी सरकारी सब्सिडी लेना—जिनसे कुल बचत 3 लाख रुपये तक जा सकती है. आगे पढ़िए वे 8 सरल रणनीतियां, जिनसे आप बिना ज्यादा झंझट के लोन पर लगने वाला ब्याज घटा सकते हैं.
1. होम लोन बैलेंस ट्रांसफर: सस्ती ब्याज दर का फायदा
जो बैंक या HFC कम ब्याज दे रहा हो, वहां लोन ट्रांसफर कर दीजिए. SBI 8.50% ले रहा है तो Bank of Maharashtra सिर्फ 7.35% तक चला गया है. 0.5% कम दर पर 30 लाख के लोन में लगभग 1–1.5 लाख की बचत हो जाती है. ट्रांसफर चार्ज 5–15 हजार के बीच होगा, लेकिन बचत उससे कहीं ज्यादा है. ट्रिक यह है कि लोन की शुरुआती अवधि में ही ट्रांसफर करें, जब ब्याज हिस्सा ज्यादा होता है.
2. हर साल एक एक्स्ट्रा EMI भरें
मान लीजिए EMI 26 हजार है; साल में एक बोनस मिला तो उतने की एक अतिरिक्त किस्त जमा कर दें. 30 लाख के लोन पर यह छोटा कदम 2–3 लाख रुपये तक का ब्याज काट देता है और लोन अवधि भी लगभग 3 साल घट जाती है. खास बात: फ्लोटिंग-रेट लोन पर कोई प्रीपेमेन्ट पेनल्टी नहीं लगती.
3. EMI में 5–10% की छोटी बढ़ोतरी
सैलरी बढ़ी तो EMI भी थोड़ी बढ़ा दें. सिर्फ 10% EMI बढ़ाने से (28,000 से 30,800 रुपये) पूरा लोन 3 साल पहले खत्म हो सकता है और करीब 2.5 लाख की बचत बनती है. कई बैंक स्टेप-अप प्लान (जैसे HDFC का SURF) भी देते हैं, जिनमें EMI अपने-आप बढ़ती जाती है.
4. टैक्स बेनेफिट का पूरा इस्तेमाल
Section 24(b) के तहत हर साल 2 लाख रुपये तक के ब्याज पर टैक्स छूट मिलती है. 30% टैक्स ब्रैकेट में यह सीधे 60,000 रुपये/साल बचाता है. साथ ही Section 80C में 1.5 लाख के प्रिंसिपल की कटौती और पहली बार घर खरीदने वालों को 80EEA में 50,000 रुपये अतिरिक्त छूट मिलती है.
5. लोन अवधि घटाएं
20 साल की जगह 15 साल का लोन लें तो EMI करीब 3-4 हजार बढ़ती है, पर ब्याज में लगभग 9 लाख की कमी आती है. अगर हाई EMI मुश्किल है, तो हर साल प्रीपेमेन्ट कर के भी अवधि घटाई जा सकती है.
6. RBI की दर में कटौती का फायदा उठाएं
रिपो रेट गिरी तो बैंक आमतौर पर 2–3 महीने में फ्लोटिंग रेट लोन सस्ता करते हैं. 0.25% की कमी भी 30 लाख के लोन पर 1.2 लाख की बचत देती है. आपका बैंक दर नहीं घटाए तो बैलेंस ट्रांसफर कर दें.
7. डाउन पेमेंट बढ़ाएं
जितना ज्यादा डाउन पेमेंट, उतना कम लोन और ब्याज. 10% की जगह 20% डाउन पेमेंट करने पर 30 लाख के लोन की EMI करीब 3,000 रुपये कम हो जाती है और ब्याज में 3.6 लाख की बचत बनती है.
8. PMAY सब्सिडी का लाभ
पहली बार घर खरीद रहे हैं तो प्रधानमंत्री आवास योजना (CLSS) से 2.67 लाख तक की इंटरेस्ट सब्सिडी मिल सकती है. आय 18 लाख तक और घर 200 sq m तक हो तो बैंक आवेदन के साथ-साथ सब्सिडी क्लेम कर देता है.
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