
क्रेडाई पश्चिमी यूपी के अध्यक्ष दिनेश गुप्ता का मानना है कि “CRR में कटौती से बैंकिंग सिस्टम में नकदी बढ़ेगी. इससे निर्माण कार्यों के लिए अधिक फंड मिलने की संभावना है और प्रोजेक्ट्स समय पर पूरे किए जा सकेंगे. यह पूरी इंडस्ट्री के लिए राहत की बात है.”
पंकज कुमार जैन डायरेक्टर केडब्लू ग्रुप के अनुसार, “रिपोरेट पर 50 बीपीएस की कटौती इस क्षेत्र के लिए अच्छी है. आरबीआई ने घरेलू निजी खपत को प्रोत्साहित करने के लिए ऐसा किया है. ईएमआई कम हो जाएगी और नए घर खरीदारों के लिए बेहतर दर पर होम लोन उपलब्ध होगा. यह खरीदारों के लिए एक बड़ी राहत होगी क्योंकि संपत्ति की कीमतें लगातार बढ़ रही हैं और आरबीआई द्वारा ब्याज दरों में कमी करने से घर खरीदारों को राहत मिल सकती है.”
दबाव में थी अफॉर्डेबल हाउसिंग मार्केट
सुरेश गर्ग, सीएमडी, निराला वर्ल्ड का मानना है कि रेपो रेट के घटने से बैंक द्वारा भी ब्याज दरों में कमी की जाती है. इससे लोन चुकाने वालों के मासिक ईएमआई में कमी के साथ-साथ नया लोन लेने वालों की एलिजबिलिटी भी बढ़ जाती है और वे अपने मौजूद आय पर ज्यादा अमाउन्ट का लोन ले सकेंगे. इससे वे अपने लिए नए और बड़े घर की योजना बना सकेंगे जिससे घरों की मांग बढ़ेगी.
रेनॉक्स ग्रुप के चेयरमैन शैलेन्द्र शर्मा के अनुसार, “RBI का यह कदम निश्चित तौर पर हाउसिंग सेक्टर को नई ऊर्जा देगा, खासकर उन परिवारों को जो सीमित बजट में घर खरीदने की योजना बना रहे हैं. कम ब्याज दरों से उनकी मासिक किस्तों में राहत मिलेगी और खरीदने की क्षमता बढ़ेगी. इस फैसले का एक और बड़ा असर यह हो सकता है कि बैंक अब अधिक लचीलापन दिखाते हुए होम लोन की ब्याज दरों में कटौती करें. इससे मध्यवर्गीय परिवारों को प्रत्यक्ष लाभ मिलेगा.
डेलवपर्स को भी होगा फायदा
आरजी ग्रुप के निदेशक हिमांशु गर्ग ने आरबीआई के इस कदम को स्वागत योग्य बताया है. लगातार 3 बार की समीक्षा में अभी तक 100 बैसिस पॉइंट की कटौती से स्पष्ट है कि नियामक अपनी नीति पर कायम है और अब बैंकों को अपने ब्याज दरों में कटौती करने की बारी है.
इंडिया लैंड प्रॉपर्टीज के चेयरमैन हरीश फैबियानी ने कहा, “आरबीआई द्वारा 50 बेसिस प्वाइंट की दर कटौती रियल एस्टेट सेक्टर के लिए एक स्वागत योग्य कदम है, क्योंकि यह होम लोन उधारकर्ताओं के लिए तात्कालिक लाभ लाती है. यह महत्वपूर्ण दर कटौती रेपो को 5.5% तक ले आती है और यह माना जाता है कि यह ईएमआई के बोझ को कम करेगी, जिससे घर के मालिकाना अधिकार को अधिक सस्ता बनाया जाएगा, खासकर पहली बार खरीदारों के लिए.”
होम लोन को रिफाइनेंस करना होगा आसान
कॉन्शिएंट इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड के बिजनेस हेड मोहित अग्रवाल ने कहा , “रेपो रेट में 50 बीपीएस की कटौती करके इसे 5.5% करने का RBI का फैसला प्रीमियम रियल एस्टेट सेगमेंट के लिए एक स्वागत योग्य कदम है. लगातार 11 बार ब्याज दरें स्थिर रहने के बाद, इस कटौती से होम लोन और सस्ता होगा और इससे घर खरीदने की मांग बढ़ने की उम्मीद है.
त्रेहान आइरिस के एक्जिक्यूटिव डायरेक्टर अमन त्रेहान ने कहा, “आरबीआई द्वारा रेपो दर में 50 आधार अंकों की कटौती करके 5.5% करना रियल एस्टेट क्षेत्र के लिए एक महत्वपूर्ण बढ़ावा है. इससे होम लोन सस्ते हो जाएंगे और खासकर लक्जरी सेगमेंट में खरीदारों का भरोसा बढ़ेगा. इसके अतिरिक्त, कैश रिज़र्व अनुपात में 100 आधार अंकों की कटौती से तरलता में सुधार होगा, जिससे बैंक उपभोक्ताओं को अधिक प्रभावी ढंग से लाभ पहुँचा सकेंगे.
विकास और महंगाई को संतुलित कर रहा RBI
गंगा रियल्टी के जॉइंट मैनेजिंग डायरेक्टर विकास गर्ग ने कहा, “रेपो रेट को घटाकर 5.5% करना रियल एस्टेट सेक्टर के लिए एक सकारात्मक संकेत है. ब्याज दरों में संभावित कमी से होम लोन अधिक किफायती होंगे, जिससे खासकर मिड-इनकम और फर्स्ट-टाइम होमबायर्स के बीच मांग में बढ़ोतरी की उम्मीद है. इस कदम से आवासीय बाजार को स्थिरता मिलेगी और डिमांड में गति आएगी. साथ ही, डेवलपर्स के लिए पूंजी की लागत में कमी से परियोजनाओं के कार्यान्वयन और फंडिंग में सहूलियत होगी. मौद्रिक नीति रुख को ‘न्यूट्रल’ करना यह दर्शाता है कि आरबीआई विकास और मुद्रास्फीति के बीच संतुलन बनाने की दिशा में अग्रसर है. कुल मिलाकर, यह निर्णय सेक्टर की रिकवरी को सपोर्ट करेगा और बाजार में विश्वास को मज़बूती देगा.”
काउंटी ग्रुप के डायरेक्टर,अमित मोदी का कहना है कि बिना किसी शक के, RBI ने हमें खुश होने का एक बड़ा कारण दिया है. रेपो रेट में 50 बेसिस प्वाइंट की कटौती रियल एस्टेट सेक्टर को काफी बढ़ावा देगी. लेकिन इसका असर इससे कहीं ज्यादा होगा. यह कदम देश की अर्थव्यवस्था में विश्वास दिखाता है, महंगाई के दबाव को कम करता है और भविष्य के लिए सकारात्मक संकेत देता है. साथ ही, RBI ने पूरे साल में चार हिस्सों में 100 बेसिस प्वाइंट की सीआरआर कटौती भी की है. इससे लगभग 2.5 लाख करोड़ रुपये बैंकिंग सिस्टम में आएंगे, जो न सिर्फ खर्च बढ़ाएंगे बल्कि रेजिडेंशियल और कमर्शियल प्रॉपर्टी सेक्टर को भी फायदा पहुंचाएंगे.
एचसीबीएस डेवलपमेंट्स के ग्रुप मैनेजिंग डायरेक्टर, सौरभ सहारन कहते हैं RBI का रेपो रेट को 5.5% तक घटाने का फैसला साफ संदेश देता है कि आर्थिक मदद और विकास जारी रहेगा. यह कटौती रियल एस्टेट सेक्टर के लिए एक प्रेरक ताकत बनेगी, जिससे घर खरीदना आसान होगा और डेवलपर्स के लिए नए मौके खुलेंगे. कम कर्ज की लागत से प्रोजेक्ट्स को पूरा करना आसान होगा, फंडिंग की परेशानियां कम होंगी और समय पर काम पूरा हो सकेगा. ऐसे समय में जब बाजार का भरोसा धीरे-धीरे बढ़ रहा है, यह कदम विकास की रफ्तार बनाए रखने, नए निवेश को बढ़ावा देने और लंबी अवधि की रिकवरी की ओर स्थिर रास्ता बनाने में मदद करेगा.
एक्सेंशिया इन्फ्रा के निदेशक मनित सेठी कहते है कि अब जब रेपो रेट घटकर 5.5% हो गया है, तो RBI का यह साहसिक फैसला देश की अर्थव्यवस्था और हाउसिंग मार्केट दोनों को मजबूती देगा. डेवलपर्स को फाइनेंसिंग में राहत मिलेगी, जिससे प्रोजेक्ट्स जल्दी लॉन्च और पूरे हो सकेंगे. वहीं, होम लोन की ब्याज दरें और कम होने की उम्मीद है, जिससे घर खरीदना, खासकर नए खरीदारों के लिए, और आसान हो जाएगा. इन सभी वजहों से आने वाले महीनों में रियल एस्टेट सेक्टर में तेज़ और मजबूत विकास की उम्मीद है.
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