
Success Story : आईआईटी बीएचयू से इंजीनियरिंग करने के बाद भी भारतीय युवक को अमेरिका में 400 कंपनियों ने नौकरी देने से इनकार कर दिया. हालांकि, आज उन्हें सबसे ज्यादा सैलरी पाने वाले सीईओ के तौर पर जाना जाता है.

हाइलाइट्स
- निकेश अरोड़ा बने दुनिया के सबसे महंगे सीईओ
- 400 कंपनियों ने नौकरी देने से किया था इनकार
- ऑल्टो नेटवर्क्स के सीईओ, सैलरी 1300 करोड़ रुपये
नई दिल्ली. यह कहानी हौसले और प्रतिभा की है, जिसने गाजियाबाद के एक सामान्य परिवार से निकले युवक को दुनिया का सबसे महंगा सीईओ बना दिया है. इस सफर को तय करने के लिए निकेश अरोड़ा को बहुत मेहनत करनी पड़ी और आखिरकार सफलता के इस मुकाम पर पहुंच गए. आज उनकी सैलरी मार्क जुकरबर्ग और गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई से भी ज्यादा पहुंच गई है.
निकेश एक मध्य परिवार ताल्लुक रखते हैं. हालांकि, पढ़ाई-लिखाई में हमेशा अव्वल रहने वाले निकेश ने अमेरिका जाने से पहले आईआईटी बीएचयू से इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की. परिवार में ज्यादा पैसे न होने की वजह से उन्हें अमेरिका में मनचाहे कॉलेज में एडमिशन लेना संभव नहीं हो रहा था. लिहाजा उन्होंने ऐसे कॉलेज और विश्वविद्यालय में आवेदन किया, जहां शुल्क नहीं लग रहा था. आखिरकार बोस्टन के नॉर्थईस्टर्न विश्वविद्यालय ने उन्हें स्कॉलरशिप ऑफर किया और घर से महज 100 डॉलर, जिसकी कीमत साल 1990 में महज 1,700 रुपये थी, लेकर अमेरिका पहुंच गए.
तब भारतीय प्रतिभा की कायल नहीं थी दुनिया
यह वह दौर था जब दुनिया भारतीय प्रतिभा की कायल नहीं हुआ करती थी और इसका खामियाजा निकेश को भी भुगतना पड़ा. कोर्स पूरा करने के बाद उनकी नौकरी के आवेदन को 400 कंपनियों ने खारिज कर दिया. हालांकि, हर बार रिजेक्ट किए जाने के बाद उनके इरादे और दृढ़ होते गए. आखिरकार उन्हें साल 1992 में फिडेलिटी इनवेस्टमेंट में बतौर ट्रेनी जॉब मिली. अपनी प्रतिभा और लगन से वह जल्द ही फिडेलिटी टेक्नोलॉजी के वाइस प्रेसिडेंट बन गए. करियर में विकल्प बढ़ाने के लिए उन्होंने एमएस और सीएफए जैसे कोर्स भी कर लिए.
साल 2004 में गूगल का आईपीओ आने के कुछ महीने बाद निकेश ने इस कंपनी को ज्वाइन किया और अगले एक दशक में कंपनी का राजस्व 2 अरब डॉलर से बढ़कर 60 अरब डॉलर पहुंच गया. साल 2014 में उन्होंने गूगल छोड़कर सॉफ्टबैंक ज्वाइन कर लिया, जहां अध्यक्ष और सीओओ के रूप में काम किया और निवेश की बारीकियां जानीं. यहां 4 साल काम करने के बाद निकेश ने साल 2018 में बतौर सीईओ ऑल्टो नेटवर्क्स को ज्वाइन किया.
कंपनी को लगा दिए पंख
अरोड़ा ने नेटवर्क्स की कमाई को पंख लगा दिए. उनके नेतृत्व में कंपनी का बाजार मूल्यांकन 100 अरब डॉलर से भी ज्यादा पहुंच गया है, जो साल 2018 में महज 18 अरब डॉलर था. तब ऑल्टो ने कंपनी ज्वाइन ही किया था. निकेश ने कंपनी ज्वाइन करने के बाद क्लाउड सुरक्षा और एआई पर ध्यान दिया. कंपनी में जल्द ही नई तकनीक लागू की और ऐसी कंपनियों के साथ हाथ मिलाया जो खुद ग्रोथ नहीं कर पा रहीं थी. इनोवेशन के दम पर उन्होंने अपनी कंपनी को साइबर सुरक्षा के क्षेत्र में अव्वल बना दिया.
प्रमोद कुमार तिवारी को शेयर बाजार, इन्वेस्टमेंट टिप्स, टैक्स और पर्सनल फाइनेंस कवर करना पसंद है. जटिल विषयों को बड़ी सहजता से समझाते हैं. अखबारों में पर्सनल फाइनेंस पर दर्जनों कॉलम भी लिख चुके हैं. पत्रकारि…और पढ़ें
प्रमोद कुमार तिवारी को शेयर बाजार, इन्वेस्टमेंट टिप्स, टैक्स और पर्सनल फाइनेंस कवर करना पसंद है. जटिल विषयों को बड़ी सहजता से समझाते हैं. अखबारों में पर्सनल फाइनेंस पर दर्जनों कॉलम भी लिख चुके हैं. पत्रकारि… और पढ़ें
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