
Delhi Traffic Jam News: : दिल्ली में मथुरा रोड से आश्रम की ओर आते-जाते रोजाना भयंकर जाम का सामना करना पड़ता है. महज 8 किलोमीटर की सड़क को पार करने में 45 मिनट लग जाते हैं, जो सिर्फ 15 मिनट में पूरी हो जानी चाह…और पढ़ें

हाइलाइट्स
- दिल्ली की मथुरा रोड पर रोजाना भारी जाम लगता है.
- 8 किलोमीटर की दूरी तय करने में 45 मिनट लगते हैं.
- एनएचएआई सिग्नल-फ्री कॉरिडोर बनाने की योजना बना रहा है.
नई दिल्ली. दिल्ली में जाम को खत्म करने के लिए लगातार फ्लाईओवर और टनल बनाई जा रही है, लेकिन एक ऐसी भी सड़क है जिस पर पिछले 10 साल से लगातार जाम लगता है. सुबह-शाम की स्थिति तो और खराब हो जाती है. 8 किलोमीटर की सड़क से रोजाना करीब 5 लाख वाहन गुजरते हैं और दूरी को पार करने में सिर्फ 15 मिनट लगने चाहिए, जबकि 45 मिनट से भी ज्यादा लग जाते हैं. कई बार शिकायतों के बाद भी समस्या का निवारण नहीं हो सका है.
मथुरा रोड एक राष्ट्रीय राजमार्ग एनएच2 भी है और रात 9 बजे के बाद इसे ट्रकों के लिए भी खोल दिया जाता है. लिहाजा यत्रियों के लिए यहां से गुजरना मुश्किल काम होता है. इसके अलावा सड़क की कुछ अजीबोगरीब डिजाइन भी जाम का मुख्य कारण है. इस सड़क पर बने दो कैरिजवे को पार करने में ही वाहन चालकों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है. यही वजह है कि जो 8 किलोमीटर की दूरी 15 मिनट में पूरी होनी चाहिए जबकि वास्तव में 45 मिनट से ज्यादा लग जाते हैं.
यू-टर्न बन रहा मुसीबत
8 किलोमीटर की इस दूरी पर यू-टर्न भी मुसीबत बन रहा है. ट्रैफिक पुलिस ने सड़कों पर बने कुछ कट को बंद करके यू-टर्न बना दिया था. ऐसा ही कट मदनपुर खादर में बंद किया गया है, जहां कारों को बदरपुर फ्लाईओवर और सरिता विहार फ्लाईओवर के नीचे लंबा यू-टर्न लेकर जाना पड़ता है. हालांक, इस कट को बंद किए जाने से ट्रैफिक में बेहद मामूली राहत मिली है, लेकिन लंबे यू-टर्न ने लाखों वाहन चालकों की मुसीबत जरूर बढ़ा दी है.
8 किलोमीटर की इस सड़क पर 5 जगह रेड लाइट है, जहां से गुजरना वाहन चालकों के लिए परेशानी का सबब रहता है. यह रेड लाइट आश्रम और अपोलो अस्पताल के बीच, माता मंदिर मार्ग, ओखला (न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी), सीआरआरआई, अपोलो अस्पताल और मदनपुर खादर के पास पड़ती है. यहां मुसीबत आश्रम से ही शुरू होती है. वहां अंडरपास को बदरपुर की ओर जाने वाले मार्ग को सुगम बनाने के लिए बनाया गया था. आज कोई देख सकता है कि अंडरपास में कम वाहन प्रवेश कर रहे हैं, जबकि लाजपत नगर या सराय काले खां की ओर दाएं मुड़ने के लिए पतली सी जगह से सभी वाहन गुजरते हैं.
एनएचएआई कर सकता है हस्तक्षेप
वाहन चालकों के लिए राहत वाली बात ये है कि इस मुसीबत से छुटकारा दिलाने के लिए एनएचएआई अब दखल दे सकता है. राजमार्ग प्राधिकरण इस स्ट्रेच रोड को अपने कब्जे में लेने और इसे सिग्नल-फ्री कॉरिडोर में बदलने की योजना बना रहा है. इससे पहले पीडब्ल्यूडी ने साल 2017 में इस मार्ग को सुगम बनाने के लिए फ्लाईओवर और अंडरपास के निर्माण की योजना बनाई थी, लेकिन यह कभी आगे नहीं बढ़ सकी.
प्रमोद कुमार तिवारी को शेयर बाजार, इन्वेस्टमेंट टिप्स, टैक्स और पर्सनल फाइनेंस कवर करना पसंद है. जटिल विषयों को बड़ी सहजता से समझाते हैं. अखबारों में पर्सनल फाइनेंस पर दर्जनों कॉलम भी लिख चुके हैं. पत्रकारि…और पढ़ें
प्रमोद कुमार तिवारी को शेयर बाजार, इन्वेस्टमेंट टिप्स, टैक्स और पर्सनल फाइनेंस कवर करना पसंद है. जटिल विषयों को बड़ी सहजता से समझाते हैं. अखबारों में पर्सनल फाइनेंस पर दर्जनों कॉलम भी लिख चुके हैं. पत्रकारि… और पढ़ें
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