
Fertilizers Crisis : महाराष्ट्र के किसानों के सामने खाद की कमी का संकट आ गया है, जिसकी आपूर्ति के लिए सरकार से गुहार लगाई है. किसानों के संगठन का कहना है कि राज्य को जितनी खाद की सप्लाई होनी थी, उसका आधा भी …और पढ़ें

हाइलाइट्स
- महाराष्ट्र में खाद की भारी कमी.
- किसानों ने सरकार से मदद की गुहार लगाई.
- राज्य को आवंटित खाद का आधा भी नहीं मिला.
नई दिल्ली. धान सहित तमाम फसलों की बुआई का सीजन शुरू हो चुका है और देश के सबसे बड़े कृषि प्रधान राज्य में खाद की कमी से किसानों के सामने संकट आ खड़ा हुआ है. किसानों के संगठन ने इस बारे में सरकार से मदद की गुहार भी लगाई है और कहा है कि जल्द ही उर्वरकों की सप्लाई पूरी की जाए, ताकि किसान समय पर बुआई कर सकें और किसी संकट से बाहर निकला जा सके.
संगठनों का कहना है कि महाराष्ट्र को खरीफ (जून से सितंबर) मौसम के लिए 15.52 लाख टन यूरिया आवंटित किया गया, लेकिन इसे अब तक सिर्फ 5.20 लाख टन यूरिया प्राप्त हुआ है. आवंटित डीएपी 4.60 लाख टन है, लेकिन अब तक उपलब्ध कराया गया स्टॉक केवल 1.26 लाख टन ही है. हालांकि, एक अधिकारी ने बताया कि राज्य को जो स्टॉक मिलना चाहिए था, उसकी तुलना में जटिल उर्वरकों की आपूर्ति अधिशेष (113 फीसदी) मात्रा में है.
अधिकारियों का दावा अलग
अधिकारियों के मुताबिक, राज्य को कुल 18 लाख टन आवंटन के मुकाबले 8.34 लाख टन प्राप्त हुआ है, जो चालू सत्र के लिए अपेक्षित आपूर्ति से अधिक है. उन्होंने कहा कि किसानों को इन उर्वरकों का उपयोग करने के लिए कहा गया है. जटिल उर्वरकों में दो या तीन प्राथमिक पौध पोषक तत्व होते हैं, जिनमें से दो प्राथमिक पोषक तत्व रासायनिक संयोजन में होते हैं.
महाराष्ट्र राज्य कृषि उर्वरक बीज कीटनाशक डीलर्स एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष जगन्नाथ काले ने कहा कि राज्य को अपनी जरूरत के अनुसार स्टॉक मिलना चाहिए और रेल मार्ग से सीमेंट के बजाय उर्वरकों की आपूर्ति को प्राथमिकता दी जानी चाहिए. इसकी कमी से किसानों की जेब पर दबाव पड़ता है. यदि आवंटन किया जाता है, तो स्टॉक भी पर्याप्त रूप से उपलब्ध कराया जाना चाहिए.
राजस्थान को मिल गया महाराष्ट्र का हिस्सा
काले के मुताबिक, राष्ट्रीय केमिकल्स एंड फर्टिलाइजर्स लिमिटेड का मुख्यालय महाराष्ट्र में है. पहले, इस पीएसयू को अपने 70 फीसदी उत्पादन महाराष्ट्र को और शेष 30 फीसदी अन्य राज्यों को आपूर्ति करने के लिए कहा गया था. लेकिन, अब इसे राजस्थान को आपूर्ति करने के लिए कहा गया है, जबकि वहां की कंपनियां महाराष्ट्र को अपने उत्पादन की आपूर्ति कर रही हैं. इस स्थिति को सुलझाया जाना चाहिए.
प्रमोद कुमार तिवारी को शेयर बाजार, इन्वेस्टमेंट टिप्स, टैक्स और पर्सनल फाइनेंस कवर करना पसंद है. जटिल विषयों को बड़ी सहजता से समझाते हैं. अखबारों में पर्सनल फाइनेंस पर दर्जनों कॉलम भी लिख चुके हैं. पत्रकारि…और पढ़ें
प्रमोद कुमार तिवारी को शेयर बाजार, इन्वेस्टमेंट टिप्स, टैक्स और पर्सनल फाइनेंस कवर करना पसंद है. जटिल विषयों को बड़ी सहजता से समझाते हैं. अखबारों में पर्सनल फाइनेंस पर दर्जनों कॉलम भी लिख चुके हैं. पत्रकारि… और पढ़ें
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