
ईरान-इज़राइल संघर्ष के कारण होर्मुज जलडमरूमध्य की बंदी की आशंका से वैश्विक तेल बाजार में तनाव बढ़ गया है. भारत, जो विश्व का प्रमुख कच्चा तेल आयातक है, ने इस संकट से निपटने के लिए अपनी रणनीति तैयार की है.

हाइलाइट्स
- भारत के पास 38 मिलियन बैरल का SPR.
- रूस से आयात बढ़ने से भारत की तेल सप्लाई होर्मुज जलडमरूमध्य पर निर्भर नहीं रह गई.
- ओडिशा और कर्नाटक में नए भंडार बनने से 22 दिनों की जरूरतें पूरी की जा सकेंगी.
नई दिल्ली. ईरान और इजराइल के बीच 12वें दिन भी जारी संघर्ष ने वैश्विक तेल और गैस बाजारों में उथल-पुल मचा दी है. ईरान की ओर से होर्मुज जलडमरूमध्य को बंद करने की धमकी ने आपूर्ति बाधित होने की आशंका बढ़ा दी है, जिससे तेल और गैस की कीमतों में उछाल आया है. यह जलडमरूमध्य, जो केवल 33 किलोमीटर चौड़ा है, सऊदी अरब, कुवैत, इराक और ईरान जैसे प्रमुख तेल निर्यातकों के लिए महत्वपूर्ण है. भारत, जो दुनिया का सबसे बड़ा कच्चा तेल आयातक है, इस संकट से प्रभावित हो सकता है, लेकिन देश की रणनीतिक तैयारी इसे राहत प्रदान करती है.
रणनीतिक पेट्रोलियम भंडार (SPR)
ये भंडार 2019-2020 के स्तर पर भारत की 9-10 दिनों की तेल खपत को पूरा कर सकते हैं. तेल विपणन कंपनियों के वाणिज्यिक भंडार के साथ मिलकर यह अवधि 74 दिनों तक बढ़ सकती है.
भविष्य की योजना
रणनीतिक खरीदारी
2020 में कोविड-19 महामारी के दौरान तेल की कीमतें गिरने पर भारत ने अपने SPR को भरकर लगभग 5,000 करोड़ रुपये की बचत की. तेल आयातक कंपनियां विदेशी मुद्रा खर्च को कम करने के लिए खरीदारी का समय रणनीतिक रूप से तय करती हैं.
- तेल आपूर्ति बाधा (जैसे युद्ध, संकट) में ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित हो.
- कीमतों के उतार-चढ़ाव से अर्थव्यवस्था की रक्षा हो.
- कम कीमत पर तेल खरीदकर विदेशी मुद्रा की बचत हो.
- रक्षा और आवश्यक सेवाओं के लिए ईंधन उपलब्ध रहे.
- वैश्विक मानकों के अनुरूप आत्मनिर्भरता बढ़े.
जय ठाकुर 2018 से खबरों की दुनिया से जुड़े हुए हैं. 2022 से News18Hindi में सीनियर सब एडिटर के तौर पर कार्यरत हैं और बिजनेस टीम का हिस्सा हैं. बिजनेस, विशेषकर शेयर बाजार से जुड़ी खबरों में रुचि है. इसके अलावा दे…और पढ़ें
जय ठाकुर 2018 से खबरों की दुनिया से जुड़े हुए हैं. 2022 से News18Hindi में सीनियर सब एडिटर के तौर पर कार्यरत हैं और बिजनेस टीम का हिस्सा हैं. बिजनेस, विशेषकर शेयर बाजार से जुड़ी खबरों में रुचि है. इसके अलावा दे… और पढ़ें
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