
Indias Growth Rate : भारत के मुख्य आर्थिक सलाहकार वी नागेश्वरन का कहना है कि दुनिया इस समय युद्ध और मिसाइलों की मार से परेशान है. ग्लोबल इकनॉमी सुस्त पड़ चुकी है और ऐसे में भारत की 6.5 फीसदी की विकास दर काफ…और पढ़ें

हाइलाइट्स
- भारत की 6.5% विकास दर महत्वपूर्ण उपलब्धि है.
- भारत का आर्थिक आयरन डोम वैश्विक संकटों से सुरक्षा करता है.
- वैश्विक चुनौतियों के बावजूद भारत की अर्थव्यवस्था स्थिर है.
नई दिल्ली. मुख्य आर्थिक सलाहकार (सीईए) वी अनंत नागेश्वरन ने कहा कि भारत के पास भी एक आयरन डोम है, जो दुनियाभर के संकटों से अर्थव्यवस्था की सुरक्षा करती है. उन्होंने मौजूदा वैश्विक चुनौतियों के बावजूद देश के स्थिर आर्थिक प्रदर्शन की ओर इशारा करते हुए कहा कि कैसे वैश्विक अनिश्चितताओं के बीच भारत एक बेहतर स्थिति में बना हुआ है. यह एक तरह से भारत का आर्थिक आयरन डोम है, जो तमाम परेशानियों के बावजूद हमारी अर्थव्यवस्था की सुरक्षा करता है.
नागेश्वरन ने पश्चिम एशिया में यूक्रेन-रूस, भारत-पाकिस्तान के बीच सैन्य संघर्षों और अब ईरान-इजराइल में जारी युद्ध के साथ टैरिफ वॉर के कारण बढ़ती वैश्विक अनिश्चितताओं के चलते भारतीय अर्थव्यवस्था पर भी असर पड़ रहा है. सीईए ने कहा कि आप कह सकते हैं कि सकारात्मक संभावनाओं पर कहीं न कहीं ये स्थितियां हावी हो रही हैं. लेकिन, यह सिर्फ भारत की समस्या नहीं है, यह कई देशों को प्रभावित कर रही है.
क्या हो रहा इसका असर
सीईए ने कहा कि कुछ हद तक यह कहा जा सकता है कि आज वैश्विक परिवेश चाहे वह राजनीतिक हो, आर्थिक हो या सुरक्षा से संबंधित हो, वृद्धि के लिए काफी जटिल और अधिक चुनौतीपूर्ण हो गया है. यह न केवल भारत के लिए बल्कि कई देशों के लिए यहां तक कि लगभग पूरी ग्लोबल इकनॉमी के लिए परेशानी पैदा कर सकता है. नागेश्वरन ने कहा कि उनका मानना है कि इन परिस्थितियों में भी भारत वास्तव में अपेक्षाकृत बेहतर स्थिति में है.
भारत की विकास दर एक उपलब्धि
सीईए ने कहा कि मौजूदा परिस्थितियों में भारत की 6.5 फीसदी की मौजूदा विकास दर एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है. साल 2008 के वित्तीय संकट के बाद से वैश्विक माहौल कितना कठिन हो गया है, इसे देखते हुए इस दर को बनाए रखना कोई मामूली बात नहीं है. सरकार ने वृद्धि दर को 7 फीसदी और उससे अधिक तक बढ़ाने के लिए प्रयास जारी रखे हुए हैं. नागेश्वरन ने आगाह किया कि विश्व अब उन अनुकूल परिस्थितियों में काम नहीं कर रहा है, जिसमें पहले करता था.
प्रमोद कुमार तिवारी को शेयर बाजार, इन्वेस्टमेंट टिप्स, टैक्स और पर्सनल फाइनेंस कवर करना पसंद है. जटिल विषयों को बड़ी सहजता से समझाते हैं. अखबारों में पर्सनल फाइनेंस पर दर्जनों कॉलम भी लिख चुके हैं. पत्रकारि…और पढ़ें
प्रमोद कुमार तिवारी को शेयर बाजार, इन्वेस्टमेंट टिप्स, टैक्स और पर्सनल फाइनेंस कवर करना पसंद है. जटिल विषयों को बड़ी सहजता से समझाते हैं. अखबारों में पर्सनल फाइनेंस पर दर्जनों कॉलम भी लिख चुके हैं. पत्रकारि… और पढ़ें
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