यह वैश्विक स्तर पर लगातार तीसरे महीने और भारत में निवेश का चौथा महीना है, जो पीली धातु के प्रति निवेशकों की स्थिर रुचि को दर्शाता है. मार्च और मई को छोड़कर, 2025 के हर महीने में निवेश देखा गया है. इंडिया बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन (आईबीजेए) द्वारा प्रकाशित आंकड़ों के अनुसार, भारत में सोमवार को 24 कैरेट सोने की कीमत 10,634 रुपए प्रति ग्राम है.
क्यों बढ़ रहा है गोल्ड ईटीएफ में निवेश
विश्लेषकों का कहना है कि जारी आवंटन वैश्विक व्यापार और भू-राजनीतिक जोखिमों के बीच इक्विटी की कमजोरी के खिलाफ बचाव के रूप में सोने के आकर्षण को उजागर करते हैं.गोल्ड ईटीएफ में अब तक का प्रवाह 1.23 अरब डॉलर रहा, जो 2024 के पूरे वर्ष के कुल 1.29 अरब डॉलर से थोड़ा कम है. भारत के गोल्ड ईटीएफ ने 2023 में लगभग 31 करोड़ डॉलर आकर्षित किए, जो 2022 में 3.3 करोड़ डॉलर से अधिक है.
दुनियाभर में गोल्ड ईटीएफ में आए 5.5 अरब डॉलर
वैश्विक स्तर पर, भौतिक रूप से समर्थित गोल्ड ईटीएफ ने अगस्त में 5.5 अरब डॉलर जोड़े, जिससे निवेश का तीन महीने का सिलसिला जारी रहा. नॉर्थ अमेरिकन फंड ने 4.11 अरब डॉलर के साथ बढ़त हासिल की, उसके बाद यूरोप ने 1.95 अरब डॉलर के साथ दूसरा स्थान हासिल किया, जबकि एशिया ने 49.6 करोड़ डॉलर का शुद्ध बहिर्वाह दर्ज किया. चीन ने अगस्त में लगातार दूसरे महीने जुलाई में 32.5 करोड़ डॉलर के बाद कुल 83.4 करोड़ डॉलर की निकासी दर्ज की. मजबूत निवेश और कीमतों के कारण ग्लोबल गोल्ड ईटीएफ एयूएम 5 प्रतिशत बढ़कर रिकॉर्ड 407 अरब डॉलर हो गया. होल्डिंग बढ़कर 3,692 टन हो गई, जो नवंबर 2020 के पीक से 6 प्रतिशत कम है.
विश्लेषकों ने इस तेजी को 17-18 सितंबर की बैठक में अमेरिकी फेड द्वारा ब्याज दरों में कटौती की उम्मीदों, कमजोर अमेरिकी पेरोल आंकड़ों, टैरिफ मुद्रास्फीति को लेकर चिंताओं और इलेक्ट्रिक वाहनों व सौर ऊर्जा से चांदी की बढ़ती औद्योगिक मांग से जोड़ा है.