
Oil Price : पश्चिम एशिया में तनाव और अमेरिका के भी इजरायल-ईरान संघर्ष में कूदने की आशंका से कच्चे तेल की कीमतें पांच महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है. इससे दुनियाभर में महंगाई बढ़ने की आशंका है.

हाइलाइट्स
- पश्चिम एशिया तनाव से कच्चे तेल की कीमतें बढ़ीं.
- भारत में पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़े.
- निवेशकों की चिंताएं बढ़ीं, शेयर बाजार गिरे.
नई दिल्ली. पश्चिम एशिया में लगातार बढ़ते तनाव और अमेरिका द्वारा भी ईरान पर हमला करने की आशंका ने अंतरराष्ट्रीय बाजारों में कच्चे तेल की कीमतों को पांच महीने के उच्चतम स्तर के करीब पहुंचा दिया है. वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट (WTI) क्रूड की कीमत एशिया में बुधवार को 1.1% तक बढ़ गई, जबकि इससे एक दिन पहले यह 4% से अधिक उछली थी. कच्चे तेल की कीमतों में वृद्धि से अब भारत सहित दुनिया में पेट्रोल और डीजल के दामों में बढोतरी होने की आशंका बढ़ गई है. क्रूड ऑयल के दामों में इजाफा होने का असर दुनियाभर के शेयर बाजारों पर भी हुआ है. MSCI एशिया पैसिफिक इंडेक्स लगातार दूसरे दिन गिरा और अमेरिका का S&P 500 सूचकांक भी मंगलवार को 0.8% लुढ़क गया.
निवेशकों की बढ़ी चिंता
डॉलर स्थिर, ट्रेजरी बॉन्ड मजबूत
ब्लूमबर्ग डॉलर इंडेक्स में एशियाई सत्र के दौरान ज्यादा बदलाव नहीं देखा गया, हालांकि मंगलवार को अमेरिकी सत्र में यह एक महीने की सबसे बड़ी बढ़त पर पहुंचा था. ट्रेजरी बॉन्ड को रिटेल, हाउसिंग और इंडस्ट्रियल सेक्टर के कमजोर आंकड़ों और भू-राजनीतिक जोखिमों के कारण समर्थन मिला. विश्लेषकों का मानना है कि इस साल के अंत तक फेड ब्याज दरों में दो बार कटौती कर सकता है, पहली संभावित कटौती अक्टूबर में मानी जा रही है.
बाजारों में जोखिम बढ़ा
फ्रैंकलिन टेम्पलटन इंस्टीट्यूट के मुख्य रणनीतिकार स्टीफन डोवर ने कहा, “मध्य पूर्व में बढ़ते संघर्षों ने वैश्विक शेयर बाजारों में जोखिम प्रीमियम को बढ़ा दिया है. हालांकि, अगर यह तनाव और अधिक नहीं बढ़ा, तो हमें उम्मीद है कि तेल की कीमतें और जोखिम प्रीमियम फिर से नीचे आ सकते हैं.”
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