
अहमदाबाद में एयर इंडिया के बोइंग 787 ड्रीमलाइनर हादसे ने बोइंग की प्रतिष्ठा को झटका दिया है. भारतीय एयरलाइंस पहले ही बोइंग की जगह एयरबस के जहाजों को प्राथमिकता दे रही हैं.

हाइलाइट्स
- एयर इंडिया विमान हादसे से बोइंग की प्रतिष्ठा को झटका लगा.
- भारतीय एयरलाइंस ने एयरबस पर अधिक भरोसा जताया है.
- इंडिगो मुख्य रूप से एयरबस के विमानों का उपयोग करती है.
नई दिल्ली. अहमदाबाद में गुरुवार को हुए एयर इंडिया विमान हादसे ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया है. इस दुर्घटना के बाद से एयर इंडिया के साथ ही अमेरिकी विमान निर्माता बोइंग भी चर्चा में है. अहमदाबाद में जो विमान दुर्घटनाग्रस्त हुआ वह बोइंग का बनाया हुआ 787 ड्रीमलाइनर था. लगभग हर भारतीय एयरलाइंन के पास बोइंग के विमान तो हैं, लेकिन बीते दो दशकों में भारतीय विमानन कंपनियों ने बोइंग की तुलना में यूरोपीय कंपनी एयरबस पर अधिक भरोसा जताना शुरू कर दिया है. आंकड़े इसकी गवाही दे रहे हैं. 2006 से मई 2025 तक एयरबस ने भारतीय एयरलाइनों को 675 विमान डिलीवर किए हैं, जबकि बोइंग इस दौरान सिर्फ 213 विमानों की डिलीवरी कर पाया है. यह अंतर इंडिगो जैसी निजी एयरलाइनों के तेजी से बढ़ते बेड़े और उनके एयरबस पर निर्भरता का परिणाम है.
इंडिगो करती है एयरबस पर भरोसा
एयर इंडिया का संतुलित बेड़ा
एयर इंडिया ने संतुलित दृष्टिकोण अपनाया. 2006 से अब तक एयर इंडिया ने 122 बोइंग और 114 एयरबस विमान हासिल किए हैं. इससे पता चलता है कि एयर इंडिया दोनों कंपनियों के विमानों का उपयोग अपने नेटवर्क विस्तार में करती रही है.
दोनों कंपनियों ने कौन-कौन से विमान बेचे
भारत में इस समय बोइंग के पास 56 वाइड-बॉडी और 113 नैरो-बॉडी विमान हैं, जबकि एयरबस ने नैरो-बॉडी श्रेणी में ही सबसे अधिक निवेश किया है. एयरबस के 675 डिलीवर्ड विमानों में से 143 विमान A321neo और 281 विमान A320neo हैं. बोइंग ने भारत में अब तक 33 787 ड्रीमलाइनर और 23 विमान 777 सीरीज के डिलीवर किए हैं. अहमदाबाद में हाल ही में हुए हादसे में भी एक 787 ड्रीमलाइनर विमान शामिल था. वर्तमान में भारत में 63 बोइंग 737 मैक्स विमान ऑपरेशन में हैं, जिनमें से 48 एयर इंडिया, 8 आकाशा एयर और 7 स्पाइसजेट के बेड़े का हिस्सा हैं.
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